चाहे कोई काम हो यादास्त हर किसी को तेज ही चाहिए आज हम स आर्टिकल में जानते हैं की कैसे हम अपनी यादास्त या स्मरण शक्ति को बड़ा सकते हैं। आइये विस्तार से जानते हैं कि स्मरण शक्ति व यादास्त बढ़ाने के घरेलू उपाय और बुद्धि तेज करने का योगासन कौन-कौन से हैं।
कैसे बढ़ाएं यादास्त या स्मरण शक्ति
हम निम्न उपाय अपनाकर अपनी यादास्त को बढ़ा सकते हैं –
1- निरंतर अभ्यास से
स्मरण शक्ति या याददास्त (Memory power) मस्तिष्क की एक बड़ी शक्ति होती है । हमारे द्वारा किसी को देखकर या सुनकर जो ज्ञान हो, वह अपना कर उसे दोहरा देना ही स्मरण-शक्ति या यादास्त कहलाता है। पढ़े सुने वाक्य को मन में या जोर-जोर से बोल कर कई बार दोह राने से वह अच्छी तरह याद हो जाता है और इससे हमारी याददास्त पक्की हो जाती है। किसी वाक्य को समझ लिया जाए तथा उसमें दिलचस्पी ली जाए, तो याद करने में आसानी होती है। पढ़ने के 15 मिनट बाद उसे फिर बिना देखे दोहराना चाहिए। ऐसी कोशिश 3 मिनट तक करनी चाहिए। जब याद न आए, तभी उसे पुनः देखना चाहिए। 8घंटे बाद फिर उसे दोहराना चाहिए या सुबह उठने पर पुन: दोहराना चाहिए। जिसे याद करना है, उसे अच्छी तरह पढ़ने के बाद फिर दूसरा कुछ न पढ़ा जाए और आराम किया जाए, तो आराम के बाद वह पढ़ा हुआ अधिक व अच्छी तरह याद रहता है।
2- व्यायाम अथवा उचित खुराक से
हमारी अच्छी याददास्त मस्तिष्क की शक्ति पर निर्भर करती है। जब तक शरीर स्वस्थ, हृष्टपुष्ट रहता है, स्मरण-शक्ति भी ठीक रहती है। अतः स्मरण-शक्ति को बढ़ाने के लिए शरीर को हल्के व्यायाम, उचित भोजन आदि से स्वस्थ रखने की कोशिश करनी चाहिए। आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के अनुसार मस्तिष्क शरीर का 2.5 प्रतिशत भाग है, किंतु किए गए भोजन का 20 प्रतिशत भाग मस्तिष्क में खर्च होता है। मस्तिष्क के पोषण के लिए एक तो ग्लूकोज आवश्यक है, दूसरे बढ़िया किस्म के अमीनो एसिड जैसे मेथियोनीन, ग्लूटेमिक एसिड आदि आवश्यक हैं। इसीलिए दूध, बादाम आदि अच्छी याददास्त के लिए उपयोगी हैं। विटामिन बी1, बी2, बी6भी आवश्यक हैं। मस्तिष्क की स्मरण करने की शक्ति सुबह 12 बजे तक बहुत अच्छी रहती है। फिर दोपहर 2 बजे से 5-6बजे तक भी अच्छी रहती है। याददास्त 25 वर्ष की उम्र तक बढ़ती है और 40-45 वर्ष की उम्र तक कायम रहती है, इसके बाद धीरे-धीरे घटती जाती है। कविताओं, श्लोकों आदि को याद करते रहने से स्मरण शक्ति बढ़ती है। (स्मरण शक्ति व यादास्त बढ़ाने के घरेलू उपाय)
3- बीमारियों से सुरक्षित रहकर
मस्तिष्क में कोई विकृति (डिजनरेशन) होने की प्रक्रिया शुरू होने पर या मस्तिष्क के अंदर इन्टाक्रेनियल प्रेसर बढ़ जाने से मस्तिष्क के स्मरण करने की शनि तथा बुद्धि-शक्ति मंद पड़ने लगती है, अत: बड़ी उम्र में रक्तभार (ब्लड प्रेसर) तथा धमनी स्रोतों में अवरोध (एथीरोस्केलरोसिस) को रोकने के उपाय कर लेने से यादास्त ठीक रहती है।
दिमाग तेज करने के घरेलू उपाय
अब हमारे मन में एक सवाल बार बार आता है कि हमें दिमाग तेज करने के लिए कौन सा फल खाना चाहिए, या हम अपनी मेमोरी बढ़ाने के लिए क्या खाएं, हमें दिमाग तेज करने के लिए क्या खाना चाहिए, हमारी यादास्त कैसे बढ़ती है इन सब सवालों के जवाब आगे दिए जा रहे हैं इनमे से कुछ यौगिक आहार सलाहें आपको सही चुनाव करने में मदद करेंगी –
1- अखरोट खाने से यादास्त बढ़ती है
थोड़ी मात्रा में अखरोट का उपयोग, मस्तिष्क को आहार देने के साथ साथ हृदय में नई शक्ति का संचार करने वाला होता है। अच्छी वसा की कमी भी गंभीर तनाव बढ़ा सकता है। थोड़ी मात्रा में अखरोट का उपयोग, मस्तिष्क आहार और हृदय में नई शक्ति का संचार करने वाला होता है। जैतून के तेल से भी बाकी अच्छी वसा प्राप्त की जा सकती है।
