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डॉग डायरी - Dog diary in hind

डॉग डायरी – Dog diary in hindi

डॉग डायरी –  Dog diary in hindi

                                                                                एक जमाना था जब कभी  घरों में कुत्ते घर की रखवाली के लिए रखे जाते थे। लेकिन आज ये फैशन सा बन गया है । अच्छी नश्ल का कुत्ता होना आज कल स्टेटस सिंबल बन गया है ।  कुछ लोग कुत्तों को बिजनेश के प्रपज से भी पालते हैं और अच्छा पैसा कमाते हैं । क्यूट लिटिल किड्स के रूप में नई पहचान पाने वाले कुत्ते अब महज कुत्ते नहीं रह गए हैं। रिसोर्ट पर छुट्टियां, डिजाइनर कपड़े, कॉस्मेटिक्स, साइकोथैरेपी, फॉर्मूलेटेड वॉटर, स्पा, डायमंड एसेसरीज के साथ राज सी जीवन जीने वाले ये पालतू किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं हैं। चलिए डॉग डायरी – Dog diary in hindi के बारे में विस्तार से बात करते हैं ।

 

डॉग और योग –

                                अधिकतर डॉगी अब डोगी में बदल गए हैं। डोगी का अर्थ है, योग का अभ्यास करने वाला कुत्ता। न्यूयॉर्क में यह प्रचलन बेहद लोकप्रिय है, जहां इन्सान और कुत्ते एक साथ योग करते नजर आते हैं। भारत में भी आपको योग ट्रेनर के साथ कुत्ते  सूर्य नमस्कार से लेकर भुजंग आसन करते नजर आ जाएंगे। डॉग डायरी – Dog diary in hindi

डॉग का  इंसान से रिस्ता –

                                                         कुत्ते रेंट ए पेट का ट्रेंड भी अमेरिका में मशहूर है। यह सर्विस उन लोगों के लिए है जो कुत्ता पालने के बेहद इच्छुक हैं, लेकिन अपनी व्यस्तता के चलते पूरे वक्त के लिए कुत्ता रख नहीं सकते। ऐसे में पालतू को कुछ निश्चित अवधि के लिए किराये पर लिया जा सकता है। अपने पालतू को तरजीह देने का ट्रेंड भी लोकप्रिय हो चुका है। एक सर्वे के अनुसार 68.69 प्रतिशत लोग दूसरे लोगों की बजाय अपने कुत्तों को पसंद करते हैं। 57.46 प्रतिशत लोगों ने कहा, अगर उनके कुत्ते को वह व्यक्ति पसंद नहीं, जिसके साथ वे डेटिंग करते हैं तो वे उस व्यक्ति को छोड़ देंगे। 45.49 प्रतिशत लोगों ने माना कि बच्चे से ज्यादा बेहतर है, कुत्ते का होना और 18.46 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे अपनी जीवनसाथी से भी ज्यादा कुत्ते की मौत पर दुखी होंगे।                                                                                                                                (डॉग डायरी – Dog diary in hind)

                             वहीं इंटरनेट पर डॉग डायरियों की भरमार है। जहां क्यूट लिटिल गर्ल्स और नॉटी ब्वॉयज अपने जीवन के अनुभव एक दूसरे से बांटते हैं। वे यहां किसी नई ड्रेस के पहनने से मिली खुशी, दिन के सबसे खुशनुमा पलों या घर में अकेले होने के दर्द का जिक्र करना नहीं भूलते। कुत्ता प्रेमी इंटरनेट पर पर्याप्त मात्रा में जगह बना रहे हैं। न केवल पेट ब्लॉगिंग लोकप्रिय हो रही है, बल्कि इनकी रीडरशिप संख्या भी कम नहीं है। अपने इस पालतू से अलग होना भी लोगो के लिए पीडादायक होता है। उनके मरने के बाद उनके मालिक यह सुनिश्चित करते है कि उनके दफनाने वाली जगह आरामदायक और अच्छी हो, जिसकी कीमत 500 से 2000 रुपए के बीच होती है।

