कब्ज के लक्षण एवं उपचार – Constipation in Hindi –
कब्ज अनेक रोगों की जड होती है, कब्ज (Constipation) एक गंभीर समस्या है । कब्ज के कारण व्यक्ति का पेट ठीक से साफ नहीं हो पाता है, और उस व्यक्ति को शौच करने के दौरान काफी दिक्कतें आने लगती हैं । इस कारण व्यक्ति को कई बार शौच के लिए जाना पड़ सकता है। सोच के लिए घण्टों तक बैठे रहना पड़ता है इतना ही नहीं उस व्यक्ति को बहुत सोच समझकर खाना पीना पड़ता है। क्या आपके साथ भी ऐसा होता है ?, क्या आप भी कब्ज से बहुत परेशान हैं ?, और आप कब्ज का कोई घरेलू उपचार चाहते हैं ? तो फिर आपको जरूरत है इस लेख को पूरा पढ़ने की। आईए जानते हैं, कब्ज के लक्षण एवं उपचार – Constipation in Hindi.
कब्ज के कारण –
बदलते वक्त के साथ लोगों के खान-पान एवं रहन सहन में व्यापक परिवर्तन आ गया है । आज फास्ट फूड का सेवन आम हो गया है, जिसमें फाइबर व् पौष्टिक पदार्थ न के बराबर होते हैं। देर रात तक नाईट क्लब, डिस्को थेक आदि में समय व्यतीत करना, सुबह तक सोना, गुटका सिगरेट, शराब का सेवन करना स्टेटस सिम्बल सा बन गया है । आहार-विहार की इस अनियमितता के परिणाम स्वरूप आज ज्यादातर व्यक्ति कब्ज से पीड़ित हैं । कब्ज होने के मुख्य कारण निम्न लिखित हो सकते हैं :-
- जल्दी-जल्दी खाना ।
- अच्छी तरह चबाकर न खाना ।
- पानी कम पीना ।
- नियमित समय पर शौच न जाना ।
- हाजत होने पर भी मलत्याग के लिए न जाना
- जीर्ण ज्वर, बड़ी आंत व पेट की पेशियों की दुर्बलता ।
- लिवर के रोग ।
- पित्त तथा आंत्र के स्रावों की कमी ।
- पिट्युटरी तथा थाइरॉयड ग्रंथियों के स्राव की कमी ।
- आंत की गति को कम करने वाले पदार्थों के अधिक सेवन आदि से ।
- वैकारिक तथा वृद्धावस्था, गर्भावस्था ।
- उपवास तथा यात्रा के दौरान स्वाभाविक रूप से भी कब्ज हो जाता है।
- खानें में रेशेदार आहार की कमी होना ।
- मैदे से बने एवं तले भुने मिर्च-मसालेदार भोजन का अधिक सेवन करना ।
- समय पर भोजन नहीं करना ।
- रात में देरी से भोजन करना ।
- देर रात तक जागने रहने की आदत ।
- अधिक मात्रा में तंबाकू या सिगरेट, चाय, कॉफी आदि ऐसे पदार्थों का सेवन करना ।
- भोजन पचे बिना ही दोबारा फिर से भोजन कर लेना ।
- चिन्ता ग्रस्त होना या तनाव युक्त जीवन जीना ।
- किसी प्रकार के हार्मोन्स का असंतुलन या थायराइड की परेशानी का होना।
- लम्बे समय तक अधिक मात्रा में दर्द निवारक दवाइयों का इस्तेमाल करते रहना ।
- भोजन के तुरंत बाद व्यायाम तथा मैथुन अदि कारणों से पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है, जिससे आहार ठीक से बच नहीं पाता और पेट में गैस बनती है, जो मल को सुखाकर कड़ा कर देती है, जिससे मल त्याग ठीक से नहीं होता है ।
कब्ज के लक्षण –
इनमें से एक या एक से अधिक लक्षण होने पर आप कब्ज को पहचान सकते हैं :-
- 24 से 48 घंटे में नियमित रूप से एक बार मल विसर्जन न होना कब्ज कहलाता है ।
- कब्ज में माल त्याग में बेहद कष्ट होता है ।
- नियमित रूप से पेट साफ न होना ।
- मल का आंतों में सड़ना, सूख जाना तथा रुकना ही कब्ज का लक्षण है ।
- कब्ज के कारण मल का बड़ी आंत में जमा रहने से शरीर में भारी पन, सुस्ती एवं आलस्य महसूस होता है ।
- कुछ लोगों में मितली, खट्टी डकार, पेट में गैस बनना, सर, जंघा तथा पिंडलियों में दर्द, नींद न आना, हृदय में दर्द, भोजन में अरुचि, प्यास अधिक लगना, मुंह सूखा रहना, मुंह से दुर्गध आना आदि लक्षण भी उत्पन्न हो सकते हैं।
- जीभ पर मैल की पर्त जमा हो जाती है। यह लक्षण बड़ी आंत में जमा मल के कारण उसमें दबाव बढ़ जाने से होता है ।
