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आंखों के लिए योग और एक्सरसाइज

आंखों के लिए योग और एक्सरसाइज – आँखों की रौशनी तेज करने के लिए घरेलू उपाय

ज कल के  व्यस्त जीवन में  शरीर के साथ साथ आँखें भी थक जाती हैं। कम्प्यूटर और मोबाइल हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है जिससे हमारी आँखों की रौशनी में विपरीत असर पड़ता है  इसलिए आज कल काम उम्र में ही चस्मा लगने लगा है। हम कुछ घरेलू उपाय कर के व आँखों की एक्र्साइज़ करके इस समस्या से कुछ हद तक छुटकारा पा सकते हैं। आईये आगे जानते हैं कि आंखों के लिए योग और एक्सरसाइज  कौन कौन सी हैं और आँखों की रौशनी तेज करने के लिए घरेलू उपाय कौन कौन से हैं ।

नेत्रों की दृस्टि और योग में सम्बन्ध

योग में बाह्य दृष्टि और मानसिक बोध का समान आधार है। जाहिर है कि प्राचीन योगियों ने मस्तिष्क और दृष्टि के इस संबंध को ध्यान में रखकर ही आंखों की समस्याओं के लिए व्यावहारिक उपाय ईजाद किए। दृष्टि के विषय में कुछ आश्चर्यजनक तथ्य हैं, जिनका अंदाज़ा हमारे योगियों ने सदियों पहले लगा लिया था। उनमें एक तथ्य जिसका समर्थन आधुनिक विज्ञान भी करता है,यह है कि दृष्टि काफी हद तक याद्दाश्त का विषय है। हम वही देखते हैं जो हम जानते हैं। योग संबंधी नेत्र उपचारों में दृष्टि को अक्षर पहचानने और समझने के लिए नए सिरे से प्रशिक्षित करना भी शामिल है। यह प्रक्रिया मस्तिष्क को तना वरहित करती है। इससे मस्तिष्क को आराम मिलता है और वह देखने की क्रिया पर केन्द्रित हो पाता है।

आँखें  कैसे काम करती हैं ?

आंखें हर चीज़ को उल्टा देखती हैं। उसे फिर से सीधा करने का काम हमारा मस्तिष्क करता है। तनाव के कारण निकट-दृष्टि दोष (माइअपि) और दूर-दृष्टि दोष (हाईपरमेट्रोअँपि) हो सकते हैं। जब आंखें किसी चीज़ को देखने के लिए खुद पर दबाव डालती हैं तो वे  उसे स्पष्ट रूप से नहीं देख पातीं हैं । बेहतर होगा कि जब आप तो वे कुछ पढ़ने की कोशिश में आंखों पर दबाव डालें, तो कहीं और देखें या कुछ पलों के लिए आंखें बंद कर लें। यह दृष्टि के लिए मददगार साबित होगा। तनाव के क्षणों में इस सुझाव की व्यावहारिकता को आजमाएं। यह आपका तनाव और दुःख कम करने में सहायक सिद्ध होगा। यदि हम, जो बात या घटना हमें परेशान कर रही है उससे कुछ कदम दूर हटकर विचार करें तो उसके साथ बेहतर तरीके से निपट सकते हैं।

इसी तरह, आंखें पूरी स्पष्टता के साथ तब देख पाती हैं, जब आप किसी पूरी वस्तु को जल्दबाजी में देखने के बजाय उसके उन हिस्सों पर ध्यान केन्द्रित करते हैं, जिन्हें आप देखना चाहते हैं। आप महसूस करेंगे कि जिन चीजों को आप देखना चाहते हैं उन्हें टुकड़ों में देखना उस स्थिति में भी अन्तर्दृष्टि देता है जब आप बेहद तनावपूर्ण परिस्थिति से जूझ रहे हों। समस्या को टुकड़ों में बांटकर मुकाबला करना, उससे निपटने के लिए बेहतर तरह से तैयार करता है।