डॉग हैं, सितारों के सितारे –

                                                           बॉलीवुड फिल्मी सितारों के दुनियाभर में फैन मौजूद है, लेकिन ये सितारे दीवाने है तो सिर्फ अपने पालतुओं के । यही वजह है कि 70 प्रतिशत हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के पास कम से कम अपना एक कुत्ता है और कुछ के पास तो कुत्तों की पूरी टीम है। अलग-अलग नस्लों के आधा दर्जन कुत्ते  रखने वाली अभिनेत्री सुष्मिता सेन कहती है ‘पेट्स मेरी जिंदगी है। कोई दिखावे की चीज़ नहीं। वही अभिनेत्री उदिता गोस्वामी का कहना है कि मैं मानती हूं इंडस्ट्री पेट फ्रेंडली बन चुकी है, लेकिन इसका स्टारडम के साथ कोई लेना-देना नहीं है। आपको अपने पालतू से प्यार करना होता है । वर्ना न तो वह जानवर खुश रहेगा और न ही आप खुश रह पाएंगे।’

                                              ऋषि कपूर के ड्युडले और पग्ले, रानी मुखर्जी के टिन नि और सिवा, उर्मिला मातोंडकर का लोको, अभिषेक बच्चन का शानूक, राखी की परी, गुलजार का पाली, संजय लीला भसाली का हैप्पीनेस, शाहरुख खान का च्यूबैका, फरदीन खान के लोला व डेल्फी, एशा देओल का पिकोला, अर्जुन रामपाल का डेमी व टायसन, बॉबी देओल का ब्राउनी उनके लिए बेहतरीन साथी की तरह रहे हैं।  जिसे वे हर खुशी देना चाहते हैं । सलमान खान ने शेफ रखे हैं। जब कभी कुत्ते देश से बाहर जाते हैं, तो उनके शेफ उनके साथ जाते हैं।

                                             लारा दता के कुत्तों को कहीं भी जाना हो तो वे एसी कार से ही जाते हैं, जबकि बिपाशा बसु कभी लंदन या न्यूयॉर्क जाती हैं तो अपने पोश्तो के लिए कपड़े और एसेसरीज जरूर खरीदती हैं। तुषार कपूर ने अपने कुतो व्हीस्की और रिस्की के लिए खासतौर पर डायमंड कॉलर तैयार करवाए है। किम शर्मा ने अपनी सवाना के लिए अलग से नौकरानी रखी है क्योंकि वह खुद दिन भर उसका ख्याल नहीं रख सकती। किम के अनुसार, ‘जब कभी मुझे किसी और की मदद नहीं मिलती तो मैं उसे अकेले नहीं छोड़ती। यह बिल्कुल बच्चे की देखभाल जैसा होता है।’ डॉग डायरी – Dog diary in hindi

                                               पालतू के विषय पर डीनो मारिया का कहना है, वे आपसे बहुत ज्यादा की उम्मीद नहीं करते। उन्हें जो चाहिए वह है ढंग का खाना और प्यार। अपने कुत्तों स्लाय, पैच व स्लाइडी के लिए जो कुछ भी करना होता है, वह मै खुद करता हूं।’ अभिनेत्री प्रीति जिंटा कहती हैं ‘प्रेम करने का सभी का अपना तरीका है। संभव है कुछ लोगों ने इसे दिखावे का जरिया बना लिया हो, लेकिन अच्छी बात यह है कि इस बाजार में अकेलेपन से परेशान लोगों को कोई अपना, जानवरों को प्यार और हजारों लाखों लोगों को नौकरी मिल चुकी हैl’ इसके अलावा सेलिना जेटली, उपेन पटेल, रवीना टंडन थडानी, रेखा, कोएना मित्रा आदि भी पेट लवर्स की श्रेणी में शामिल हैं।
कभी-कभी इसमें ध्यान आकर्षित करने का इरादा भी छिपा होता है। अगर कोई अपने पालतू की शादी किसी लग्जरी क्रूज पर आयोजित करता है तो इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह उसका पालतू के प्रति प्रेम से अधिक सुर्खियों में बने रहने का तरीका है।

भाग्यशाली डॉग फाइव स्टार मेहमान भी  –

                                                                                                  दिल्ली के बाहरी इलाके में स्थित केनल  एक ऐसा होटल है, जो पेट्स के साथ फाइवस्टार मेहमानो जैसा व्यवहार करता है। यहां पर कुते 750 रुपए (करीबन 10 डॉलर) में कमरो या केनल में ठहर सकते हैं। इस होटल में इनके लिए एसी कमरे, स्वीमिंग पूल, हेल्थ क्लब, प्ले ग्राउंड, बेहतरीन खाना, हरियाली, गददेदार बिस्तर, नर्म सोफे का आनंद लेने की व्यवस्था है । होटल के मालिक शैलेंद्र उनियाल के अनुसार यह एक ऐसी जगह है जहा कुत्ते सुविधा, मजे और स्टाइल के साथ रह सकते हैं। कुत्तों को भी अलग जिदगी और ब्रेक की जरूरत होती है। जब कभी आप उनसे दूर हो या बाहर जाएं तो आपके कुत्ते को भी छुट्टी बिताने का मौका मिल सकता है।

