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कमयूटर माउस (computer mouse)

कमयूटर माउस (computer mouse) – गोल्फ का इतिहास (Golf)

पने कभी न कभी कम्प्यूटर  माउस का प्रयोग किया ही होगा और आपने गोल्फ के बारे में भी सुना होगा आज हम इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि कमयूटर माउस (computer mouse) और जानते हैं, गोल्फ (Golf) के बारे में । 

कंप्यूटर माउस (computer mouse)

बात द्वितीय विश्व युद्ध की है। मशहूर कम्प्यूटर प्रणेता डगलस सी एंजेलबर्ट इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे, लेकिन युद्ध की वजह से उसमें रुकावट आई तो वे नौसेना में शामिल हो गए और फिलीपींस में रडार टेक्नीशियन के रूप में काम करने लगे। अपनी मिलिट्री सर्विस पूरी होने के बाद उन्होंने यूसी बर्कले से इंजीनियरिंग में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की और स्टेनफोर्ड के रिसर्च स्टॉफ के साथ अपनी रुचि के विषय कम्प्यूटर पर काम शुरु किया। 1963 में उन्होंने अपनी स्वयं की लेबोरेट्री ऑगमेंटेशन रिसर्च सेंटर खोल ली। उसके बाद उन्होंने कम्प्यूटर के क्षेत्र में काफी कुछ काम किया लेकिन डगलस का सबसे महत्वपूर्ण योगदान था कम्प्यूटर माउस का अविष्कार। डगलस ने अपनी लेबोरेट्री में इसके आइडिया पर काम किया। अपने इस उपकरण को उन्होंने नाम दिया एक्स वाई पोजीशन इंडिकेटर फॉर ए डिसप्ले सिस्टम। जो कम्प्यूटर की दुनिया में क्रांतिकारी प्रयोग साबित हुआ | ।
गोल्फ का खेल सबसे पहले स्कॉटलैंड में करीबन 400 वर्ष पूर्व खेला गया था। इस पर विजय हासिल करता है, वही जीतता है। स्ट्रोक प्ले में विजेता वह खिलाड़ी होता है जो कम से कम स्ट्रोक में कुछ निश्चित राउंड पूरे कर लेता है।                            कमयूटर माउस (computer mouse)

कमयूटर माउस (computer mouse)

गोल्फ (Golf)

गोल्फ का खेल सबसे पहले स्कॉटलैंड में करीबन 400 वर्ष पूर्व खेला गया था। इस  खेल में खिलाड़ियों को बॉल को लोहे या लकड़ी के छड़ी नुमा डंडे से मारते हुए एक स्मूद लेवल प्वाइंट या टीइंग ग्राउंड से फेयरवे से होते हुए उस जगह पर पहुंचाना होता है जहां टार्गेट होल बना होता है। फेयरवे खाली भूमि का एक हिस्सा होता है जिसमें कई प्राकृतिक बाधाएं जैसे तालाब, झरने या मानव निर्मित रुकावटें जैसे बंकर (रेत के गड्ढे) और रफ (बढ़ी हुई घास वाले हिस्से) होती हैं। चैंपियनशिप गोल्फ कोर्सेज में 18 छिद्र होते हैं। खेल में व्यवस्थित क्रम में प्रत्येक छिद्र में बॉल को डालना होता है और जितना हो सके कम मार के साथ राउंड को पूरा करना होता है। खिलाड़ी अकेले आपस में या फिर टीम जो कि खेल को दो, तीन, चार के समूह में खेलती हैं, के रूप में प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं। प्रतियोगिता के दो मुख्य रूप मैच प्ले और स्ट्रोक प्ले होते हैं। मैच प्ले में जो पक्ष कुछ निश्चित राउंड्स की संख्या में बड़ी संख्या में छिद्रों की संख्या पर विजय हासिल करता है, वही जीतता है। स्ट्रोक प्ले में विजेता वह खिलाड़ी होता है जो कम से कम स्ट्रोक में कुछ निश्चित राउंड पूरे कर लेता है ।।

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