शेयर क्या है और कैसे शेयर मार्किट में निवेश करें ?
What is a stock and how to invest in a share market?
शेयर मार्किट या शेयर का नाम तो आपने तो सुना ही होगा, जबसे बैंक ब्याज दरों में गिरावट आयी है तबसे हर व्यक्ति शेयर मार्किट में अपनी जमा पूंजी लगाना चाहता है ! या यूं कहें कि आज कल हर कोई शेयर में इन्वेस्टमेंट करना चाहता है लेकिन इसके बारे में जायदा जानकारी न होने के कारण शेयर मार्केट में पैसा लगाने से हिचकते हैं ! शेयर मार्किट में जितना अधिक लाभ है उतना अधिक जोखिम भी होता है ! आज हम शेयर मार्किट के बारे में विस्तार से जानते हैं ! शेयर क्या है और कैसे शेयर मार्किट में निवेश करें ? What is a stock and how to invest in a share market?
शेयर :-
वित्तीय भाषा में , अंश अथवा शेयर का अर्थ किसी कंपनी के स्वामित्व का भाग या हिस्सा होता है। एक कंपनी के कुल स्वामित्व को लाखों करोड़ों टुकड़ों में बाँट दिया जाता है। स्वामित्व का हर एक टुकड़ा एक शेयर कहलाता है। जिसके पास ऐसे जितने ज्यादा टुकड़े, यानी जितने ज्यादा शेयर होंगे, कंपनी में उसकी हिस्सेदारी उतनी ही ज्यादा होगी। लोग इस हिस्सेदारी को खरीद-बेच भी सकते हैं। इसके लिए बाकायदा शेयर बाजार या शेयर मार्केट (स्टॉक एक्सचेंज) बने हुए हैं। भारत में बाम्बे स्टाक एक्सचेंज (बी॰एस॰ई॰) और नेशनल स्टाक एक्सचेंज (एन॰एस॰ई॰) सबसे प्रमुख शेयर बाजार हैं।
शेयर मार्केट :-
शेयर मार्केट या शेयर बाजार एक ऐसा बाज़ार या मंदी होती है जहाँ कंपनियों के शेयर खरीदे-बेचे जा सकते हैं। किसी भी दूसरे बाज़ार की तरह शेयर बाज़ार में भी खरीदने और बेचने वाले एक-दूसरे से मिलते हैं और मोल-भाव कर के सौदे पक्के करते हैं। पहले शेयरों की खरीद-बिक्री मौखिक बोलियों से होती थी और खरीदने-बेचने वाले मुंहजबानी ही सौदे किया करते थे। लेकिन अब यह सारा लेन-देन स्टॉक एक्सचेंज के नेटवर्क से जुड़े कंप्यूटरों के जरिये होता है। इंटरनेट पर भी यह सुविधा मिलती है। आज स्थिति यह है कि खरीदने-बेचने वाले एक-दूसरे को जान भी नहीं पाते। एक प्रकार से देखा जाय तो शेयर मार्केट में शेयरों की नीलामी होती है। अगर किसी को शेयर बेंचना होता है तो सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को ये बेंच दिया जाता है। या अगर कोई शेयर खरीदना चाह्ता है तो बेचने वालो मे से जो सबसे कम कीमत पे तैयार होता है उससे शेयर खरीद लेता है।
शेयर बाज़ार में निवेश करते समय ध्यान रखने वाली प्रमुख १० बातें :-
Top 10 things to keep in mind while investing in the stock market :-
शेयर बाज़ार में निवेश करने वाले को निवेशकर्ता कहते हैं। सभी निवेशकर्ताओं को निवेश करने से पहले कई बातों के बारे में सावधानी बरतनी चाहिए और विशेषकर उन लोगों को जो पहली बार शेयर मार्केट में पैसा लगाने जा रहे होते हैं । सबसे पहले तो उन्हें शेयर बाज़ार में सौदा कैसे होता है ? ब्रोकर कौन होता है ? डीमेट एकाउंट क्या है ? उसे कौन खोलता है ? जैसी आधारभूत जानकारियां इन सभी के बारे में भी थोड़ी बहुत जरूर रखनी चाहिए। शेयर बाज़ार में निवेश करना बहुत ही जोखिम भरा कार्य है, इसलिए शेयर बाज़ार में निवेश करने से पहले निम्न १० बातों का ध्यान रखना चाहिए :-