                                          उभरती हुई फिल्म मेकर नम्रता मजूमदार के पास तीन लेब्राडोर हैं। नम्रता के अनुसार केनल मेरे पालतुओ के लिए स्वर्ग है। मैं एक अपार्टमेंट में रहती है, ऐसे में मेरे पालतुओं को ज्यादा एक्सरसाइज करने का मौका नहीं मिलता और उनका मोटापा बढ़ता है। इस तरह के होटल या रिसोर्ट भागने-दौड़ने और मौज-मस्ती के लिए बेहतरीन जगह होती हैं। केनल के अलावा भी देश के कई मेट्रो में डॉग रेस्टोरेंट  व क्लब बन चुके है। मुंबई का क्रेजी के 9 क्लब कुत्तों के लिए वीकएंड एडवेंचर आयोजित करता है। वहीं फुजी-तुजी रेस्टोरेट कुतो के लिए स्पेशल बर्थडे पार्टी आयोजित करता है ।

 

डॉग पर मार्किट की नजर –

                                                               कुत्ते आज कल पूंजी वादियों के लिए एक ब्रांड बन चुके हैं । बाजार कई तरह के डॉग  एससरीज से पता पड़ा है। ब्रांडेड फूड्स और स्नेक्स की अच्छी खासी शृंखला बाज़ार में उपलब्ध है। मुंबई में उन पालतुओं के लिए डब्बा वाला सर्विस भी उपलब्ध है, जिन्हें घर का बना खाना पसंद है। कॉन्टीनेंटल फूड के शौकीनों के लिए भी इंतजाम है दिल्ली के बाउ वाउ क्लब डॉग रेस्टोरेंट में कुत्तों के लिए खास सूप-स्लूर्प-सूप, पपरोनी पिज्जा और बाउ वाउ चाउमीन मिलता है।

                                                   सिर्फ भोजन के मामले में ही नहीं बल्कि एसेसरीज और डिजाइनर ड्रेसिंग में चमकते ये अवतार पैसा कमाने वाली मशीन के रूप में मार्केट्स की नज़र में आ चुके हैं। ऐसे में एक साधारण डॉग कॉलर पर 600 डॉलर खर्च करना या 1500 डॉलर का डॉगी पर्स खरीदना मामूली बात है। लुइस विट्टन जैसी मशहूर कंपनियां इनके लिए एसेसरीज तैयार करती हैं। इसके अलावा बेन डे लिसी और विवियन वेस्टहुडजैसे मशहूर डिजाइनर्स के कपड़े इन चौपायों का रूप बदल रहे हैं। लंदन के सबसे मशहूर स्टोर हैरोड्स में होने वाले सालाना फैशन शो पेट ए पोर्टर में उन्हें कैट वॉक तक कराया जाता है। दूसरी तरफ ब्रिटनी स्पीयर्स, हैली बैरी, जेनिफर एनिस्टन, डेमी बैरीमूर, जिम कैरी, निकोल रिची, जेसिका सिंपसन और अन्य सेलिब्रिटी के कुत्तों की लोकप्रियता के चलते बाज़ार की बिक्री बढ़ी है।

डॉग सैलून –

पेट ग्रूमिंग सैलून में भी अच्छी बढ़त देखी जा सकती है। अलग-अलग फर कोट और नस्लों के लिए पॉ पैक, मड पैक, आर्थराइटिस मसाज ऑयल, कॉलॉन, पपी नेलपॉलिश आदि बाज़ार में उपलब्ध हैं। फाइव स्टार कस्टमर डॉग ग्रूमिंग के लिए नियमित रूप से आते हैं। वीआईपी ट्रीटमेंट के रूप में मड रैप, कटिंग एज हेयर स्टाइलिंग और छोटे कोट वाली नस्लों में बाल झड़ने से रोकने के लिए कार्डिंग क्लिप्स लगाई जाती हैं।                                     (डॉग डायरी – Dog diary in hind)

