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गुलाब के पौधे की देखभाल कैसे करें ?

गुलाब के पौधे की देखभाल कैसे करें ? – गुलाब के पौधे में ज्यादा फूल लाने का तरीका

गुलाब के पौधे की देखभाल कैसे करें ?

गुलाब के पौधे में ज्यादा फूल लाने का तरीका

गुलाब का पौधा एक बहु वर्षीय, झाड़ी दार, कंटीला और पुष्प देने वाला  पौधा होता है इस पौधों में  बहुत सुंदर सुगंधित फूल लगते हैं । गुलाब की  १०० से अधिक जातियां एवं प्रजातियाँ  हैं, गुलाब की जयादात्तर प्रजातियाँ एशियाई मूल की होती  हैं। इनमें से कुछ जातियां  मूल रूप से  यूरोप, उत्तरी अमेरिका तथा उत्तरी पश्चिमी अफ्रीका की भी है। भारत सरकार हर साल  १२ फरवरी को ‘गुलाब-दिवस’ के रूप में मनाती है । गुलाब का फूल कोमलता और सुंदरता के लिये प्रसिद्ध होता  है, इसी से लोग अपने  छोटे बच्चों को  गुलाब का  फूल कह कर पुकारते हैं । कोई भी फुलवारी हो  या बगीचा हो वो बिना गुलाब के अधूरा होता है । आज हम इस पोस्ट के जरिये गुलाब के पौधे के बारे में जान्ने का प्रयास करते हैं और  यह पता लगाते हैं कि गुलाब के पौधे की देखभाल कैसे करें ?  और इसके साथ ही  साथ गुलाब में ज्यादा फूल लाने का तरीका क्या है ?

 

गुलाब के पौधे की देखभाल कैसे करें ?

गुलाब का पौधा  –

गुलाब के फूल को फूलों का राजा कहा जाता  है । गुलाब का  फूल जयादात्तर भारत के पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में पाया जाता है । दूसरे अन्य प्रकार के फूलों की तुलना में गुलाब के फूल का व्यावसायिक महत्व सबसे ज्यादा होता  है। गुलाब बहु वर्षीय पौधा होता है अगर गुलाब के पौधे कि देखभाल उचित तरीके से की जय तो ये पौधा सालों साल तक चलता है । गुलाब प्रायः हर जगह विशेष कर  १९ से लेकर ७० अक्षांश तक भूगोल के उत्तरार्ध में अधिक पाया जाता है।

भारत वर्ष में यह पौधा कई सदियों  से लगाया जाता रहा है और कई स्थानों में जंगली रूप में  भी पाया जाता है । कश्मीर और भूटान में पीले फूल के जंगली गुलाब बहुत अधिक मात्रा में पाए जाते हैं । गुलाब के पौधों की कलम ही लगाई जाती है । इसके पौधे के फूल कई रंगों के होते हैं, लाल (कई मेल के हलके व गहरे रंग के ) पीले, सफेद आदि आदि रंगों के । सफेद फूल के गुलाब को सेवती कहते हैं । कहीं कहीं पर हरे और काले रंग के भी गुलाब के फूल पाए जाते हैं। लता की तरह चढ़ने वाले गुलाब के पौधे बेलें भी होती  हैं ।  मौसम के अनुसार भारत में गुलाब की दो नश्लें  हैं सदा भार गुलाब और चैती गुलाब । सदा बहार गुलाब हर मौसम में फलता -फूलता है और चैती गुलाब सिर्फ बसंत के मौसम में ही फूलता है।  चैती के गुलाब में विशेष प्रकार की  सुगंध होती है और इससे इत्र और दवाएं भी बनाई जाती हैं । चेती  के गुलाब की खेती गाजीपुर के इलाके में इत्र और गुलाब जल के लिये बहुत की जाती है ।

गुलाब की नश्लें –

गुलाब निम्न प्रकार के होते हैं :-

  1.  देशी गुलाल –  देशी गुलाब को रोजा उमेस्काना गुलाब या  जंगली गुलाब व पहाड़ी हिमालय गुलाब भी कहते हैं ये ज्यादातर  प्रकृतिक रूप से भी उग आता है
  2. हाइब्रिड गुलाब  –  बगीचों कि शोभा बढ़ाने के लिए हाई ब्रीड गुलाब की नश्ल तैयार की गयी है । हाई ब्रीड गुलाब आधुनिक समय में सर्वाधिक लोक प्रिय श्रेणी है । इसके फूल सुंदर बड़े, पेड़ झाड़ी नुमा होते हैं और ये हर मौसम में खिलते हैं ।
  3. फ्लोरिबंडा –  इस प्रकार के गुलाब मध्यम आकार के डबल फूल देने वाले होते हैं । ये पुष्पन काल में हाइब्रिड गुलाब के पौधे से अधिक बढ़े फूल देते हैं और इसका पौधा हाईब्रीड से अधिक लम्बा हो जाता है ।
  4. पोलिएन्था –  गुआब के की इस नश्ल के पौधों के फूल कुछ छोटे और हल्के होते हैं। ये फूल उत्तर भारत में साल के पांच महीने तक खिलते रहते हैं ।
  5.  मिनिएचर –  मिनिएचर नश्ल के गुलाब के पौधे गमलों में लगाने के लिए उपयुक्त होते हैं । इन के पौधे व फूल दोनों ही आकार में काफी छोटे होते हैं ।

