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फ़्लैट या मकान खरीदते वक्त रखे जाने वाली सावधानियां

फ़्लैट या मकान खरीदते वक्त रखे जाने वाली सावधानियां – Precautions to be kept while buying a flat or house –

फ़्लैट या मकान खरीदते वक्त रखे जाने वाली सावधानियां –

Precautions to be kept while buying a flat or house 

 

                                                                                                                                                                                     महंगाई के इस दौर में हर किसी का सपना होता है कि वो अपने जीवन काल में कम से कम एक घर खरीद सके या बनवा सके ! जब से बैंक या फाइनेंश कंपनियां घर बनाने के लिए या बना बनाया घर/ फ़्लैट खरीदने के लिए होम लोन देने लगी गेन तब से घर बनांना काफी आसान हो गया है ! आधुनिक जीवन शैली में ज्यादा तर लोग बना बनाया मकान या फ़्लैट लेकर रहना पसंद करते हैं क्यूंकि हर किसी के पास इतना वक्त नहीं है कि वो अपना घर बनवा सके ! घर या फ़्लैट लेते वक्त हम लोगों को बहुत सी सावधानियां रखनी पड़ती है ताकि अपने जीवन कि कमाई को बर्बाद होने से रोका जा सके ! इसके आलावा घर बनाने के लिए हमें होम लोन लेने के लिए किन किन कागजातों या दस्तावेजों कि जरूरत पड़ती हैं, आईये आज हम विस्तार पूर्वक जानते हैं ! आईये जानें कि फ़्लैट या मकान खरीदते वक्त रखे जाने वाली सावधानियां  – What are the precautions to be taken while buying a flat or house? कौन कौन सी हैं।

 

कौन कौन सी हैं

बिल्डर की कारीगरी पर आपकी नजर –

                                                                             फ़्लैट या मकान खरीदते समय आपको कई महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक है जैसे फ्लोरिंग कैसी है?  बाथरूम में किस तरह की सैनेट्री का उपयोग किया गया है? खिड़कियां कहां खुलती हैं? फ्लैट के कमरों में रोशनी और हवा पर्याप्त मात्रा में आती है कि नहीं। इसके अलावा देखें  कि उस अपार्टमेंट की लोकेशन कैसी है? उस अपार्टमेंट में इलेक्ट्रिक सुविधा के साथ पावर बैकअप है या नहीं  अपार्टमेंट कितने मंजिला है? आपका फ़्लैट कितनी मंजिल पर है ? लिफ्ट की सुविधा है या नहीं ? सिक्योरिटी के मामले में अपार्टमेंट के फ्लैट कितने सुरक्षित हैं?  भवन में भूकंप विरोधी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है या नहीं? आग से बचने के लिए क्या उपाय किए गए हैं? सोसायटी रजिस्टर की गई है या नहीं ! कई बार देखा जाता है कि बिल्डर्स अवैध जगह पर निर्माण कर फ्लैट बेच देते हैं। इस तरह की परेशानी से बचने के लिए आप सबसे पहले नगर निगम/ शहर प्राधिकरण या अन्य स्थायी निकाय द्वारा बिल्डर के नाम अनुमोदन पत्र की अच्छी तरह से जांच-पड़ताल कर लें। उसके बाद ही फ्लैट खरीदें। इसके अलावा यह भी देखें कि  बिल्डर ने ब्रोशर या फिर किसी भी विज्ञापन में जो सुविधाएं देने का वादा किया था, वे सभी उसके द्वारा पूरी की गई हैं या नहीं। आप जिस भी व्यक्ति से या बिल्डर से फ्लैट या मकान  खरीद रहे हैं उस फ्लैट पर किसी बैंक या अन्य किसी व्यक्ति का कर्ज तो बकाया नहीं है? आप जो अनुबंध कर रहे हैं वह किसी कानून या नियमों के विपरीत तो नहीं है? फ्लैट का कब्जा लेते समय अच्छे से देख लें कि कहीं निर्माण कार्य शेष तो नहीं रह गया है।

 

बुकिंग और रजिस्ट्री कैसे करें :-

                                                                आमतौर पर जिन अपार्टमेंट्स में फ्लैट या मकान  का निर्माण चल रहा होता है, उनमें बिल्डर्स बुकिंग के समय ही फ्लैट की कीमत का 10 से 15 प्रतिशत राशि ले लेते हैं । अगला भुगतान आपको निर्माण के अनुसार करना होता है। अंतिम भुगतान आपको फ्लैट के पूरे निर्माण के बाद देना होता है। बिल्डर फ्लैट तैयार कर देने के बाद जब वह अधिकार पत्र जारी कर देता है उस अनुबंध के एक से दो महीने के अंदर रजिस्ट्री करानी होती है। इसलिए आवश्यक है कि बुकिंग करने से पूर्व अनुबंध करते समय अच्छे से सभी चीजों को ध्यान से पड़ कर समझ लें और अनुबंध के संबंध में  किसी अच्छे वकील से राय जरूर ले लें और दिए गए रूपये का वर्णन अनुबंध में जरूर करें, हो सके तो रूपया चैक या किसी अन्य डिजिटल माध्यम से ही दें ! अनुबंध की एक कॉपी तथा दिए गए रुपयों की रशीद अपने पास जरूर रखें !