                                      भारत में भी यह प्रचलन चल पड़ा है। डॉग सैलून में आधुनिक उपकरणों और टॉप ग्रूमिंग उत्पादों के साथ कुत्तों की कायापलट की जाती है। मुंबई का टेलवैगर्म ऐमा पेट सैलून है, जहां करीबन 35 पालतू रोजाना आते हैं, जिनमें सलमान खान से लेकर बोमन हरानी के कुन शामिल हैं। यहां पर हेयरकट, कंडीशनिंग बाथ, मेडिकेटेड बाथ, टिक व पली कंट्रोल ट्रीटमेंट, नल कटिंग, ईयर क्लीनिंग, टीथ ब्रशिंग, ऑयल मसाज, अरोमा थेरपी, मैनीक्योर आदि की सुविधा उपलब्ध है।

 

डॉग डायरी

डॉग का इलाज –

                                   कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में वेटरिनरी स्कूल के डीन माइकल हटेंज के अनुसार लोग अपने पालत के इलाज के लिए बड़े त्याग करते हैं। वे पारिवारिक छुट्टी की योजना रद्द कर देते हैं। यहां तक कि अपनी कार बेच देते हैं ताकि उनका सही इलाज करा सके। इनका इलाज भी इन्सानों की तरह किया जाता है, जैसे दिल की बीमारी होने पर उनमें पेसमेकर फिट किए जाते है। कमर का इलाज, हाइड्रोथैरेपी सेशन, हिप रिप्लेसमेंट आदि इन्सानों की तरह ही उन्हें उपलब्ध करवाया जाता है।

                                   इलाज की ऊंची कीमतों के इंडस्ट्री अपने चरम पर है। कुत्तों के लिए दीवानगी रखने वाले इंग्लैंड के चौथाई कुत्ता मालिकों ने पेट इंश्योरेंस ले रखा है, जिसकी लागत करीबन आधा बिलियन है। पालतुओं के प्रति प्रेम यहीं तक सीमित नहीं है, बल्कि उनके सेलिब्रिटी मालिकों को लगता है कि वे अपने पालतू को एक स्टार का ओहदा दिलाएं। डॉग थैरेपी में करीबन 2000 रुपए प्रति सेशन देकर काउंसलिंग करवाना और उनके लिए ऑनलाइन दोस्त और जोड़े खोजना सितारों के खास शगल हैं।

डॉग पारवारिक सदस्य की तरह –

                                                                             अब ये  सवाल उठता है आखिरकार इतना पैसा लोग पालतुओं पर क्यों खर्च कर रहे हैं ? मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के वेटरिनरी टीचिंग हॉस्पिटल के डायरेक्टर पैट लीब्लैंक के हुए वक्त के साथ परिवारों के पालतुओं के प्रति अपनाए जाने वाले रवैए में बदलाव आया है। ज्यादा से ज्यादा लोग पालतुओं के साथ का आनंद उठा रहे हैं और वे परिवार के विस्तार के रूप में देखे जाते हैं, इसलिए पालतू को हर कीमत पर सहूलियत व सुख-सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती हैं।

                                               ब्रिटेन के पेट्स एट होम, पेट चेन की ट्रेड व अनुसार बदलते मार्केटिंग डायरेक्टर कैटरिओना मार्शल के अनुसार इस बढ़ोतरी का कारण युवाओं को परिवार बसाने में लगने वाला समय, बच्चों की कमी, रिश्तों में मजबूती रिटायर्ड और उम्र दराज लोग भी अपने इस साथी की जीवन पाते हैं।  कुछ लोग इसे असुरक्षा का परिणाम भी मानते हैं। चूंकि वे रिश्तों में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाते, इसलिए वे जानवरों से रिश्ता बनाने की कोशिश करते हैं, जो बिना किसी शर्त के प्रेम करते हैं ।           (डॉग डायरी – Dog diary in hind)