आंखों से संबंधित चिर कालिक समस्याओं से राहत के लिए पश्चिमी वैकल्पिक चिकित्सकों ने योग के दृष्टि और मस्तिष्क संबंधी नजरिए को काफी हद तक अपनाया है। इस संदर्भ में डॉ. डब्ल्यू. एच. बेट्स की प्रणाली वर्षों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध है। हालांकि वे भारतीय योग की त्रटक विधि को कोई श्रेय नहीं देते, लेकिन उन्होंने जो भी कुछ लिखा है उसका योग संबंधी सिद्धांतों से काफी तालमेल है। अपनी प्रसिद्ध किताब बैटर आईसाइट विदआउट ग्लासेज (भारत में भी उपलब्ध) में डॉ. बेट्स लिखते हैं कि “आंख एक तरह से निष्क्रिय इन्द्रिय है। वह वही देखती है जो उसके सामने रख दिया जाता है। वह कुछ देखने के लिए स्वयं पर दबाव नहीं डाल सकती जब मस्तिष्क इस तरह का तनाव बनाता है तो आंख की मांसपेशियां थक जाती हैं। आंख किसी चीज को तब स्पष्ट रूप से या अच्छी तरह देख पाती है जब उस पर देखने का कोई दबाव नहीं होता।”  डॉ. बेट्स आगे कहते हैं, ”मस्तिष्क में प्रयास का प्रत्येक विचार, चाहे वह किसी भी तरह का हो, आंखों को किसी यंत्र जैसा आवेग देता है। ऐसी प्रत्येक प्रेरणा के साथ आंख की पुतली के सामान्य आकार में विचलन होता है और दृष्टि के केन्द्र की संवेदनशीलता कम होती है।”

आँखों के लिए सूर्य-चिकित्सा

भारत में, डॉ. आर. एस. अग्रवाल ने इस संबंध में गहन शोध कर अपनी प्रणाली माइंड एण्ड विजन नामक किताब में प्रस्तुत की है। श्री अरविंद आश्रम के प्रयासों से वह काफी लोकप्रिय भी हुई है। मुंबई में संजीवन स्कूल डॉ. अग्रवाल की योग-प्रणाली पर आधारित है। उत्तम दृष्टि के लिए प्रयासरत इस स्कूल में हर आयु-वर्ग के सैकड़ों उत्साही अनुयायी हैं। डॉ. अग्रवाल ने अपनी किताब की पहली पंक्ति में मस्तिष्क और दृष्टि के संबंध को स्थापित किया है। वे लिखते हैं, ”नेत्र शिक्षण और मानसिक विश्राम के बिना स्वस्थ दृष्टि बनाए लगभग असंभव है। मस्तिष्क का हस्तक्षेप जितना कम होता है, दृस्टि उतनी ही स्वस्थ बनी रहती है।”

वे बेट्स को श्रेय देने के साथ अपनी बात शुरू करते हैं, लेकिन उसके बाद वे प्राचीन योग तकनीकों जैसे, पामिंग (हाथ से छूना, पकड़ना या उठाना), सनिंग (सूर्य-चिकित्सा) और रिलेक्सेशन (विश्राम) से हमारा परिचय करवाते हैं। वे कहते हैं कि सिर्फ पांच मिनट की सूर्य-चिकित्सा (सिर्फ सूर्योदय या सूर्यास्त के समय की हल्की रोशनी) ही आंखों की बहुत सी समस्याओं में राहत दे सकती है। साथ ही वे शांत मस्तिष्क और उत्तम दृष्टि के बीच संबंध पर भी काफी जोर देते हैं।

आंखों के लिए योग और एक्सरसाइज

आँखों की एकसरसाइज

कहा जाता है कि जो लोग लम्बे समय तक कम्प्यूटर के सामने बैठते हैं, वे अन्य लोगों की तुलना में 20-40 प्रतिशत कम बार आंखें झपकाते हैं। अधिकतर कम्प्यूटर वातानुकूलित कमरों में रखे जाते हैं। इस स्थिति में शरीर में पानी की कमी हो जाती है। ऐसे में झपकी लेते रहने से आंखें नम रहती हैं। योग तकनीक पर आधारित बेट्स की नेत्र-उपचार प्रणाली दुनियाभर के लोगों के लिए फायदेमंद साबित हुई है। इसे आजमाने से प्रसिद्ध लेखक एल्डस हक्सले सहित लाखों लोग अंधेपन के कगार से लौट पाए हैं। अन्य लोग जिन्हें इससे फायदा पहुंचा है, उन्होंने अपनी तकनीक और अंतर्दृष्टि का संकलन किताब के रूप में किया है।

