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बचत करने के सही तरीके

बचत करने के सही तरीके – पैसे बचाने के आसान तरीके

छोटी-छोटी बचतें संकट के समय बहुत काम आती हैं। सच कहो तो  छोटी-छोटी बचतें ही हमारी मुसीबत की सबसे अच्छी दोस्त होती हैं। इसलिए हमें हमेशा छोटी बचतों पर  ध्यान देना चाहिए क्यूंकि बड़ी बचतों की अपेक्षा छोटी बचतें करना आसान होता है । आज हम बात करते ऐन कि बचत करने के सही तरीके – पैसे बचाने के आसान तरीके क्या क्या हैं ।

लोकप्रिय बचत योजनाएं

लघु बचत, अल्प बचत, राष्ट्रीय बचत, पोस्टल सेविंग के नाम से कई बचत योजनाएं सरकार द्वारा पुरस्कृत और संचालित योजनाएं हैं। छोटे, बड़े, ग्रामीण, शहरी, व्यापारी, नौकरी शुदा वगैरह श्रेणी में यह योजना प्रचलित है। यह योजना पोस्ट ऑफिस तथा राष्ट्रीयकृत बैंकों और अधिकृत एजेंटों द्वारा भारत के हर घर-घर तक फैली है। ऐसी योजनाएं भारत सरकार खुद लाती है, जिससे कि निवेशक को सलामती और विश्वसनीयता की फिक्र नहीं होती।      (बचत करने के सही तरीके)

अल्प बचत योजनाओं के प्रकार –

क्यूम्युलेटिव (एकत्रित) या नियमित ब्याज दोनों तरह की योजनाएं हैं। बचतकर्ता अपनी जरूरत के हिसाब से एक या एक से अधिक स्कीम में निवेश कर सकते हैं और जरूरत होने पर अपनी राशि नियमों के अनुसार वापस ले भी सकते हैं। अल्प बचत योजना में कोई भी व्यक्ति, एक या संयुक्त (पीपीएफ के अलावा) या कम उम्र वाले भी निवेश कर सकते हैं। वर्तमान नियमों के अनुसार एचयूएफ (हिंदू संयुक्त परिवार), इन योजनाओं में ट्रस्ट, सोसायटी या एनआरआई निवेश नहीं कर सकते।

1. नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट

छह साल की अवधि वाले एनएससी में अच्छा  प्रतिशत का ब्याज दर मिल जाता  है। छह साल की अवधि पर मूल राशि और ब्याज वापस मिलता है। समयावधि से पहले भुगतान की सुविधा नहीं, लेकिन बैंक से निवेदन करने पर लोन मिल सकता है। नियम के अनुसार कोई भी एक व्यक्ति अन्य व्यक्ति को रुपए ट्रांसफर कर सकता है। अपने भाई-बहनों को किसी भी वक्त रुपए ट्रांसफर कर सकते हैं, लेकिन दूर के रिश्तेदारों को एक साल बाद ट्रासंफर कर सकते हैं। कर मुक्त होने के कारण किसी के भी नाम पर हस्तांरित किया जा सकता है। किसी वजह से एनएससी गुम हो जाने पर अगर आपके पास फोटोकॉपी हो तो आपको उसकी प्रतिलिपि मिल सकती है ।

2. किसान विकास पत्र (केवीपी)

केवीपी एक अवधि के बाद दोगुनी राशि मिलती है।  4 से 5  प्रतिशत के ब्याज वाले केवीपी में ढाई साल के बाद अवधि से पहले भुगतान की सुविधा है। ट्रांसफर के नियम एनएससी के अनुसार ही होते  है।                                   (बचत करने के सही तरीके)

3. मासिक आय योजना

इस स्कीम में एक व्यक्ति 4,50,000 रु. और संयुक्त नाम से दो व्यक्ति 9,00,000 रु. का निवेश कर सकते हैं। कम उम्र की व्यक्ति के नाम पर भी 4,50,000 रु. का निवेश हो सकता है। संयुक्त नाम से किए गए निवेश की अवधि दोनों धारकों के हिस्से में आधी होती है। कम से कम निवेश 15,000 रु. और बाद में 1500 रु. के गुणांक में हो सकती है। छह साल की अवधि वाले एसआईएस में वार्षिक 5 से 6  प्रतिशत मासिक ब्याज दिया जाता है। 6 साल की अवधि पूरी होने पर मूल राशि के साथ 5 प्रतिशत मैच्योरिटी बोनस भी मिलता है। एक साल के बाद और अवधि से पहले भुगतान की सुविधा भी है।

