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What is ULIP plan

What is ULIP plan – क्या यूलिप में निवेश करना चाहिए ?

ज कल बाजार में मंदी है, What is ULIP plan – क्या यूलिप में निवेश करना चाहिए ? ये सवाल बहुत से लोगों के मन में आता है । आगे हम इसी के बारे में  जानते हैं  :-

What is ULIP plan

यूलिप (ULIP) यानी यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान। यूलिप एक ऐसी निवेश योजना है, जो बीमा का लाभ देने के बाद बाज़ार के साथ जुड़े हुए निवेश का लाभ के रूप में प्रतिफल भी देती है। इसमें लगाया गया धन इन्वेस्टमेंट तो है ही साथ ही बीमा द्वारा जीवन सुरक्षा भी मिलती है। इसमें बीमाधारक को प्रीमियम भरना पड़ता है और उसकी मृत्यु के बाद उसके परिवार को या अवधि पूरी होने पर उसको लाभ मिलता है। इन्वेस्टमेंट का यह मिला जुला स्वरूप निवेश की दृष्टि से काफी अच्छा साबित हो रहा है। इस तरह की योजनाओं में किए गए निवेश की राशि का एक हिस्सा बीमा कंपनियां जीवन बीमा की दृष्टि से निवेश कर देती हैं और शेष राशि शेयर या बांड जैसी अन्य प्रतिभूतियों में निवेश की जाती है। इस योजना में कर लाभ मिलने के साथ ही उसकी पूंजी में भी बढ़ोतरी होती है।
उदाहरण के रूप में इसमें पांच साल तक 20,000 रुपए जमा कराने पर यह रकम एक लाख रुपए हो जाएगी। 20 साल बाद इसकी बढ़त बीस प्रतिशत तक आती है तो उस हिसाब से यह रकम 23 लाख 92 हजार हो जाती है। इस रकम का इस्तेमाल पेंशन के रूप में भी किया जा सकता है। अवधि पूरी होने के बाद यदि एक साथ सारा पैसा निकाल लिया जाए और उसे बैंक में स्थायी जमा खाते में जमा कराएं तो आज की ब्याज दर के अनुसार सीनियर सिटीजन को 11 प्रतिशत का ब्याज उस राशि पर प्राप्त होगा। इस प्लान का एक लाभ यह भी है कि यदि 20,000 रुपए का निवेश करने पर निवेशकर्ता को उस राशि पर बीमा कवरेज की सुविधा भी मिलेगी और उसकी मृत्यु होने पर उसके परिवार को दो लाख रुपए की सहायता राशि मिलेगी। यदि वह व्यक्ति दुर्घटनाग्रस्त हो गया है तो चार लाख रुपए का रिस्क कवर रहेगा।                      What is ULIP plan

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बाज़ार में कई प्रकार के यूलिप हैं जिनके अलग-अलग उद्देश्य हैं। इसमें मुख्य रूप से बच्चों की शिक्षा, बच्चों का विवाह, बड़ा घर लेने, सेवानिवृत्ति के पश्चात जीवनयापन के लिए धन एकत्रित करने के उद्देश्य आदि शामिल हैं। निवेशक अपनी सुविधा के अनुसार प्लान का चुनाव कर सकता है। निवेशकर्ता अपनी वृद्धावस्था की व्यवस्था के लिए बच्चों की उच्च शिक्षा या फिर उनकी शादी के लिए यूलिप पर निर्भर रह सकता है। सेवानिवृत्ति के उद्देश्य से ली गई यूलिप पेंशन प्लान कहलाती है। लंबी अवधि के लिए इक्विटी निवेश श्रेष्ठ प्रमाणित होता है।

यूलिप लाइफ इंश्योरेंस प्लान है, जो स्टॉक बाज़ार से जुड़ा रहता है परिणामस्वरूप इससे मिलने वाले प्रतिफल में घटत-बढ़त होती रहती है। इसके तहत कैपिटल गारंटी प्लान भी आता है जिसमें बाज़ार की घटत-बढ़त से प्रभावित हुए बिना निवेशकों को उनके द्वारा भरे गए प्रीमियम की मियाद पूरी करने पर प्रीमियम वापसी की गारंटी दी जाती है। यहां निवेशक द्वारा भरे गए प्रीमियम का भुगतान करते समय उसमें से मॉर्टेलिटी, सेल्स, मार्केटिंग और एडमिनिस्ट्रेशन जैसे खर्चे घटाने व घोषित किए गए बोनस की रकम जोड़कर जो रकम गणना करने पर आती है उसका भुगतान किया जाता है।                  What is ULIP plan

