हम में से हर एक की चाहत होती है कि हमारे बच्चे बड़े होकर लायक बनें और हमारा नाम खूब रोशन करें लेकिन हम में से अधिकत्तर लोगों का ये सपना अक्सर पूरा नहीं हो पाता है। इसके पीछे क्या प्रमुख कारण हैं ? और कौन सी वजहें हैं ? और ऐसा क्यों होता है ? आगे इस लेख के माध्यम से हम यही जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर हम ऐसा क्या करें कि जिससे हमारे बच्चे बड़े होकर लायक बनें और जीवन में कामयाब हों इसके लिए हमें ये जानना होगा कि हम कैसे बनें अच्छे माता पिता? – अपने बच्चे के सबसे अच्छे दोस्त कैसे बनें।
सर्वे क्या कहते हैं ?
संभव है कि आपको यह खबर भी न हो और आपका बच्चा अच्छी पेरेंटिंग की आपकी सारी कोशिशों को दरकिनार करते हुए आपको कहानियों के बुरे पात्र कैप्टन हुक, सूपर्णखा, क्रूएला डे, रावण, कंश या विक्ड स्टेपमदर का नाम दे चुका हो। बीजिंग मॉर्निग पोस्ट अखबार के एक सर्वे में 3000 मिडिल स्कूल छात्रों को शामिल किया गया। हिस्सा लेने वाले बच्चों में से मात्र 5 प्रतिशत बच्चे अपने माता-पिता को प्यार करते थे और लगभग 70 प्रतिशत छात्रों ने अपने माता-पिता के प्रति विरोध दर्शाया। ऐसा क्यों होता है कि एक समय में बच्चे अपने माता-पिता से नफरत करने लगते हैं? शायद इसलिए क्योंकि वे हमारे अंतिम निर्णय लेने के अधिकार से नाखुश रहते हैं ।
बच्चों के अपने माता पिता से नफरत करने के प्रमुख कारण
शायद वे बच्चे उन बड़ों का ध्यान अपने पर केन्द्रित करना चाहते हैं जो वर्तमान परिप्रेक्ष्य की आपा धापी में व्यस्त हैं। दर असल छोटी-बड़ी परेशानियों, तनाव और डेडलाइन के बीच हम भूल जाते हैं कि इस अनदेखी के प्रति बच्चे कितने संवेदनशील हो सकते हैं। जाहिर है कि आप बच्चों की भलाई के लिए ही अपने बच्चों को टोकते हैं। हालांकि माता-पिता की आकांक्षाएं भी कई बार इस नफरत की वजह बनती हैं। एक सर्वे में यह बात भी सामने आई कि 58 प्रतिशत माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे डॉक्टरेट डिग्री हासिल करें जबकि 83.6 प्रतिशत माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे परीक्षा में टॉप 15 में आएं। ज्यादातर बच्चे इसे माता-पिता की अति महत्वाकांक्षा मानते हैं, जिसे पूरा करना उनके लिए उन्हें काफी मुश्किल होती है।
1- बच्चों के प्रति माता-पिता का सख्त लहजा
विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान समय में माता-पिता अपने बच्चे को मारते या कोसते तो लगभग नहीं हैं, लेकिन अक्सर उन्हें कई दिनों तक बात न करके दण्ड देते हैं। इस तरह की कोल्ड शोल्डर हिंसा आज कल के परिवारों के लिए आम बात है और यही माता-पिता के प्रति बच्चों की नफरत का प्रमुख कारण है। यह सच है कि जो भी हो माता-पिता का अपने बच्चे के प्रति प्यार और समर्पण कभी कम नहीं होता। लेकिन उनके इस प्यार को वे तभी समझते हैं जब माता-पिता स्नेह के साथ उनकी बढ़ती उम्र के अनुरूप उनकी समस्याओं की भी समझ रखें। जब बच्चे की यह आवश्यकता पूरी नहीं होती तो वह अपने माता-पिता को नापसंद करने लगता है। जब माता-पिता उसकी प्रेम, पैसे, समझ और स्वतंत्रता की जरूरतों को पूरा नहीं कर पाते तो उसमें असंतुष्टि की भावना विकसित हो जाती है। यह असंतुष्टि पहले नापसंद बनती है और आगे चलकर नफरत में भी बदल सकती है।
2- परिस्थितियां
इसका दूसरा कारण परिस्थितियां भी हो सकती हैं। बच्चे अपने घर या बाहर की परिस्थितियों से प्रभावित हो सकते हैं। कई बार माता-पिता बहुत ज्यादा झगड़ते और बहस करते हैं। यह बच्चों को बहुत अधिक परेशान कर सकता है। बाहरी प्रभावों में वे बुरी संगत में भी पड़ सकते हैं। खराब दोस्त या साथी अक्सर नकारात्मक तरीके से उनके दिमाग पर प्रभाव डालते हैं और बच्चे माता-पिता का अनादर करना शुरु कर देते हैं।
कैसे बनें बच्चों के अच्छे पैरेंट ?