4. रिकरिंग डिपॉजिट स्कीम (आरडी)

आरडी के नाम से प्रसिद्ध इस योजना में निवेशक हर महीने छोटी राशि नियमित रूप से बचत करके पांच साल में बड़ी राशि बना सकते हैं। इस योजना में गरीब मजदूर से लेकर, नौकरीशुदा, गृहिणी और विद्यार्थी भी इसमें निवेश कर सकते हैं। कई घरों में बचपन से ही बच्चों को नियमित रूप से बचत करने की शिक्षा दी जाने वाली इस योजना में खासतौर पर महिला एजेंटों की सेवाएं मिल सकती हैं। स्व. प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की प्रेरणा से शुरू हुई इस योजना में महिला एजेंटों ने प्रभावशाली काम करके करोड़ों रुपए के बचत के लक्ष्य को पूरा किया है।

5. पब्लिक प्रोविडंट फंड (भविष्य निर्वाह निधि)

पीपीएफ के नाम से प्रसिद्ध इस योजना के कई फायदे हैं। पंद्रह साल की अवधि वाली पीपीएफ योजना में 7वें वित्तीय वर्ष के बाद हर साल आंशिक राशि ले सकते हैं, लेकिन बीच में खाता बंद करने की सुविधा नहीं है। पीपीएफ का वार्षिक व्याज दर 7 से 8  प्रतिशत है। व्यक्ति सिर्फ एक ही खाता खुलवा सकता है। नोमिनी ( वारिस) नियुक्त कर सकते हैं। निवेश की वार्षिक अवधि कम कम रु. 500 और ज्यादा से ज्यादा 70,000 रु. कम उम्र वालों के नाम पर पीपीएफ खाता खोल सकते हैं, लेकिन निवेश की अवधि के नियम अटपटे हैं। कम उम्र वाले और अभिभावक के निवेश की अवधि एकत्रित गिनी जाती है। (इस विसंगति को सरकार द्वारा दूर किए जाने की जरूरत है।) पीपीएफ का निवेश इनकम टैक्स की धारा – 80-सी के तहत कर मुक्त है। धारा 80सी की कुल निवेश मर्यादा 1 लाख है, लेकिन पीपीएफ की निवेश मर्यादा 70,000 रु. प्रतिवर्ष है। कर मुक्त होने की वजह से पीपीएफ बहुत लोकप्रिय है। पीपीएफ का ब्याज कर मुक्त है। उच्च स्लैब में टैक्स भरने वालों के लिए पीपीएफ एक आशीर्वाद समान है। प्रत्येक व्यक्ति अपनी क्षमता के अनुसार पीपीएफ खाता खुलवाकर आर्थिक सलामती का आयोजन कर सकते हैं।

6. वरिष्ठ नागरिक बचत योजना

वरिष्ठ नागरिकों के लिए जब बैंक के ब्याज कम थे तब एक विशेष योजना बहुत लोकप्रिय थी। अब फिर से बैंक के ब्याज कम हो रहे हैं तब यह योजना फिर से लोकप्रिय हो रही है। इस योजना में ज्यादा से ज्यादा 15 लाख रु. तक का निवेश कर सकते हैं। पांच साल की अवधि की इस योजना में वार्षिक ब्याज 5 से 6 प्रतिशत त्रैमासिक दिया जाता है। अगर आप इसे बढ़ाना चाहते हैं तो
अवधि के बाद 3 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। एक साल के बाद अवधि के पहले भुगतान भी हो सकता है। इस योजना का ब्याज टीडीएस के अधीन है।     (बचत करने के सही तरीके)

7. टाइम डिपॉज़िट (टीडी)

यह योजना 1 से 5 साल के लिए उपलब्ध है। बैंक के ब्याज के बजाय हाल में टी डी के ब्याज बहुत ही कम हैं, जिससे कि यह योजना लोकप्रिय नहीं है ।

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