जॉन्थन बार्न्स ने इम्प्रूव यॉर आईसाइट और हैरी बेंजामिन बेट्स ने बेटर आईसाइट विदआउट ग्लासेज लिखी। दोनों ही किताबें व्यावहारिक हैं। इनमें विषय को आसान चार्ट के जरिए समझाया गया है। इस स्तंभकार ने भी योग संबंधी तकनीकों की सहायता से आंखों की छोटी-मोटी समस्याओं का उपचार किया है। जिनमें बाई आंख का धुंधलापन भी शामिल है। संजीवन स्कूल की श्रीमती के.के. गोयल ने इस तरह के उपचारों के लिए व्यक्तिगत स्तर पर शुरुआत की है। वे कहती हैं कि उनकी अस्सी वर्षीया सास आज भी बिना चश्मे के साफ प्रिंट में प्रकाशित सामग्री को पढ़ सकती हैं। आंखों के निम्न  व्यायाम / एक्सरसाइज करके हम अपनीं आंखों की रोशनी को बड़ा सकते हैं :-

  • काम करने के दौरान हर 1 से 2 घंटे में अपनी आंखों को कुछ देर  के लिए बंद कीजिये । इस  प्रक्रिया को आप पूरे दिन कंप्युटर के सामने बैठे होने पर दोहराते रहें । ऐसा करने से  आंखों को आराम मिलेगा ।
  • अंगूठे को अपनी दोनों आंखों की सीध में दोनों भौंओं के बीच में रखें और कुछ समय तक आंखों को उसी बिंदु पर टिक कर  रखें।
  •  आंख की पुतलियों को कुछ देर तक बार बार दाएं से बाएं और ऊपर से नीचे करें और  साथ ही चारों ओर घुमाएं, इससे आंखों की एक्सरसाइज होती है।
  • दीपक की लौ को एक टक निहारते रहें, इस प्रक्रिया को त्राटक कहते हैं। इससे  आपकी आंखों की क्षमता बढ़ने के साथ-साथ मन की एकाग्रता में भी वृद्धि होती है।
  • सुबह के समय कुछ देर तक नंगे पैर हरी घास पर चलना आंखों के लिए फायदे मंद रहता  है। खास तौर से जब घास पर ओस जमी हुई हो। आप कुछ समय के लिए हरी और साफ़ घास पर चहल कदमी करने के लिए भी समय  जरूर निकालें।
  • आप दीवार पर आंखों की सीध में किसी एक बिंदु पर कुछ समय के लिए ध्यान केंद्रित करें , इसे कम समय से शुरू करके  धीरे-धीरे अधिक समय तक करें ।
  • आप 2 मिनट तक  हर 3-4 सेकंड में पलकें झपका कर, यह एक्सरसाइज़ आप काम के दौरान थोड़ा समय निकालकर कर सकते हैं ।
  • कुर्सी पर आराम से बैठ जाएँ और सिर पीछे करके अपनी आंखें बंद कर लें तीन से चार   मिनट तक इसी पोज़ीशन में बैठे रहें, इसे  दिन में कम से कम एक बार जरूर  करें। ऐसा करने से आखों को आराम मिलता है व उनकी थकान दूर होती है।
  • आंखों के तनाव को दूर करने के लिए और आँखों को  रिलैक्स करने के लिए , आप  कुर्सी पर सीधे से बैठ जाएं, अपनी  कोहनियों को टेबल पर टिका दें, फिर कुछ देर तक गहरी सांसें लें उसके बाद अपनी  दोनों हथेलियों को आपस में रगड़ें, हथेलियां गर्म होने पर हथेलियों से आंखों को कुछ देर तक ढक कर रखें ।  5 से 15  मिनट तक इसी तरह से रहें और इस दौरान गहरी सांसें लेते रहें । इस एक्सरसाइज को रोजाना करने से आँखों का तनाव दूर होगा और आँखों की रौशनी भी बढ़ेगी ।
  • दीवार के सामने खड़े हो जाएं अब कल्पना करें कि दीवार पर एक बड़ा-सा  8 का अंक बना हुआ है, पहले कुछ मिनट तक  8 के अंक के आकार बनाते हुए ऊपर से नीचे देखें और फिर नीचे से ऊपर देखें ऐसा करने से  आंखों के मसल्स की एक्सरसाइज़ होगी और इससे वह फ्लेक्सिबल बनती हैं ।
  • आप अपनी इच्छानुसार कहीं पर खड़े रहें या बैठ जाएं उसके बाद  अपने हाथ के अंगूठे को चेहरे से 10 इंच की दूरी पर रख कर अपने  सामने 10 से 20 फिट  की दूरी पर किसी चीज़ पर फोकस करें, अब पहले अंगूठे को देखें, फिर 10 से 20 फिट  दूर उस चीज़ को देखें,  इस दौरान आप गहरी सांसें लेते रहें । इस से आपकी आंखों के मसल्स मज़बूत होंगे और साथ ही साथ आंखों की रोशनी भी बढ़ेगी । अगर आप अपनी आँखों के चश्मे के बढ़ रहे नंबर से बहुत परेशान हैं, तो यह व्यायाम जरूर करें. यह क्रिया आप  कहीं भी और कभी भी कर सकते हैं।
  • आंखों को पहले दस बार घड़ी के अनुसार  और ढ  बार घड़ी के उल्ट दिशा में घुमाएं, यह आंखों की बेहतर रोशनी के लिए एक बढ़िया व्यायाम  है।
  • आप आराम की मुद्रा में  किसी स्थान पर बैठ जाएं, फिर अपना हाथ अपने चेहरे के सामने सीधा फैलाएं, अपना अंगूठा ऊपर रखें, अब अपने अंगूठे पर आँखों से फोकस करें। कुछ देर तक अंगूठे पर उसी प्रकार से फोकस बनाए रखें और अनूठे को धीरे-धीरे से अपने  चेहरे के पास लाएं और फिर धीरे-धीरे से चेहरे से दूर ले जाएं। इसे रोज़ाना दस  बार ये  करें, आप सुविधा के लिए अंगूठे की बजाय  पेन का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। इस योग क्रिया  से आपकी फोकसिंग पावर बेहतर होगी और  आंखों के मसल्स की एक्सरसाइज़ भी होगी  और वे मज़बूत बनेंगी ।