- अपनी बचत की हुई संपूर्ण राशि को सिर्फ शेयरों में निवेश न करें शुरुआत १५ प्रतिशत से ही करें। उदाहरण के तौर पर अगर आपके पास एक लाख रुपए बचत राशि है तो पन्द्रह हजार रूपये ही शेयरों में निवेश करें।
- एक ही कंपनी के शेयर न लेते हुए अलग-अलग और अच्छी साख वाली कंपनियों के शेयरों में निवेश करें। जैसे कि एक शेयर आई.टी. क्षेत्र का, दूसरा बैंकिंग, तीसरा इंफास्ट्रक्चर, चौथा टेलिकम्युनिकेशन या सीमेंट या फिर स्टील वगैरह का हो , परंतु वे सारे शेयर अच्छी साख रखने वाली कंपनियों के होने चाहिए।
- शेयरों को खरीदते और बेचते समय आपके पास पैन’ (परमानेंट एकाउंट नंबर) और डीमेट एकाउंट का भी होना जरूरी है।
- शेयर बाजार में शेयर खरीदने और बेचने के लिए आप उस ब्रोकर का चुनाव करें, जिसकी इमेज और सर्विस अच्छी हो। शेयर बाज़ार में होने वाले सभी उतार चढ़ाव की जानकारी उसके पास हो। साथ ही वह पंजीकृत भी हो, इस बात का ध्यान जरूर रखें।
- टिप्स कल्चर से गुमराह न हों। लोग कई तरह की नई-नई स्क्रिप्स खरीदने की सलाह देने लगेंगे। उनमें दाम तो बढ़ते होंगे, लेकिन बिना सोचे-समझे खरीदने में लेने के देने पड़ सकते हैं।
- आपके रिश्तेदार, मित्र, सहेली, पड़ोसी अगर उन्हें किसी शेयर को बेचकर अच्छा दाम मिला है तो आप इस भ्रम में कतई न रहें कि उसी शेयर को खरीदकर और बेचकर आपको भी अच्छा दाम मिलेगा ।
- शेयर बाजार की अफवाहों और प्रसार माध्यमों से पढ़कर किसी भी कंपनी के बारे में सुनकर निवेश न करें। कंपनी के बारे में संपूर्ण जानकारी कंपनी की वेबसाइट पर उपलब्ध होती है। इसे अच्छी तरह पढ़कर ही निर्णय लें।
- निवेश लंबे समय का खेल है, लेकिन जिसे डे ट्रेडिंग कहते हैं वह एक सट्टा है। इसमें शेयर जल्दी खरीदकर बेचने की प्रक्रिया होती है, इसीलिए निवेश और सट्टे के फर्क को समझें। डे ट्रेडिंग में बहुत जोखिम होता है। इसमें आपकी बचत रकम पूरी तरह डूब भी सकती हैं।
- जब भी शेयर खरीदें लंबे समय के लिए खरीदें। अगर उसके दाम आज कम होते हैं तो भविष्य में बढ़ने के आसार भी होते हैं। इसके बावजूद अगर बीच में ही अच्छा प्रॉफिट मिल रहा है तो प्रॉफिट बुक कर लेना चाहिए। कम से कम 50 प्रतिशत शेयर मुनाफा लेकर बेच दें। अगर किसी कमजोर साख की कंपनी के शेयर लिए हैं तो उससे नुकसान उठाने के लिए भी तैयार रहें।
- शेयर बाज़ार बहुत ही संवेदनशील होता है। उस पर हर तरह की घटना का प्रभाव पड़ता है। जैसे कि अमेरिका के अर्थतंत्र का, क्रूड के दामों, राजकीय घटनाओं, महंगाई, कंपनियों के परिणामों, एशियन मार्केट्स, उद्योगों का प्रभाव, इसलिए उसमें उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहती है। इसके आधार पर इंडेक्स में भी उतार-चढ़ाव होता रहता है। आपको तो सिर्फ अपने शेयर के बारे में जानकारी रखनी होती है, इंडेक्स के बारे में नहीं। अगर आपके शेयर अच्छी कंपनी के हैं तो फिर से बढ़ेंगे।
शेयर बाजार भी महिलाओं की तरह छुई-मुई सा है, अगर आपको इससे रिश्ता बढ़ाना है तो पहले अच्छी तरह इसके स्वभाव को देखना-परखना और समझना जरूरी होगा । एक बार इसे अच्छी तरह समझ लिया तो फिर पौ-बारह वर्ना टूटा सितारा ! मुझे आशा है कि इन टिप्स को अपना कर आप शेयर मार्केट से अच्छा मुनाफ़ा ले सकते हैं !