1- बच्चों को प्यार, समय और समझ दीजीये
समस्या का समाधान बहुत आसान है। इसके लिए बस थोड़ा समय और बहुत सारे धैर्य की जरूरत होती है। बच्चे को प्यार, समय और समझ दीजिए। चाइना यूथ एंड चिल्ड्रन रिसर्च सेंटर के निदेशक सन हॉन्गयान के अनुसार आधुनिक मीडिया और टेक्नोलॉजी के आगमन से बच्चों के पास सीखने और सूचना प्राप्त करने के कई विकल्प मौजूद हैं। आज आठ साल का बच्चा बड़ों की जिम्मेदारियों को अच्छी तरह समझ सकता है। इसलिए उसे अपनी जिम्मेदारियों को समझाने की कोशिश कीजिए। उसमें इस बात की समझ पैदा कीजिए कि माता-पिता को यह प्राकृतिक अधिकार है कि वे बच्चों का मार्गदर्शन करें ताकि वह बड़े होकर जिम्मेदार पुरुष और महिला बने। इस संवाद के बाद आपको उनकी अद्भुत समझ और क्षमा करने की क्षमता पर आश्चर्य होगा। (कैसे बनें अच्छे माता पिता?)
2- बच्चों को समझें और उन से दोस्ताना व्यवहार करें
उन्हें आपसे कोई समस्या है तो उसे ध्यान से सुनिए। अगर बाहरी प्रभाव के कारण वे आपके प्रति ऐसा बर्ताव करने लगे हैं तो उन्हें प्यार से बुरी संगति को छोड़ने के लिए प्रेरित कीजिए। पढ़ाई और कैरियर बनाने में सहयोग दीजिए। उन्हें वह सारी सुविधाएं दीजिए, जो उन्हें सकारात्मक ढंग से विकसित होने में मदद करें। कभी- कभी ईमानदारी से खुद का आकलन भी जरूरी है। क्या आप अपने बच्चे से बहुत ज्यादा अपेक्षाएं रखते हैं। या बहुत जल्दी गुस्सा हो जाते हैं या बहुत जल्दी अपना धैर्य खो देते हैं। या फिर आप बहुत ज्यादा अधिकार जमाते हैं। ठीक तरीके से आकलन करके अपनी कमजोरियों को पहचानिए और उन्हें अपने बच्चों के सामने स्वीकार कीजिए।
3- बच्चों को सॉरी कहना भी सीखें
कभी -कभी आप ध्यान न दे पाने के लिए या धैर्य खोने के लिए जादुई शब्द सॉरी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। जरूरत पड़ने पर बच्चे से क्षमा मांगना उसके आहत हुए अहम को राहत पहुंचाता है और रिश्तों को कहीं अधिक सामान्य बनाता है। हालांकि इसके उपयोग की अति न करें, वरना आप अपने बच्चों की ताना शाही से दब जाएंगे। बच्चों की देखभाल का काम शारीरिक, मानसिक और संवेदन शीलता की मांग करता है। इस स्थिति में आपमें कुछ कमियां रह सकती है। लेकिन स्वयं को दोष देने की जरूरत नहीं। बस अपनी तरफ से अच्छा प्रयास करने की कोशिश कीजिए ।
अब आपके मन के सारे प्रसन्न शांत हो गए होंगे और आप जान भी गए होंगे कि कैसे बनें अच्छे माता पिता? ये सरे नुक्से आजमाएं फिर देखें आपके लाडले बच्चे दुनियां के सबसे अच्छे और लायक बच्चे होंगे और आप दुनियां के सबसे अच्छे माता-पिता ।।
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