आँखों के लिए फायदे मंद है सर्वांगासन

जब हम आंखों के लिए योग और एक्सरसाइज  की बात करते  हैं तो सबसे पहले स्वर्गासन का नाम सामने आता है। स्वर्गासन आँखों की सेहत के लिए बहुत अच्छा साबित होता है इसे आप निम्न प्रकार से कर सकते हैं :-

  • सर्वप्रथम आप  पीठ के बल लेट जाएंm धान रहे आपके  पैर आपस में सटे हुए हों।
  • अपने दोनों हाथों को दोनों ओर बगल में सटाकर रखें।
  • अपनी हथेलियां ज़मीन की ओर रखें।
  • फिर सीने में सांस भरकर अपने पैरों को धीरे-धीरे से ऊपर उठाएं।
  • आप पैरों को उठाते समय अपने हाथों की मदद भी ले सकते हैं।
  • उसके बाद अपने पैरों को 90 डिग्री या 120 डिग्री पर ले जाकर हाथों सेे कमर को सहारा दें ।
  • इस बीच अपनी कोहनी को ऊपर न उठने दें. पैरों को ठीक से मिलाकर सीधा करें ।
  • इसी मुद्रा में कुछ पल  तक रुके रहें अब  धीरे-धीरे से पूर्वावस्था में आ जाएं।
  • उसके बाद रिलेक्स की मुद्रा में अपनी आंखों  को बंद कर, अपना  ध्यान दोनों भौहों के बीच (तीसरे नेत्र) में कुछ देर तक  केंद्रित करें ।
  • इसे आप एक  मिनट से लेकर  तीन  मिनट तक या इससे भी अधिक देर तक कर सकते हैं ।

(नोट- इसे योग क्रिया को हाई ब्लड प्रेशर, माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति एवं  प्रेग्नेन्ट महिलाएं बिलकुल न करें ।)

आँखों की रोशनी बढ़ाने के लिए  नुस्खे ( खुराक )

  • बादाम, सौंफ और मिश्री का पाउडर – इस नुस्खे को तैयार करने के लिए, आप बादाम, मिश्री और सौंफ का पाउडर बनाने के लिए इनको बारीक  पीस लें, हर रत  सोने से पहले आप इस पाउडर का एक चम्मच गर्म दूध के साथ  लें।  सात दिनों तक हर रोज इसका सेवन करने से आपको अपनी आंखों की रोशनी बेहतर करने में मदद मिलेगी । यह एक प्रकार का आयुर्वेदिक नुस्खा  है जो आपकी आंखों के लिए बहुत अच्छा होता है ।