शेयर बाज़ार के 16 सबक :-
जैसा कि मैं ऊपर बता चुका हूँ कि शेयर बाजार में बहुत जोखिम है इसलिए शेयर मार्केट में निवेश से पहले बहुत सी सावधानीयाँ रखनी जरूरी हैं ! मैं ऐसे १६ टिप्स आपको देना चाहूँगा जिसे अपना कर आप अपने जोखिम को कम कर, अधिक मुनाफा कमा सकते हैं !
- शेयर ब्रोकर का ट्रैक रिकॉर्ड और उसकी सेवाओं को अच्छी तरह से जान लें। मात्र पंजीकृत शेयर ब्रोकर के जरिए ही सौदे करें।
- नकद व्यवहार के बजाय बैंकिंग व्यवहार करें।
- ‘कॉन्ट्रेक्ट’ नोट लेने का आग्रह करें।
- ‘टिप्स’ सुनें जरूर परन्तु आंख बंद करके इसका अनुसरण न करें।
- आपके किसी मित्र या परिचित ने शेयर बाजार में अच्छी कमाई की है तो आप भी कमाएंगे, ऐसा भ्रम न पालें।
- किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले उसका फंडामेंटल समझ लें।
- रातों-रात लखपति बनने की इच्छा के साथ शेयरों का सौदा करेंगे तो रातों-रात लाखों गंवाने की तैयारी भी रखनी पड़ेगी।
- शेयर बाजार को आप जुआ समझेंगे तो यह आपको जुआरी ही बनाएगा, परन्तु यदि सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट समझकर निवेश करेंगे तो आप एक सफल निवेशक बनेंगे।
- शेयर बाजार संवेदनशील होता है, उसकी संवेदनशीलता और जोखिम को समझें।
- निवेश करना एक कला है। यदि आपको समझ में न आए तो किसी पेशेवर की सलाह लें किन्तु साथ ही साथ अपनी समझ विकसित करने के लिए भी प्रयासरत रहें।
- पांच – दस रुपये की चीज लेते समय भी उसका भाव, क्वालिटी और अन्य चीजें देखते हैं तो फिर हजारों रुपए के शेयर लेते समय भी इन सबको देखना चाहिए !
- तेजी का समय शेयर खरीदने का समय नहीं बल्कि शेयर बेचने का समय होता है।
- जब मंदी हो तो उस समय शेयर न बेचें परन्तु खरीदें जरूर।
- निवेश और सट्टे के अंतर को समझकर आगे बढ़ें।
- आप अपनी बचत की सारी रकम शेयर बाजार में न लगाएं, इससे अच्छा है कि प्रारंभ में बचत की १० से १५ प्रतिशत राशि ही लगाएं।
- लालच सुरसा के मुंह की तरह बढ़ता जाता है। ज्यादा लालच में न फंसें सिर्फ नफा घर ले जाने का लक्ष्य रखें।
शेयर बाज़ार की शब्दावली :-
शेयर बजार में बहुत सी श्ब्दावालीयाँ चलन में हैं, हमें अपना जोखिम कम करने और अधिक मुनाफा कमाने के लिए इन्हें समझ लेना आवश्यक है !