डॉग जब खुश होते हैं तो अपनी पूंछ दायीं तरफ घुमाते हैं

अब यह आसानी से जान सकेंगे कि आज आपका पालतू कुत्ता किस  मूड में है। इटली में हुए एक शोध के अनुसार  कुत्ता भावनाएं अपनी पूंछ से जाहिर करता है। यह अपनी पूंछ दाईं तरफ हिला कर खुशी का इजहार करता है और जब इनकी पूंछ बाईं तरफ हो तो समझ लेना चाहिए कि आज जनाब दुखी हैं। लगभग सभी जानवरों, पक्षियों और मछलियों के मस्तिष्क का बायां भाग प्रेम, लगाव और एहसासों को नियंत्रित करता है और दायां हिस्सा ऊर्जा जरूरतों को नियंत्रण में रखता है। इसी वजह से ये प्राणी गुस्सा, तनाव, डर जैसी भावनाएं महसूस करते हैं, लेकिन मस्तिष्क का दायां भाग शरीर के बाएं भाग को नियंत्रित करता है और बायां दिमाग शरीर के दाएं भाग पर लगाम रखता है। यह प्रक्रिया मानव में भी ठीक इसी तरह काम करती है। इस शोध केंद्र के निदेशक डॉ. डेविडसन कहते हैं कि कुत्ते की पूंछ इस मामले में थोड़ी अलग हो जाती है क्योंकि यह शरीर के ठीक बीचों बीच होती है। यह जानना निश्चित ही रोमांचक रहा कि आखिर मस्तिष्क इस अंग को किस तरह इस्तेमाल करता है? शोध के लिए 30 पालतू कुत्तों का चयन किया गया और भिन्न-भिन्न परिस्थितियों में उनके पूंछ पर कैमरे से नजर रखी गई। इन प्रयासों के बाद ही इन निष्कर्षों पर पहुंचा जा सका है।

डॉग अंतरास्ट्रीय हीरो –

                                                      भारत ही नहीं पूरा विश्व कुत्तों का दीवाना है । विश्व स्तर में ऐसी कई सेलिब्रिटीज हैं जो अपने कुत्ता प्रेम और उन पर की गई इनायत के लिए सुर्खियों में रहीं हैं । गायक एल्टन जॉन को ही लें, जिसने अपनी शादी पर अपने कॉकर स्पेनियल कुत्ते आर्थर को बेस्टमैन (शादी में दूल्हे का खास व्यक्ति) बनाया। अमेरिकन अभिनेत्री टॉरी स्पेलिंग की पग मिमिलारू कभी भी बगैर डिजाइनर कपड़ों के नज़र नहीं आई। जबकि अभिनेत्री सिगोनी वीवर इसलिए मशहूर है क्योंकि उसने अपने इटालियन ग्रेहाउंड पेटल्स के लिए शादी की भव्य पार्टी आयोजित की थी। डॉग डायरी – Dog diary in hind

                              यहां तक कि 1987 में ड्यूरेंट्स रेस्टोरेंट के पूर्व मालिक और जानी-मानी हस्ती जैक ड्यूरेंट ने जब अपना घर और 50,000 डॉलर  की रकम अपने सात वर्षीय इंग्लिश बुल डॉग हंबल के नाम कर दी थी तो सभी जगह वह सुर्खियों का विषय बन गया था। भले ही उन दिनों लोगों को ड्यूरेंट की यह हरकत सनकीपन लगी हो, लेकिन आज के दौर में यह किसी भी लिहाज से चौंकाने वाला नहीं है।

                                यही वजह है कि 11 कुत्तों की फौज रखने वाली और उनके साथ लाइम लाइट पार्टियों में जाने वाली पेरिस हिल्टन को कोई अचरज से नहीं देखता और अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश अपने कुत्ते के साथ हवाई यात्रा करते आमतौर पर नज़र आते थे ,बल्कि पेरिस और जॉर्ज को आदर्श मानकर उनका अनुसरण किया जाता रहा है। इसी प्रचलन के चलते पालतू अब घर का अनिवार्य हिस्सा बन चुका है और उसी के साथ विकसित हुआ है स्नेह, आकर्षण और प्रदर्शन का एक बाज़ार।       (डॉग डायरी – Dog diary in hind)

                                        अमेरिकी इस साल के अंत तक अपने पेट्स पर 51 बिलियन डॉलर खर्च करेंगे और आने वाले दो सालों में यह संख्या 72 बिलियन डॉलर को पार कर जाएगी। वर्तमान में अमेरिकी लोग पेट्स पर साल भर में करीबन 46 बिलियन डॉलर खाने, घर हेल्थ केयर और अन्य लग्जरी पर खर्च कर रहे हैं।  अमेरिका में 63 प्रतिशत लोगों के घरों में पालतुओं का बसर है और इन पालतुओं पर होने वाला खर्च भी पारिवारिक खर्च में शामिल है ।।

 

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