आधुनिक समय में आम तौर पर हम भुखमरी या भोजन की अनुपलब्धता के कारण खराब पोषण का सामना नहीं करते हैं बल्कि अधिक भोजन खाकर भी हम लोग कुपोषण का शिकार हो जाते हैं । हम अपने आपको आवश्यकता से अधिक खिलाते हैं फिर भी हमें पूरा पोषण नहीं मिल पाता है । इसकी मुख्य वजह है हम लोगों की बदली हुई जीवन शैली के साथ खाने की बदली हुई आदतें जिससे हमें पोस्टिक भोजन नहीं मिल पता है । चलिए इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि पौस्टिक एवं संतुलित भोजन क्या होता है ? और हमारी स्वस्थ जीवन शैली में आहार की भूमिका क्या होती है।
पौस्टिक आहारों की कमी का मुख्य कारण है, बिगड़ी हुई जीवन शैली –
आप दिन की शुरुआत 7 बजे दो कप चाय के साथ करते हैं। सुबह के नाश्ते में जैम, ब्रेड, चीज़, टोस्ट, खाखरा, इडली, उपमा या पोहा कुछ भी हो सकता है। लंच अक्सर क्लाइंट के साथ हो जाता है। यह आपके पसंदीदा रेस्टोरेंट में दाल या सब्जी के साथ रुमाली रोटी या नान हो सकता है या फिर फ्रूट ज्यूस के साथ डोसा व सैंडविच हो सकता है। दिन भर में आपको बहुत से क्लाइंट से मिलना होता है और इस दौरान बहुत ज्यादा चाय, कॉफी या कोल्ड ड्रिंक पी लेते हैं। शाम को अगर वक्त होता है, तो आप स्विमिंग के लिए या टहलने के लिए निकल जाते हैं। डिनर अक्सर दोस्तों या क्लाइंट्स के साथ बाहर या फिर घर पर मेहमानों के साथ हो जाता है। आपको डिनर में दाल रोटी पसंद नहीं है, इसलिए अक्सर रेस्टारेंट में चाइनीज या मैक्सिकन फूड लेते हैं और जब घर पर खाना हो तो आपके डिनर में परांठा, सब्जियां या छोले पूरी या पाव भाजी, या बिरयानी, या फ्राइड पापड़ के साथ छोला भटूरा और साथ में सॉफ्ट ड्रिंक होता है।
अब भी आपको लगता है आप ठीक से खा रहे हैं। आप विटामिन सप्लीमेंट भी नियमित रूप से लेते हैं और मानते हैं कि आप सेहत मंद जिंदगी बिता रहे हैं। आपकी समस्या सिर्फ यह है कि आप अधिकतर थकान महसूस करते हैं और एक्सरसाइज करने के बावजूद भी आपका वजन बिना किसी कारण बढ़ा हुआ प्रतीत होता है। यह सब हम सामान्य मानकर स्वीकार कर लेते हैं। जब तक कि आप बिना किसी विशेष समस्या के आगे बढ़ते रहते हैं आपको स्वस्थ समझा जाता है। जब तक कि कोई बीमारी अपने लक्षण नहीं दिखाती तब तक हम अपनी जीवनशैली और खाने की आदतों में कोई बदलाव लाना पसंद नहीं करते।
अधिकतर लोग इसे सामान्य डाइट मानकर स्वीकार करते हैं। इसमें खाना पर्याप्त खाया जाता है, लेकिन भोजन के सबसे मुख्य पहलू ‘न्यूट्रिएंट डेंसिटी’ (पोषण घनत्व) की मात्रा बेहद कम होती है। दरअसल किसी भी खाने की ‘न्यूट्रिएंट डेंसिटी’ उस भोजन में उपलब्ध पोषक पदार्थों की मात्रा होती है। जितने ज्यादा भोजन में पोषक तत्व होंगे उतना ही वह आपके शरीर को फायदा पहुंचाएगा। भोजन की कैलोरी वैल्यू से ना घबराएं। ‘न्यूट्रिएंट डेंसिटी’ की ओर ध्यान दें। उदाहरण के लिए कच्चे मेवे जैसे बादाम, किशमिश, अखरोट बेहद स्वास्थ्यप्रद समझे जाते हैं क्योंकि वे मैग्निशियम, विटामिन ई, जिंक, फाइबर, एसेंशियल ऑयल के अच्छे स्रोत होते हैं हालांकि वे उच्च कैलोरीयुक्त भी होते हैं। (पौस्टिक एवं संतुलित भोजन)
पौष्टिकता के लिए इनसे परहेज करें –