- ऐट पार :- किसी शेयर को उसी कीमत पर जारी करना या बेचना जो उस शेयर के शेयर प्रमाण पत्र पर अंकित हो !
- ऐट प्रीमियम :- शेयर प्रमाण पत्र पर अंकित मूल्य की तुलना में अधिक मूल्य पर शेयर को जारी करना या बेचना।
- उच्च एवं निम्न :– पिछले 52 सप्ताह की अवधि में प्रत्येक शेयर का अधिकतम और न्यूनतम मूल्य।
- कॉल मनी :- कोई भी कंपनी शेयर जारी करते समय शेयर मूल्य का एक भाग आवेदनकर्ता से एडवांस में ले लेती है , जिसे कॉल मनी कहते हैं सेष राशि आवेदनकर्ता को किश्तों में बाद में देनी होती है !
- एडवांस डिक्लाइन :– यह शेयर बाज़ार की प्रवृत्ति को प्रदर्शित करने वाला एक माप है। किसी समयावधि में मूल्यवृद्धि को प्रदर्शित करने वाले शेयरों की संख्या का मूल्य ह्रास वाले शेयरों की संख्या के साथ अनुपात ही एडवांस डिक्लाइन कहलाता है !
- कर्ब ट्रेडिंग :- एक्सचेंज के बाहर एक्सचेंज द्वारा तय किए गए समय के बाद दलालों के बीच होने वाले शेयरों का लेन-देन, जिसकी सूचना स्टॉक एक्सचेंज के अधिकारियों को नहीं दी जाती है !
- डीमेट एकाउंट :- शेयरों को खरीदने या बेचने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले खाते को डीमेट एकाउंट कहा जाता है ! जिस प्रकार अपना पैसा बैंक अकाउंट में रखा जाता है ठीक उसी प्रकार डीमैट खाता में अपने शेयर रखे जाते है ! इस अकाउंट को खुलवाने के लिए पेन कार्ड का होना जरुरी है. बिना PAN कार्ड के डीमैट खाता नहीं खोला जा सकता है !
- जोबर :– स्टॉक एक्सचेंज में शेयरों के व्यापार के लिए निर्धारित स्थान पर शेयरों की खरीद बिक्री करने वाला व्यक्ति, जिसे तरावनी वाला या बाज़ार निर्माता भी कहते हैं। यह शेयरों के खरीद मूल्य तथा बिक्री मूल्य दोनों में बहत मामूली अंतर पर काम करता है।
- मेगा इश्यू :- किसी कंपनी द्वारा बहुत बड़ी संख्या में जारी किए गए शेयर या ऋण पत्र, जिनका मूल्य कई सौ करोड़ रुपए हो !