गुलाब के पौधों को लगाने का तरीका –

गुलाब के पौधों को  रोपते समय वातावरण का ठंडा होना जरूरी होता है। सूरज की सीधी रोशनी का गुलाब के पौधों पर गहरा असर पढ़ता है । गुलाब के पौधों को तेज धूप की जरूरत तो होती है, लेकिन ज्यादा धुप  की तीव्रता और कम तापमान में भी  इसमें फूल नहीं आते हैं । इसके अतिरिक्त गुलाब का पौधा लगाते वक्त कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है  –

  • गुलाब के पौधे लिए दोमट भूमि का चयन करें ।
  • गुलाब के नए पौधे लगाने के लिए अक्टूबर-नवंबर और फरवरी-मार्च का समय सर्वाधिक उपयुक्त रहता है ।
  • पौधों को क्यारियों में लगाने से पहले दो फुट गहरा व दो फुट चौड़ा गड्ढा कर लें । उसमें से मिट्टी निकाल कर एक भाग मिट्टी, एक भाग गोबर की सड़ी हुई खाद व प्रति गड्ढा एक मुट्ठी बोन मील व दो मुट्ठी नीम की खली का मिश्रण भर दें ।
  • गुलाब के पौधे को करीब आठ इंच की गहराई पर लगाएं । पौधे से पौधे की दूरी छोटी (मिनिएचर व फ्लोरिबंडा) किस्मों के लिए दो फुट व हाइब्रिड  के लिए तीन फुट होनी चाहिए ।
  • गुलाब के फूलों को सुखाकर उनके बीज भी तैयार करके गुलाब के पौधों को उगाया जा सकता है
  •  गुलाब को कलम द्वारा  लगाने का तरीका सबसे उत्तम , सबसे सरल और कम लागत वाला तरीका  है । कलम से तैयार पौधा जल्दी फूल देने लगता है ।
  • कलम से पौधा बनाने के लिए एक साल पुरानी गुलाब की कलमों का इस्तेमाल करते हैं ।
  • कलम लगाने के बाद उनमें अच्छी तरह से जड़ें और तना विकसित हो जाने  के बाद ही उसे किसी  दूसरे स्थान पर लगाना  चाहिए ।

गुलाब के पौधे को गमले में लगाने का तरीका –

यूं तो गुलाब के पौधे जमीन में ही अच्छे से ग्रोथ करते हैं, अगर आपके पास जमीन में पौधे लगाने की पर्याप्त जगह की कमी है तो आप आसानी से गमलों में भी गुलाब के पौधों को अच्छे से ग्रो कर सकते हैं । गमलों में आप इस प्रकार से गुलाब के पौधों को आसानी से उगा सकते हैं –

गमले का चुनाव –

गुलाब के पौधे की आवश्यकता के अनुसार ही गमले का चुनाव करें । 12 इंच के गमले  में छोटे आकार के गुलाब आसानी से ग्रो हो जाते हैं,  जबकि फ्लोरिबुन्ड और हाइब्रिड नश्ल के गुलाब के पौधों के लिए १५ इंच के गमले अच्छे रहते हैं । बड़े संकर और वृक्ष की तरह के गुलाब के पौधों के लिए 18 इंच  या इससे भी बड़े  गमलों  अच्छे रहते हैं ।  एक बात जो और ध्यान रखने लायक होती है, कि गमले  में  जल निकासी के लिए सुराख होना चाहिए अगर गमले के नीचे वाले भाग में सुराख़ नहीं है तो गमले में मिटटी डालने से पहले गमले की पेंदी में अच्छी तरह से सुराख कर लेना चाहिए । गुलाब के पौधे के लिए गमला मिटटी या सीमेंट का ही लें तो बेहतर है, प्लास्टिक का गमला भी ले सकते हैं  लेकिन मिटटी या सीमेंट का गमला अच्छा रहता है ।