- कब्ज से मुँह में छाले होना भी एक आम समस्या होती है।
- कई लोगों को कब्ज के कारण त्वचा में मुँहासे या फुंसियाँ भी होने लगती हैं ।
- पेट में दर्द होना एवं पेट भारी पन रहना ।
कब्ज से नुक्सान –
कब्ज प्राय: सभी रोगों का मूल कारण होती है। समस्त प्रकार के वात रोगों के अलावा कई बार प्रदर रोग, स्वप्नदोष, शीघ्रपतन, यौन शक्ति हास आदि यौन समस्याओं का मूल कारण भी कब्ज ही होता है। लगातार कब्ज रहने से बवासीर, भगंदर, फिशर रोग हो सकता है या रोग ग्रसितों में रोग गंभीर हो सकता है। कब्ज के कारण जोर लगाने से आंत का हिस्सा गुदाद्वार से बाहर निकल सकता है या हर्निया हो सकता है। कब्ज के कारण जोर लगाने से बवासीर के मस्सों में से खून निकलने से व्यक्ति खून की कमी एवं दुर्बलता से पीड़ित हो जाते हैं । कब्ज के लक्षण एवं उपचार
कब्ज का घरेलू इलाज –
हम कुछ घरेलू उपचार करके कब्ज से छुटकारा पा सकते हैं :-
- भरपूर पोटेशियम एवं कैल्शियम युक्त आहार का सेवन करें । भरपूर कैल्शियम होने से आंतों में जकड़न नहीं होती तथा मल भली प्रकार निकलता है
- अधिक चिकनाई युक्त आहार ना खाएं, क्योंकि चिकनाई तथा कैल्शियम मिलकर साबुन जैसे हो जाते हैं, जिससे कैल्शियम की कमी होकर आंत मे कठोरता आ जाती है।
- रेशे दार, ताजे एवं कच्चे फल सब्जियों का सेवन करें ।
- तरल तथा जल्दी पचने वाले आहार को लें ।
- पानी, सृप, जूस, शर्वत, लस्सी, मट्ठा का प्रयोग करें ।
- रात में गर्म मीठा दूध पीने से भी राहत मिलती है ।
- भोजन के पहले एवं बाद में ज्यादा पानी न पिएं ।
- सप्ताह में एक दिन उपवास रखें ।
- दिन में न सोएं ।
- नित्य व्यायाम करें ।
- खूब चबा-चबाकर एकाग्रता से भोजन करें ।
- सुबह जल्दी उठकर एवं शाम को भोजन करके 1-2 कि0मी0 अवश्य टहलें ।
- रात्रि में सोने से 2-3 घंटा पूर्व भोजन कर लें और सुबह भी नियमित समय पर भोजन करें ।
कब्ज में क्या खाएं –
कब्ज के रोगियों को आहार में सलाद, रेशेदार फल-सब्जियां, हरी सब्जियां जैसे पालक, चौलाई, मैथी, बथुआ, लौकी, करेला, परवल, सेम फली, भिंडी, सरसों का शाग , ककड़ी, टमाटर, शलजम, हरी प्याज, चुकंदर, मौसमी फल, चोकर युक्त आटे की रोटी, मूंगदाल आदि का सेवन करने से कब्ज से बहुत राहत मिलती है । इसके आलावा भी आप निम्न नुस्खे आजमा सकते हैं :-
- रोजाना दो चम्मच गुड़ गर्म दूध के साथ लेने से कब्ज से राहत मिलती है ।
- रात के भोजन में पपीता का सेवन जरूर करने से कब्ज से आराम मिलेगा ।
- दूध में सूखे अंजीर को उबाल कर खाने से और बचे दूध को पी लेने से कब्ज खत्म हो जाती है ।
- दस ग्राम इसबगोल की भूसी को सुबह-शाम पानी के साथ पीने से फायदा मिलेगा ।
- सुबह जल्द उठकर नींबू के रस में काला नमक मिलाकर सेवन करने से कब्ज से छुटकारा मिलेगा ।
- रात को सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को गर्म पानी के साथ लेने से आराम मिलता है ।
- एक गिलास गर्म दूध में दो चम्मच देसी घी डाल कर, सोने से पहले जरूर पिएं इससे कब्ज से राहत मिलेगी ।
- रोजाना कम से कम 8 से 10 गिलास पानी जरूर पिएं, और तरल पदार्थों का सेवन जरूर करें।
- गेहूं के आटे को मोटा पिसवाएं और उसमें पिसे हुए चने को मिला कर रोटी बनाएं ।
- सब्जियों में पत्तागोभी, ब्रोकली, गाजर और पालक आदि हरी और पत्तेदार सब्जियों का सेवन अधिक करें ।
कब्ज में क्या न खाएं :-
कब्ज की समस्या होने पर सूखे मेवे, चाय, कॉफी, फास्ट फूड, मांसाहार, मैदे व बेसन से बनी वस्तुएं, अधिक चिकनाई एवं स्ट्रॉच युक्त आहार गरिष्ठ, तले हुए एवं मिर्च मसालेदार आहार का परहेज करने पर कब्ज से राहत मिलते है ।।
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