- लिमिटेड कंपनी :- ऐसी कंपनी, जिसका स्वामित्व अंश दाताओं के बीच बंटा हुआ हो और इसमें प्रत्येक अंशदाता का उत्तर दायित्व उसके अंश तक ही सीमित होता है।
- स्वीट शेयर :- स्वीट ईक्विटी शेयरों से तात्पर्य ऐसे शेयरों से है, जो कंपनी के कर्मचारियों या किसी अन्य को रियायती मूल्य पर आवंटित किए गए हों या फिर कोई प्रौद्योगिकी अथवा बौद्धिक संपदा अधिकार कंपनी को उपलब्ध कराने या कोई अन्य मूल्य बढ़ोतरी करने के बदले में निशुल्क या कम दाम पर कंपनी द्वारा उपलब्ध कराए गए हैं।
- लाक डाउन :- शेयर बाज़ारों पर निगरानी रखने वाली संस्था सेबी ने विशेष श्रेणी के स्वीट ईक्विटी शेयरों के लिए तीन वर्ष का लॉक इन पीरिएड निर्धारित बी किया है। इसका तात्पर्य यह है कि आवंटन की तिथि से तीन वर्ष तक इन्हें किसी अन्य को बेचा नहीं जा सकेगा। सामान्य ईक्विटी शेयरों की भांति यह शेयर, शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होते हैं ।
- तेजड़िया और मंदड़िया (बुल्स एंड बेयर्स) :- यह स्टॉक एक्सचेंज के शब्द हैं। जो व्यक्ति स्टॉक की कीमतें बढ़ाना चाहता है, तेजड़िया कहलाता है और जो व्यक्ति स्टॉक की कीमतें गिरने की आशा करके किसी वस्तु को भविष्य में देने का वायदा करके बेचता है, वह मंदड़िया कहलाता है।
ब्रिज लोन :- कंपनियां आमतौर पर अपनी पूंजी का विस्तार करने के लिए नए शेयर तथा डिबेंचर्स जारी करती रहती है। कंपनी को शेयर जारी करके पूंजी जुटाने में तीन माह से भी अधिक समय लगता है। इस समयावधि में अपना काम जारी रखने के लिए कंपनियां बैंकों से निश्चित अवधि के लिए ऋण प्राप्त कर लेती हैं जिसे ही ब्रिज लोन कहते हैं । - डिविडेन्ड :- कंपनियों से शेयरों पर प्राप्त लाभांश डिविडेन्ड कहलाता है।
- लिवाली और बिकवाली :- शेयरों की बड़ी मात्रा में खरीदारी लिवाली कहलाती है और बड़ी संख्या में शेयरों को बेचना बिकवाली कहलाता है।
- इंडेक्स :- बाज़ार का थर्मामीटर अथवा बाज़ार की स्थिति नापने वाला थर्मामीटर ही इंडेक्स कहलाता है। किस स्टॉक एक्सचेंज के शेयरों की मांग कितनी ज्यादा या कम है, इसका निर्धारण इंडेक्स देखकर किया जाता है। इंडेक्स ज्यादा होने या ऊपर जाने का मतलब बाज़ार के मजबूत होने से है। इस स्थिति में शेयरों की मांग बढ़ती है और उनके दाम भी बढ़ जाते हैं। इंडेक्स कम होने या फिर नीचे आने का मतलब बाज़ार कमजोर होने से है। ऐसी स्थिति में शेयरों की मांग कमजोर हो जाती है और शेयरों के दाम गिर जाते हैं। इंडेक्स बाज़ार को प्रभावित नहीं करता बल्कि बाज़ार से प्रभावित होता है।
- सेंसेक्स :- सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का एक सूचकांक है। यह सूचकांक 1986 में अस्तित्व में आया था। सेंसेक्स का पूरा नाम सेंसेटिव इंडेक्स है सेंसेक्स शब्द का पहली बार इस्तेमाल एक आर्थिक विश्लेशक दीपक मोहानी ने किया था ! सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सेंज की तीस बड़ी कंम्पनियों के शेयर पर आधारित होता है ! इसका आधार वर्ष 1978-79 है !
शेयर बाजार के सम्बन्ध में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नं :–
- प्रसन्न – शेयर ब्रोकर का चुनाव कैसे करें ?
उत्तर – बीएसई और एनएसई की वेबसाइट पर ब्रोकरों की सूची उपलब्ध है। इसके अलावा ब्रोकर भी अपनी जानकारियां अनेक माध्यमों से प्रकाशित करवाते रहते हैं, परन्तु शेयर ब्रोकर का चुनाव करते समय उसका ट्रेक रिकॉर्ड जरूर जान लेना चाहिए और यदि वे आपके घर और ऑफिस के निकट हो तो उसका चयन सुविधाजनक रहेगा। अब तो अनेक बैंक भी ब्रोकिंग का कारोबार करती हैं। उसमें से किसी को चुना जा सकता है। - प्रसन्न : डिपॉजिटरी पार्टीसिपेंट (डीपी) के रूप में किसका चुनाव करें ?