यूलिप में पूंजी कैसे लगाएं

यूलिप सिर्फ इक्विटीज नहीं है और न ही कोई ऐसा चुनाव है कि कुछ न मिले तो यूलिप में चले जाएं। यूलिप खरीदते समय आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि कितने पैसे की बचत होगी और लंबे समय तक कितना पैसा इकट्ठा होगा। यदि आपने किसी और प्लान में निवेश किया हो और वह आपकी जरूरतों को पूरा नहीं कर रहे हों तो यूलिप में निवेश करें। इसमें किया गया निवेश आपको सुरक्षा देने के साथ ही वृद्धावस्था की व्यवस्था, बच्चों की उच्च शिक्षा या फिर उनकी शादी के लिए बेहतर हो सकता है।

जब आप यूलिप खरीदने जाएं तो बाजार का उतार-चढ़ाव कभी आपके दिमाग में नहीं आना चाहिए, क्योंकि यह लंबा निवेश है और ऐसे में बाजार में उतार-चढ़ाव के दौर आने स्वाभाविक ही हैं। यूलिप की संकल्पना इस तरह से की गई है इसे दस साल पहले निकालने पर यह महंगी पड़ेगी, इसलिए आपको चाहिए कि इसे आगे भी जारी रखें। अगर आपकी उम्र ज्यादा है और आप सिर्फ टैक्स बचाने के लिए इसमें निवेश करना चाहते हैं लाइफ कवरेज के लिए नहीं तो बेहतर है कि आप इस प्लान में निवेश न करें।

यूलिप पर उतार-चढ़ाव का असर

कम समय के लिए यदि आपने प्लान लिया है तो उसमें आपको थोड़ी असुविधा हो सकती है, लेकिन यदि आप लंबे समय के लिए निवेश करते हैं तो आपको फिक्र करने की जरूरत नहीं है। ऐसी अवस्था में बाज़ार में होने वाले उतार-चढ़ाव के बावजूद भी लंबे समय के लिए यूलिप में किया गया निवेश श्रेष्ठ साबित होता है। लंबे समय के लिए यूलिप में किया गया निवेश ज्यादा फायदेमंद होता है। खासतौर पर15 वर्ष से 25 वर्ष तक की योजना जो 25 से 40 वर्ष की आयु के बीच शुरू करना ज्यादा लाभदायक साबित होता है।

इसमें निवेश के बाद आपको धैर्य की जरूरत होती है, लेकिन उसमें ही सारा लाभ छुपा है। इस प्लान के तहत व्यक्तिगत के अलावा ग्रुप लिंक्ड यूलिप भी उपलब्ध है। कोई कंपनी जब अपने कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी, सुपर एन्युएशन और लीव इनकैशमेंट जैसी सुविधाएं देना चाहती है तब उसके लिए इस प्रकार के ग्रुप प्लान चुने जाते हैं। निवेशकों को अपनी परिस्थिति व जोखिम संभालने की क्षमता को ध्यान में रखते हुए यूलिप का चुनाव करना चाहिए।                What is ULIP plan

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यूलिप में निवेश की आशंकाएं और संभावनाएं

जिस प्रकार यूलिप अधिक जोखिम वाली होती है उसी प्रकार यह कम जोखिम वाली भी हो सकती है। हालांकि इसमें जो मिलेगा वो गारंटेड होगा। इसके अंदर निवेश का जो भाग है वो बाज़ार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करेगा। यूलिप लिंक्ड होता है यूनिट मूल्य पर और कुल लागत योजना से। अगर उसमें उतारचढ़ाव होगा तो इसका असर यूनिट प्लान पर भी होगा। जब यूनिट मूल्य गिरेगा तब आपके निवेश की लागत भी कम हो जाएगी। वैसे एग्रेसिव यूलिप की राशि का 80 से 100 प्रतिशत तक हिस्सा इक्विटी में निवेश करने के कारण अधिक जोखिम भरा होता है। बैलेंस्ड यूलिप में 40 से 60 प्रतिशत निवेश इक्विटी में करने से जोखिम की संभावना सबसे कम रहती है।