आज के आधुनिक समय में हम भुखमरी या भोजन की अनुपलब्धता के कारण खराब पोषण का सामना नहीं करते फिर भी हमें पूरा पोषण नहीं मिलता क्योंकि हमारी खाने की आदतें बदल चुकी हैं। हम मैदा से बने रिफाइंड फूड जैसे ब्रेड, पाव, नान, रुमाली रोटी और इसके अलावा तेल में सिका डोसा इत्यादि से अपने आप को आवश्यकता से अधिक खिलाते रहते हैं। हमारी सब्जियां तेल, चीनी, नमक, सोडा जैसी चीजों के साथ खूब लंबे समय तक पकाई जाती हैं। हमारे यहां गेहूं के आटे से चोकर छानकर रोटी बनाई जाती है। ज्यादातर बिस्कुट मैदा से बने होते हैं और जिन बिस्कुटों पर होल व्हीट फ्लोर’ (चोकर युक्त आटा) का लेबल लगा होता है उनमें होल व्हीट फ्लोर के साथ मैदे का भी कुछ प्रतिशत पाया जाता है। हमारे टीनएजर बर्गर, पिज्जा, सॉफ्ट ड्रिंक, चिप्स, सैंडविच की ओर आकर्षित रहते हैं।
आप अपने आपको थका हुआ और आलसी इसलिए महसूस करते हैं क्योंकि इस खुराक से लिया जाने वाला पोषण बेहद कमजोर है। बदलते हुए भोजन परिदृश्यों में हमें अपोषित भोजन प्राप्त हो रहा है। हमारे शरीर की संरचना ऐसी नहीं है कि वह अत्यधिक मैदे से बना खाना या रिफाइंड भोजन खा सके। इस तरह के भोजन के उपापचय के लिए ज्यादा पोषकों की जरूरत होती है। जिसका अर्थ है कि जैसे ही हम इस पोषण रहित भोजन को खाते हैं, हम अपने बी कॉम्लेक्स, क्रोमियम और दूसरे पोषक पदार्थो के संचय को समाप्त कर रहे होते हैं।
पौस्टिक एवं संतुलित भोजन के लिए क्या खाएं –
हमारे शरीर को केवल जिंदा रहने की नहीं बल्कि स्वस्थ रहने की जरूरत है। सेहतमंद रहने के लिए खुराक को ठीक करना और अनुकूलतम वजन प्राप्त करने का मतलब है अपने भोजन और पोषक पदार्थों से बेहतरीन फायदा उठाना। इसके लिए जरूरी नहीं कि आप अपने मनपसंद भोजन की उपेक्षा करें। दरअसल सही खाने की जानकारी आपको स्वस्थ जीवन का उत्सव मनाने में भरपूर मदद करेगी।
- रोजाना कच्ची सब्जियों (पालक-टमाटर-चुकंदर या गाजर-चुकंदर) का एक गिलास जूस पिएं ।
- प्रतिदिन 8 से 10 गिलास पानी पिएं ।
- प्रतिदिन 3-4 छोटा चम्मच तेल/घी का उपभोग बंद करें ।
- होल व्हीट ब्रेड का इस्तेमाल करें।
- सफेद चावल की जगह ब्राउन राइस लें ।
- दूध की जगह सोया मिल्क काम में लें।
- अंकुरित भोजन खाएं ।
- फ्राइड नाश्ते की बजाय भुना हुआ चना खाएं ।
- जूस पीने के के बजाय फल खाएं।
- ज्वार, बाजरा, दालें अधिक से अधिक काम में लें।
- आटा मोटा पीसा हुआ प्रयोग करें अगर हो सके तो चोकर सहित आते का प्रयोग करें ।
- सफेद नमक की जगह हिमालयन पिंक साल्ट का प्रयोग करें ।
- चीनी का प्रयोग काम से काम करें अगर सम्भव हो तो चीनी की जगह गुड़ या शकर का प्रयोग करें ।
- नियमित मात्रा में अंडा , मछली और मांस का सेवन करें ।
- सुबह चाय के साथ बासी रोटी खाएं इसमें अधिक विटामिन होते हैं ।
प्रतिदिन की पौस्टिक व स्वस्थ खुराक –
स्वस्थ व पौष्टिक खुराक के लिए हमें प्रतिदिन निम्न प्रकार से भोजन खाना चाहिए –
नाश्ता –
- चाय एक कप
- अंकुरित अनाज (मूंग, चना, राजमा) एक कप या एक प्याला आपकी पसंद के फल, या पोहा ।
दोपहर का खाना –
- गेहूं/ज्वार/ बाजरा की रोटी
- ब्राउन राइस
- सब्जी
- दाल
- सलाद
- दही (इसके लिए कम वसा वाला दूध इस्तेमाल करें)
शाम का नाश्ता –