उत्तर : जहां तक हो सके यदि आपका ब्रोकर ऐसी सेवा उपलब्ध कराता है तो उसी से यह सेवा लें अथवा अपने घर या ऑफिस के निकट इस प्रकार की सेवा उपलब्ध कराने वाले को अपना डीपी चुनें। अधिकांश बैंक डीपी हैं। उसमें से अपनी पसंद की बैंक के पास डीमेट खाता खुलवाएं। आप अपने डीमेट एकाउंट का रिकॉर्ड ठीकठाक रखें, उसको दी जाने वाली सूचना ठीक से रखें, अपनी ‘इंस्ट्रक्शन स्लिप को संभाल कर रखें। - प्रसन्न : कंपनियों, ब्रोकरों या डीपी के विरुद्ध शिकायत हो तो क्या करें?
उत्तर : कंपनियों के विरुद्ध शिकायत होने पर शेयर बाजार के इन्वेस्टर सर्विस विभाग के अतिरिक्त सेबी से सम्पर्क किया जा सकता है। ब्रोकर के विरुद्ध शिकायत होने पर शेयर बाजार में शिकायत की जा सकती है और यदि शेयर बाजार संतोषजनक समाधान न करे तो इसकी शिकायत सेबी से भी की जा सकती है। डीपी के विरुद्ध शिकायत होने पर यह शिकायत होने पर यह शिकायत डिपॉजिटरी के पास की जा सकती है। इस मामले में भी अन्तिम पड़ाव सेबी ही है। - प्रसन्न : कंपनियों के बारे में जानकारी लेने का क्या रास्ता है?
उत्तर : बिजनेस चैनलों, अखबारों और आर्थिक समीक्षा करने वाली कंपनियां इससे सम्बन्धित समाचार देती रहती हैं। इसके अतिरिक्त शेयर बाजार की वेबसाइट पर भी कंपनियों के परिणाम से लेकर अन्य डेवलपमेंट के समाचार आते रहते हैं। कंपनियों की स्वयं की वेबसाइट पर भी जानकारियां उपलब्ध हैं। स्वतंत्र रिसर्च एजेंसियों और ब्रोकरों की रिसर्च रिपोर्टों की जानकारियां भी समय-समय पर प्रकाशित होती रहती हैं। टीवी न्यूज चैनलों अखबारों पर भी कंपनियों के नवीनतम समाचार आते रहते हैं। - प्रसन्न : शेयर ब्रोकर या डीपी के पास खाता खुलवाने के लिए क्या करना पड़ता है?
उत्तर : शेयर ब्रोकर को एक ग्राहक के रूप में आपको तमाम जानकारी देनी होती है और एक करार पर हस्ताक्षर करने होते हैं। तदुपरांत ब्रोकर आपको एक ‘यूनिक आईडेंटीफिकेशन’ नंबर देता है। इस प्रकार डीपी को भी अपनी जानकारी देनी होती है। विशेष बात यह है कि खाते खुलवाने के लिए आपको अपना इनकम टैक्स पैन (परमानेंट एकाउंट) नंबर देना जरूरी है। इसके बिना ब्रोकर या डीपी के पास खाता नहीं खुलवाया जा सकता है। शेयर बाजार में सौदा करने या शेयर रखने के लिए पैन’अब आवश्यक हो गया है।
नोट – आप NSE की वेबसाईट पर लिंक अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं !
ये भी पढ़ें :-
ईएम आई क्या होती है ? What is EMI ?
कौडियाला घाट गुरुद्वारा साहिब, Kaudiyala Ghat Gurdwara Sahib, ਗੁਰੁਦ੍ਵਾਰਾ ਕੌੜੀਯਾਲਾ ਘਾਟ ਸਾਹਿਬ
कन्या भ्रूण हत्या एक अभिशाप या विज्ञान का दुरुपयोग या सामाजिक मजबूरी ??
5 ऐसे शब्द जिनका मतलब हम नहीं जानते 5 words we don’t know the meaning of
शेयर क्या है और कैसे शेयर मार्किट में निवेश करें ?, शेयर क्या है और कैसे शेयर मार्किट में निवेश करें ?