गुलाब के पौधे के लिए गमले की मिट्टी –

गमले में गुलाब के पौधे को अच्छे से ग्रो करने के लिए , आप गुलाब के पौधे के लिए मिट्टी को इस तरह से बना सकते हैं दोमट मिट्टी 50% + गोबर की खाद या वर्मा कम्पोस्ट  30% + नीम का केक पाउडर 10% + और रेत 10% , इन्हे अच्छे तरह से मिक्स करके ही पौधे लगाएं ।

गमले के लिए गुलाब की श्रेष्ठ प्रजातीयां –

हालांकि गुलाब के पौधे की  सैंकड़ों  प्रजातियां हैं, जैसे भारतीय दैनिक, डच रोज, इंग्लिश रोज,  ऑस्ट्रेलियाई रोज  आदि हैं। लेकिन गमले के लिए, सबसे अच्छी प्रजाति चीनी गुलाब के होती है । चीनी गुलाब के पौधे बहुत आसानी से गमलों में ग्रो हो जाते हैं ।

गुलाब के पौधे को पानी देने का तरीका –

गुलाब के पौधों को लगाने के बाद  फुहारे की विधि से सिंचाई करनी चाहिए । अगर पौधे गमले में लगाए गए हैं तो पौधों पर ऊपर से पानी का छिड़काव कर देना चाहिए । ऐसा करने से पौधों में शाखाएं जल्दी फूटती हैं  और पौधा अच्छे से विकास करता है । गर्मियों के मौसम  में गमले में लगे पौधों को प्रतिदिन एक बार या दो बार  सिंचाई की आवश्यकता हो सकती है।  शर्दियों में गमलों को हर तीसरे या चौथे दिन पानी देना चाहिए । गमलों के अलावा मिटटी में लगे गुलाब के पौधों को मिटटी की ऊपरी परत सूख जाने पर ही पानी देना चाहिए । ध्यान रहे पानी सुबह या शाम के वक्त ही देना चाहिए ।

गुलाब के लिए बेहतर खाद –

गुलाब के पौधों को खाद पौधों की कटाई-छंटाई के तुरंत बाद देने चाहिए । खाद  के उपयोग से पहले गुड़ाई अवश्य कर लें तथा  खाद  देने के तुरंत बाद हल्की सिंचाई  जरूर  करें । पौधों में अक्टूबर से लेकर मार्च के महीनों तक हर पखवाड़े खाद  जरूर  देनी चाहिए । गुलाब के पौधों के लिए सबसे अच्छी खाद जैविक खाद जैसे गोबर, खनिज पदार्थ , वर्मी कंपोस्ट बेहतर रहती  है । गुलाब के पौधों को बहुत अधिक पोषक तत्वों की आवश्यकता पढ़ती है । यदि आप अधिक मात्रा में रासायनिक उर्वरक का उपयोग करते हैं, तो गुलाब का पौधा खराब होकर सूख जाता है । प्रत्येक  १५ दिनों के अंतराल में आप गुलाब के पौधे में खाद डाल सकते हैं । इसके आलावा साल में दो बार बोन मील दो चमच व  दो चमच्च ऐसपियन नमक जरूर डालें इससे जायदा फूल आएंगे और पौधे क़ी जड़ें स्वस्थ रहेंगी ।

गुलाब के पौधे में गणे वाले रोग –

गुलाब के पौधों में सबसे खतरनाक बीमारियां ब्लैकस्पोट , पाउडरी  मिलडेव  आदि कई तरह के रोग लगते  हैं।  गुलाब के पौधों  पर, फंगल रोग न हो इसलिए समय-समय पर फंगल रोधी कीटनाशकों का छिड़काव करते रहना चाहिए । गुलाब के पौधों पर कई तरह के कीड़े मकौड़ों का हमला होता है, खासकर एफिड की प्रजातियों का हमला, हरे रंग वाला एफिड इसे बहुत नुकसान पहुंचता है । इसके अतिरिक्त  लाल मकड़ी, रेड स्केल, रोज वेफर जैसे कीट पतंगे  गुलाब की पत्तियों को नुकसान पहुंचाते रहते हैं। इसके लिए अच्छी किस्म के कीटनाशकों का छिड़काव करते रहना चाहिए ।  कटाई-छंटाई के तुरंत बाद से ही प्रति पखवाड़े में प्रति लीटर पानी में दो मिली लीटर कीटनाशक व दो ग्राम  फफुदी नाशक का छिड़काव करें तो रोगों व कीटों से बचाव रहता है ।