- चाय एक कप
- 5-6 बादाम या मुट्ठी भर भुना हुआ चना
- मूंगफली
- ताजा फल
रात का भोजन –
- दोपहर के खाने के समान ही
कुछ पोषण युक्त डिस और उनको बनाने की विधि –
चलिए आगे हम आपको कुछ पौस्टिक व स्वस्थ वर्धक डिस व उनको बनाने की विधि बताते हैं, जिन्हे आप खाकर स्वस्थ रह सकते हैं ।
कैप्सिकम-नूडल्स बींस करी (पोषण युक्त स्वादिष्ट सब्जी) –
सामग्री –
- 250 ग्राम शिमला मिर्च
- 100 ग्राम नूडल्स
- 1 कप टमाटर सॉस
- 1 छोटा चम्मच चिली सॉस
- 1 छोटा चम्मच सोया सॉस
- 3 कप अंकुरित मूंग (पके हुए)
- 1 छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर
- 6 टुकड़े हरे प्याज
- 1/2 कप तेल
- नमक स्वादानुसार।
बनाने की विधि –
शिमला मिर्च को लंबे टुकड़ों में काट लीजिये फिर नूडल्स को गर्म, नमक मिले हुए पानी में पांच मिनट के लिए पकाएं । उसके बाद अतिरिक्त पानी को निकाल दें और इन्हें ठंडे पानी में भिगोने के बाद अलग रख दें । फिर एक कड़ाही में तेल गर्म करें और कटी हुई शिमला मिर्च इसमें मिलाएं । नर्म पड़ने तक इसे पकाएं ।अब इसमें उबले हुए मूंग, नूडल, नमक और लाल मिर्च पाउडर को मिलाकर हिलाएं। अब टमाटर सॉस, चिली सॉस और सोया सॉस को इसमें मिलाएं और अच्छी तरह मिक्स करें। कटे हुए प्याज की टॉपिंग के साथ गर्मा-गर्म सर्व करें।
हर्ब न्यूट्रिन (सर्दियों के लिए फायदेमंद) –
पानी उबालें । अब इसमें गुड़, सूखा हुआ अदरक पाउडर (सौंठ + पीपरीमोल) और अंत में बादाम मिलाएं। इसमें थोड़ा सा घी भी डाल दें । आपके लिए एक पौष्टिक पदार्थों से भरपूर पेय पदार्थ तैयार है जिसे आप सर्दियों में प्रयोग कर सकते हैं ।
बेबी कॉर्न एंड पनीर कॉम्बीनेशन (4 लोगों के लिए) –
सामग्री –
- एक कप बेबी कॉर्न स्लाइस
- एक कप पनीर की स्लाइस
- एक कप प्याज की स्लाइस
- 1/2 कप शिमला मिर्च की स्लाइस
- एक कप टमाटर की स्लाइस
- एक छोटा चम्मच भुना हुआ जीरा पाउडर
- 1/2 छोटा चम्मच मिर्च पाउडर
- 2 बड़े चम्मच तेल
- नमक स्वादानुसार
विधि –
तेल को गर्म करें और प्याज को फ्राई कर लें फिर बेबी कॉर्न और शिमला मिर्च इसमें मिलाएं और इसे 3 से 4 मिनट के लिए पकाएं । उसके बाद इसमें टमाटर मिलाएं और दुबारा फ्राई करें । फिर इसमें जीरा पाउडर, मिर्च पाउडर और नमक को मिलाएं। इस सबको अच्छी तरह से मिक्स करें और एक मिनट के लिए पकाएं । अंत में पनीर के टुकड़े इसमें मिलाएं और 3 मिनट के लिए पकाएं । गर्मा गर्म सर्व करें। (बेबी कॉर्न अगर कड़क हैं तो उन्हें कुछ समय के लिए और पका लें)
कैबेज कॉम्बीनेशन (सलाद) –
सामग्री-
- एक मध्यम आकार की पत्ता गोभी
- सलाद पत्तियों का एक गुच्छा
- दो शिमला मिर्च
- दो बड़े चम्मच कसा हुआ नारियल
- 1/4 कप अनार के दाने
- रात को भिगोई हुई दो बड़े चम्मच मूंगफली
- नमक स्वादानुसार
- नींबू स्वादानुसार
विधि –
पत्ता गोभी को क्रस कर लें और शिमला मिर्च काट लें फिर पत्ता गोभी, शिमला मिर्च, मूंगफली, नारियल, अनार दाना, नमक और नींबू को एक साथ मिला लें । सलाद बॉउल में सलाद की पत्तियों को किनारे पर लगाएं और तैयार सलाद को बीच में लगाएं । अब ताजे ताजे पौस्टिक सलाद का आनंद लें ।
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पौस्टिक एवं संतुलित भोजन