होम लोन :- 

                            फ़्लैट या मकान की बुकिंग के समय ही रुपया नकद न दे पाने की स्थित में बिल्डर होम लोन के लिए किसी बैंक या फाइनेंश कम्पनी का पूर्व-स्वीकृति पत्र (प्री-एप्रूवल लेटर) मांग सकता है ! होम लोन अगर हो सके तो  किसी सरकारी बैंक से ही लें, प्राइवेट बैंक से भी लोन ले सकते हैं, लेकिन प्राइवेट फाइनेंश कंपनियों से ऋण लेने से बचें ! बुकिंग से पहले होम लोन के बारे में अपने बैंक से पूर्व-स्वीकृति पत्र (प्री-एप्रूवल लेटर) जरूर ले लें ! होम लोन लेने के लिए आवेदन करते समय कौन-कौन से दस्तावेजों की जरूरत होती है आइये अब हम इस पर चर्चा करते है !

जरूरी दस्तावेज :- 

                          बैंक या किसी फाइनेंस कंपनी से होम लोन अथवा होम लोन के लिए पूर्व स्वीकृति पत्र (प्री-एप्रूवल लेटर) लेने के लिए  निम्न दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ती है :-

  • आयु प्रमाण पत्र
  • मूल निवास प्रमाण पत्र
  • पहचान प्रमाण पत्र
  • पिछले छह महीने का बैंक स्टेटमेंट 
  • पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
  • आपके बैंकर से सत्यापित हस्ताक्षर
  • यदि आप नौकरी करते हैं तो  :-

                1- नियोक्ता से सैलरी प्रमाण पत्र

               2- टीडीएस प्रमाण   

                3- वर्तमान पे स्लिप 

  • यदि स्वयं का रोजगार है तो :-
           1- आपके बिजनेस का ट्रेक रिकार्ड
           2- पिछले दो साल के फाइनेंसियल स्टेटमेंट (ITR) की कापी
  • आवंटन पत्र
  • डीड्स (दस्तावेजों) की प्रतियां
  • लोन भार प्रमाण पत्र  (NOC)
  •  लागत के साथ स्वीकृत योजना
  • अनुमति के साथ क्लियरेन्स सर्टिफिकेट
  • दो जमानत दार एवं उनके दस्तावेज 

वास्तु शास्त्र :-

                                    इसके आलावा अगर आप वास्तु शास्त्र को मानते हैं तो देख सकते हैं कि भवन / फ़्लैट में कोई वास्तु दोष तो नहीं है आप  इसका भी ख्याल रख सकते हैं ! वास्तु शास्त्र के कुछ नियम इस प्रकार से हैं :-

  • भवन बनाते समय पूर्व दिशा में सर्वाधिक खुला, उत्तर दिशा में उससे कम खुला, दक्षिण-पश्चिम दिशा में खुला स्थान न के बराबर छोड़ना चाहिए।
  • भवन में उत्तर एवं पूर्व दिशा में दरवाजे व खिड़कियां अधिक रखनी चाहिए। दरवाजे व खिड़कियों की संख्या सम (2,4,6,8) होनी चाहिए  और विषम ( 1,3,5,7) न हो तथा उनकी संख्या के अंत में शून्य ( 10,20,30,40) न हो।
  • भंडारगृह उत्तर, उत्तर व ईशान के मध्य, पूर्व व आग्नेय कोण के मध्य या दक्षिण व आग्नेय कोण के मध्य बनाना चाहिए।
  • भवन में तिजोरी, गल्ला, नगदी आदि सदैव उत्तर दिशा में रखना चाहिए। गल्ला या तिजोरी में कुबेर यंत्र भी रखना शुभ होता है चैक बुक व बैंक पास बुक भी उत्तर दिशा में अपने दाएं हाथ की ओर रखनी चाहिए।
  • यदि ड्राइंग रूम को भोजनालय की तरह उपयोग में लाना है तो डायनिंग टेबल ड्राइंग रूम या भोजन कक्ष के दक्षिण-पूर्व में रखनी चाहिए।
  • भोजन कक्ष पूर्व या पश्चिम दिशा में बना सकते हैं।
  • तहखाना या तलघर उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व में बनवाना चाहिए।
  • अतिथियों का स्थान या कक्ष उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बनाना चाहिए।
  •  पार्किंग हेतु उत्तर-पश्चिम स्थान प्रयोग में लाना चाहिए।
  • आकार की दृष्टि से वर्गाकार भूमि ही सर्वोत्तम मानी जाती है। आयताकार भूमि श्रेष्ठ’ एवं शुभ मानी जाती है।
  •  जितना भी हल्का व भारहीन सामान उत्तर या ईशान तथा वायव्य दिशा में रखा जाएगा, उतना ही अधिक गृहस्थ जीवन सुखमय होगा।
  •  पश्चिम दिशा में वृक्ष आदि लगाना श्रेष्ठ होता है। भवन की पूर्व दिशा में ऊंचे वृक्ष व ऊंचे भवन नहीं होने चाहिए।
  • भोजनालय पश्चिम में होना चाहिए।
  • मकान का स्वागतकक्ष, ड्राइंगरूम उत्तर पूर्व या पूर्व में ही बनाना ज्यादा उचित है।
  • ईशान में कभी भी शौचालय का निर्माण नहीं करना चाहिए।
  • रसोई का निर्माण सदैव अग्नि कोण में करना ही श्रेष्ठ एवं शुभ होता है। आवश्यकता पड़ने पर पूर्व अग्नि कोण के निकट अथवा दक्षिण कोण के निकट किया जा सकता हैं !!

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