गुलाब के पौधे की कटिंग  –

किसी अन्य पौधे की तरह से ही गुलाब के पौधे में भी कटाई छटाई की जरूरत पड़ती है । कटाई छटाई करने से ुलाब के पौधों में नयी शाखाएं फूटती हैं जिससे अधिक फूल आते हैं। गुलाब के पौधों की कटिंग हर वर्ष बसंत ऋतु में यानि कि अक्टूबर माह व फरवरी माह में अच्छी तरह से करना चाहिए । कटिंग करने के बाद पौधों की गुड़ाई करके उसमें उचित मात्रा में खाद दाल दें । इसके अलावा ग्राफ्टेड पौधों में ग्राफ्ट के नीचे वाले भाग से सीधे टहनियां निकल आती हैं आप उन्हें जड़ से तुरंत काट दें वर्ना वो पौधे को खराब कर देंगी । पौधों पर फूल झड़ने का बाद बची डंडीयों को टहनीयों से काट कर अलग कर दें , इससे पौधों पर अधिक फूल आएंगे ।

गुलाब के पौधों की निराई गुड़ाई –

पंद्रह दिन में एक बार गुलाब के पौधे की निराई गुड़ाई करके जंगली घास निकाल के अलग कर देनी चाहिए , गुड़ाई कम गहरी करें । हो सके तो गुड़ाई अगले दिन करें और गुड़ाई के बाद मिटटी को हाथों से बारीक कर दें और उसमें खाद मिला दें । पानी अगली सुबह दें । निरंतर गुड़ाई करने से मिटटी नरम रहती है जिससे पौधे की जड़ों को आक्सीजन अच्छी मात्रा में मिलती है और पौधे अच्छा विकास करते हैं ।  गुलाब के पौधे की देखभाल कैसे करें ?

 

गुलाब के पौधे की देखभाल कैसे करें ?

गुलाब पौधे के लिए कुछ अन्य टिप्स –

  •  पर गमला उस स्थान पर रखें जहां पूर्ण रूप से सूर्य की धुप आती हो गुलाब के पौधे को रोज कम से कम 7 घंटे की सूरज की धुप की जरूरत होती है ।
  • गमले मे लगे गुलाब के पौधों को अधिक गर्मी के दिनों में,  दिन में दो बार पानी देने जैसे सुबह  एक बार और शाम के वक्त  एक बार ।
  • गुलाब के पौधों को दुबारा पानी देने से पहले मिट्टी की नमी की अच्छे तरह से जाँच कर लें,  मिट्टी की ऊपरी दो इंच  में अपनी उंगली को गड़ाएं अगर  मिट्टी सूखी  लगती हो तो,  आपके गुलाब के पौधे को पानी की तत्काल से जरूरत है ।
  • पानी देने के दौरान पौधे के पत्ते को गीला करने से बचें, क्योंकि ऐसा करने से  रोगों को आमंत्रित करना होता है ।
  • गुलाब के पौधों की क्यारियों या गमलों में मिट्टी की सतह पर गीली घास को फैलाएं । गीली घास का एक इंच, विशेष रूप से गमले में  नमी लाएगा और  वाष्पी करण को रोक देगा । गीली घास, जंगली घास  को उगने  रोकती भी  है । बरसात के मौसम की शुरुआत में ही गीली घास को निकाल दें । उ
  • संतुलित तरल उर्वरक या धीमी गति से रिलीज कणिकादार उर्वरक का उपयोग  हर दो सप्ताह में करें ।
  • गुलाब का पौधा लगाने के 6 घंटे पहले और तुरंत बाद पानी देना मत भूलें ।
  • गुलाब के पौधे में कांटे होते है, इसलिए वह आपको चुभ सकते है। निराई, गुड़ाई व खाद देते वक्त आप चाहें तो हाथों में दस्ताने का उपयोग कर सकते हैं ।
  • फूलों के मौसम से एक महीने पहले अपने गुलाब की कटाई छटाई करना न  भूलें । कटाई छंटाई से   गुलाब के पौधे आकर्षक आकार के हो जाते हैं और अच्छी किस्म के और जायदा मात्रा में फूल देते हैं ।  पौधों की वृद्धि और वांछित आकार के अनुसार आप पौधों की कटिंग कर  सकते हैं । आम तौर पर,  पौधे के कुल आकार के 1 / 3 से 2 / 3 भाग  के लिए कटिंग करना अच्छा रहता है । छंटाई के दौरान सभी मृत, मरने वाले, पतले या कमजोर टहनियों को हटा दें ।
  • गुलाब के पौधे की जड़ों के पास प्रत्येक वसंत ऋतु में एप्सॉन नमक (Epson Salt) का एक बड़ा चमचा डालना बेहतर होता है इससे जड़ें मजबूत होती हैं ।  यह पत्ते के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए पौधे को मैग्नीशियम की एक अतिरिक्त खुराक देता  है ।।

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