किसी भी प्लान का चुनाव करते समय यह ध्यान रखें कि उसमें लचीलापन होना चाहिए ताकि बदलने पर वह ग्राहक की आवश्यकताओं के अनुरूप रहें। यूलिप लचीला होने के कारण निवेशक बाज़ार की स्थिति को ध्यान में रखकर और स्वयं की जोखिम उठाने की क्षमता के आधार पर इक्विटी से बैलेंस्ड प्लान या डेब्ट प्लान में ट्रांसफर में ले सकते हैं। यूलिप के इन्हीं गुणों के कारण आज लोग यूलिप पेंशन प्लान को लेना अधिक पसन्द करते हैं जो कि संरक्षण रणनीति पर काम करता है। यदि आपकी यूलिप मियाद खत्म हो चुकी है तब भी इसे चालू रख सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे समय खत्म होने के बाद इसमें जीवन सुरक्षा नहीं मिलती। आयकर की धारा 10 डी के अन्तर्गत मैच्योरिटी पर मिलने वाला लाभ पूर्णतः कर मुक्त है। स्विचिंग या ट्रांसफर के कारण होने वाले लाभ पर कर नहीं लगता। भले ही यह ट्रांसफर एक वर्ष से कम समय में लिया गया हो।                  What is ULIP plan

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यूलिप और एंडॉमेंट प्लान में अंतर

यूलिप और एंडॉमेंट प्लान में काफी अंतर होता है। दोनों अलग-अलग तरह से काम करते हैं। एंडॉमेंट में जोखिम इंश्योरेंस करने वाले से और यूलिप में निवेशकर्ता से पैदा होती है। एंडॉमेंट में दो चीजें शामिल होती हैं, बीमा और निवेश। एंडॉमेंट योजनाएं आपके रुपयों को फिक्स्ड इनकम प्रोडक्ट में निवेश करता है। यह हमें यकीन दिलाता है कि प्लान खत्म होने पर आखिर में आपको जितना बताया गया है उतना पैसा बोनस में जोड़कर मिलेगा। आपको जो रिटर्न मिलता है वह अपेक्षाकृत कम होता है। हालांकि यह एक सुरक्षित प्लान है।

अगर आपको पॉलिसी पसंद नहीं आई तो आपको जो पैसा और बोनस मिलता है वह उस दिन तक का हिसाब करके मिलता है। यूलिप हमारा पैसा स्टॉक मार्केट और बैलेंस्ड फंड आदि में लगाता है और इसमें जोखिम भी अपेक्षाकृत काफी कम होती है। टाइप 1 यूलिप में यदि निवेशक की पॉलिसी के बीच में ही मृत्यु हो जाती है तो उसके आश्रितों को मिलने वाली रकम जो बीमाधारक को बताई गई थी वह पॉलिसी की अवधि और फंड की वैल्यू पर निर्भर करती है। 2 टाइप यूलिप में आश्रितों को जो रकम बताई गई है वह और उसके साथ फंड का मूल्य दोनों मिलता है। इन दोनों ही प्रकारों में इनकी मैच्योरिटी वैल्यू और उनका लाभ दोनों समान होते हैं और निवेशकर्ता को इसका मूल्य वैसे ही मिलेगा जैसी बाज़ार में हलचल होगी।

यूलिप और म्‍यूचुअल फंड में अंतर

यूलिप उन  प्रोडक्‍ट को कहते  हैं  जिनमें निवेश और बीमा दोनों  की एक साथ पेशकश की जाती है।  म्‍यूचुअल फंड शुद्ध इंवेस्‍टमेंट प्रोडक्‍ट पर आधारित होते हैं,  यानी कि इसमें कोई अपनी पूंजी को बढ़ाने के लिए पैसा लगाता है। यूलिप के लिए आप जो प्रीमियम देते हैं, उस पर सेक्‍शन 80सी के तहत टैक्‍स डिडक्‍शन का फायदा मिलता है। वही म्‍यूचुअल फंड की सिर्फ ईएलएसएस (इक्विटी लिंक्‍ड सेविंग्‍स ) स्‍कीमों में सेक्‍शन 80सी के तहत टैक्‍स छूट उपलब्‍ध है।                        What is ULIP plan

यूलिप में एक फंड से दूसरे में बिना किसी टैक्‍स के स्विच करने की इजाजत होती  है, जबकि म्‍यूचुअल फंडों में स्‍कीमों के बीच स्विच करने के दौरान टैक्‍स लगता है। यूलिप में अमूमन 5 साल की लॉक-इन अवधि होती है. जबकि ओपन एंडेड म्‍यूचुअल फंड स्‍कीमें पूरी तरह लिक्विड होती हैं. इनमें से कभी भी पैसा निकाला जा सकता है. ईएलएसएस फंडों में तीन साल की लॉक-इन अवधि होती है।   यूलिप में कई तरह के चार्ज होते हैं. इनमें पॉलिसी एडमिनिस्‍ट्रेशन चार्ज, प्रीमियम एलोकेशन, मॉर्टेलिटी चार्ज और फंड मैनेजमेंट चार्ज शामिल हैं. वहीं, म्‍यूचुअल फंडों में एक्‍सपेंस रेशियो होता है. यह अधिकतम 2.5 फीसदी हो सकता है ।।

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