  • भीगे हुए बादाम,अंजीर और किशमिश –  अगर आपको यह लगता है कि आपकी आखों की हजर कमजोर हो रही है, तो आपको इस घरेलू नुस्खे को आजमाना चाहिए, इसके लिए आप बादाम , किसमिस और अंजीर की बराबर मात्रा लेकर  रात को इन्हें पानी में भिगो दें और सुबह अच्छी तरह से पीस लें और इसे पानी में मिलाकर पी लें यह आपकी आंखों को   सारी  समस्याओं से छुटकारा दिला देगा ।  किशमिश और अंजीर आंखों के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत अच्छे होते हैं ,  अगर  आप इन्हें पीस नहीं पाते हैं तो इन तीनों को एक साथ चबाकर ऊपर से पानी पी लें ।

  • देशी घी- आयुर्वेद के अनुसार, देसी घी आपकी कई स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करने में मदद गार साबित हो सकता है।  घी विटामिन और खनिजों से भरपूर  होता है जो आपकी आंखों की रोशनी को बढ़ता  है । आंखों की रोशनी में बढ़ाने के लिए, आपको अपनी आंखों पर देशी घी लगाना चाहिए और कुछ मिनटों के लिए इससे आँखों के ऊपर धीरे धीरे से मालिश करनी चाहिए। आंखों की रोशनी को बढ़ाने के लिए इस घरेलू उपाय को जरूर आजमाएं ।

आंखों के लिए योग और एक्सरसाइज

स्वस्थ आँखों के लिए यह सावधानियां  बरतें –

आपको अपनी आँखों को स्वस्थ रखने के लिए ऊपर दिए गए उपायों के साथ – साथ निम्न सावधानियाँ भी बरतनी चाहिए और कुछ बातों का ख्याल भी रखना चाहिए इससे ही आंखों के लिए योग और एक्सरसाइज करना सफल होगा :-

  • अधिक मसालों का  सेवन करके आप, अपने पाचन-मार्ग पर अतिरिक्त दबाव न डालें।
  • हरे और नारंगी रंग के फल-सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें।
  • अधिक ऊर्जा और पोषक तत्व वाले सूखे मेवे जैसे अंजीर, खजूर, सूखे आलू बुखारे और किशमिश आंखों के लिए फायदेमंद होते हैं।
  • गलत चीजें, गलत समय पर या जल्द बाजी में खाने का आंखों पर भी असर पड़ता।
  • कॉड लीवर ऑयल या ईवनिंग प्रिमरोज़ ऑयल (टैबलेट के रूप में) जैसे अच्छे वसा के इस्तेमाल से आंखों के लाल होने की समस्या को कम किया जा सकता है जोकि खुश्की के कारण होती है।
  • लम्बे समय तक काम करने पर बीच-बीच में आराम करने से भी आंखों को अधिक समय तक स्वस्थ रखा जा सकता है।
  • सवेरे खाली पेट कम से कम एक लीटर पानी पीएं। निर्जलीकरणसे बचने के लिए दिन भर थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीते रहें।
  • व्यायाम जिसमें अधिकतर अंग शामिल हो जैसे, योग, मार्शल आर्टस, गेंद से जुड़े विभिन्न खेल आदि आंखों को स्वस्थ रखते हैं।
  • नहाते समय मुँह में पानी भरकर कुल्ला करते हुए आँखों में ताजे पानी के छीटें मारने से आँखों की रोशनी बढ़ती है और आँखें स्वस्थ रहती हैं।
  • हरी घास पर नंगे पैर चलने से आंखों के लिए महत्वपूर्ण एक्यूपोइट्स पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  • कसे हुए कपड़े न पहनें। इससे ग्लूकोमा सहित नेत्र संबंधी बहुत सी बीमारियां हो सकती है।।

मुझे आशा है की आपको मेरा ये लेख आंखों के लिए योग और एक्सरसाइज – आँखों की रौशनी तेज करने के लिए घरेलू उपाय पसंद आया होगा, कृपया शेयर करें और कमेंट करें ।

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