2- रिफाइंड शुगर (सफेद चीनी), मैदा, एल्कोहल आदि का प्रयोग न के बराबर करें
रिफाइंड शुगर (सफेद चीनी), मैदा, एल्कोहल और अन्य व्यसनी पदार्थ आपके आहार में शामिल हैं तो हो सकता है कि शुरुआत में आप उत्तेजित महसूस करें। योग में इस तरह के खाने को तामसिक भोजन कहा जाता है क्योंकि यह आपके व्यक्तित्व में गमनशील उतार चढ़ाव को प्रोत्साहित करने का काम करता है। इस प्रकार के भोजन के अन्य कुप्रभावों में उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, मोटापा, गठिया और हड्डियों की दुर्बलता है। साथ ही मस्तिष्क पर भी इसका प्रभाव खतरनाक होता है। आप दूर भागती दिखाई देने वाली इस उत्तेजना को महसूस करने के लिए इस तरह के नुकसानदायक भोजन की अधिक से अधिक जरूरत महसूस करते रहेंगे। इस प्रतिकृति को तोड़ने के लिए मनोवैज्ञानिक और व्यावहारिक परिवर्तन से ऐसे व्यसनी भोजन/तत्वों की उपेक्षा करें। (स्मरण शक्ति व यादास्त बढ़ाने के घरेलू उपाय)
3- स्वस्थ आहार लें
ट्रिप्टोफन नाम का अमीनो एसिड शरीर में सेरोटोनिन स्रावित होने में महत्वपूर्ण है। इसका मतलब खाने में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाना है। जटिल कार्बोहाइड्रेट शामिल करना स्वस्थ संतुलन देता है क्योंकि स्रावित होने वाला इंसुलिन रक्त में उपलब्ध अतिरिक्त रक्त शर्करा को साफ कर मस्तिष्क में ट्रिप्टोफन का बेहतर तरीके से प्रवेश संभव कर पाता है, इसलिए संतुलित आहार लें जिसमें स्वस्थ प्रोटीन और स्वस्थ कार्ब हों। इसके लिए फली, मूंग और सभी प्रकार के अनाज का संतुलित उपयोग करें, जो कि एक आदर्श यौगिक आहार-सात्विक आहार की श्रेणी में आता है।
4- विटामिन बी युक्त आहार लेकर
विटामिन बी की कमी ट्रिटो फन को घटा सकती है चूंकि शरीर उपापचय के समय इसका उपयोग कर लेता है। यह ‘हैप्पी’ विटामिन जो मिजाज़ को प्रसन्न रखता है, सिर्फ सात्विक आहार जैसे ब्राउन राइस, यीस्ट, साबुत अनाज, दूध और डेयरी उत्पादों में पाया जाता हैं।
दिमाग तेज करने के लिए योगासन (परिवृत्ति कोणासन)
सीधे खड़े हो जाएं। दोनों पैरों के बीच एक मीटर का फासला रख कर उन्हें फैला लें। अब सांस खींचते हुए, अपने दाहिने हाथ को ऊपर उठाइए, इतना कि वह आपके कानों को छू सके। ऐसा करते वक्त आपका बायां पैर बाहर की तरफ फैला होना चाहिए। अपने दाहिने पैर को बाएं की तरफ हल्का सा फैलाएं। सांस छोड़ते हुए अपने बाएं हाथ को बाईं जांघ के समानांतर ले जाएं, इतना नीचे जितना कि बाएं पैर तक ले जा सकें। सांस लेते रहें और याद रखें अपने शरीर को आगे की ओर न झुकाएं। अब कुछ समय के लिए सांस लें और छोड़ते रहें। जब आप सांस छोड़ें, अपने सिर को ऊपर की तरफ मोड़ लें। यह खिंचाव का चरम है और ऐसा हमेशा कुछ गर्माहट महसूस होने तक करते रहना चाहिए। आखिरी मुद्रा में अपने पैरों को घुटनों पर से न मोड़ें। सांस लें, छोड़ें और पहले वाली स्थिति में वापस आ जाएं। धीरे-धीरे सांस लें। अब दूसरी तरफ भी ऐसा ही दोहराएं।
परिवृत्ति कोणासन से लाभ
तनाव से लड़ने वाला यह एक शक्तिशाली आसन है। इसकी धड़ को निचोड़ने वाली गति शरीर के उन सभी अंगों को तरोताजा कर शक्ति प्रदान करती है जो तनाव के प्रतिकूल असर से ग्रस्त हैं। जैसा कि यह शरीर के दोनों हिस्सों को काम करने के लिए प्रोत्साहित करता है यह मस्तिष्क के दोनों गोलाधों को संतुलित करने में भी मदद करता है जिससे यादास्त तेज होती है। यह उन मांसपेशियों को भी ढीला करता है जो तनाव के कारण सिकुड़ गई होती हैं, जैसे गर्दन के पीछे का हिस्सा, कंधे और मेरूदंड आदि ।।
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