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गेवल किसे कहते हैं ?

गेवल किसे कहते हैं ? टिप देने की शुरुआत कैसे हुई ?

अगर कभी आप अदलातों में गए हों तो आपने जरूर एक लकड़ी की हथौड़ी से जज साहब को ऑर्डर-ऑर्डर करते देखा होगा अगर नहीं तो फिल्मों में जरूर देखा होगा । इसी लकड़ी इ हथौड़े को गेवल कहते हैं आज हम इसी गेवल किसे कहते हैं और टिप देने की शुरुआत कैसे हुई  जानते हैं ।

गेवल (Gavel)

कभी अदालतों में अनुशासन बनाए रखने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले गेवल का इतिहास मध्यकालीन इंग्लैंड से शुरु हुआ था  जिसका मतलब होता था ‘जिसका भुगतान कर दिया गया है’। कुछ लोगों का मानना है, जमीनी विवाद का फैसला हो जाने पर जज छोटे से लकड़ी के टुकड़े से चोट करता था और इसी से न्यायधीशों  के हाथ में रहने वाले इस लकड़ी के टुकड़े का नाम गेवल पड़ा।                                                                        (गेवल किसे कहते हैं)

पत्थर का काम करने वाले कारीगर बैठक के दौरान गेवल जैसा ही यंत्र इस्तेमाल करते थे जिसे माउल कहा जाता था। जब माउल हाथ में रहता था तो बैठक क सत्र जारी रहता था। जब माउल अपने ढांचे में रहता था तो सत्र में अंतराल लिया जाता था। वहीं अमेरिकी सीनेट द्वारा जिस गेवल का इस्तेमाल किया जाता था, उसमें हत्था नहीं होता था। 1789 में पहली बार गेवल का इस्तेमाल ठक ठकाने के लिए किया गया । जब उपराष्ट्रपति जॉन एडम्स ने गेवल से टेबल पर चोट करते हुए ‘ऑर्डर’ कहा और सीनेट को नियंत्रण में रहने का आदेश दिया।

आदेशात्मक इतिहास रखने वाला गेवल आज बहुत कम अदालतों में इस्तेमाल किया जाता है। ज्यादातर न्यायाधीश मानते हैं कि कोर्टरूम में नियंत्रण बनाएं रखने के लिए उनकी अधिकारिक आवाज ही काफी है। हालांकि अधिकांश न्यायाधीशों के पास आज भी गेवल मिल जाता है क्योंकि परंपरा के अनुसार नए नियुक्त जज को उपहार स्वरूप गेवल दिया जाता है। यह ठीक उसी प्रकार होता है जैसे मेडिकल के प्रथम वर्ष के छात्र को स्टेथोस्कोप दिया जाता है। एक प्रकार से आप गेवल को पुराने जमाने की टेबिल घंटी कह सकते हैं ।

 टिप (Tip)

खातिर दारी के बाद इनाम के तौर पर दी जाने वाली टिप दरअसल टू इंश्योर प्रॉम्प्टनेस का संक्षिप्ती करण है। इसका विस्तार 17वीं शताब्दी में हुआ। हालांकि 1920 से पहले इसके संक्षिप्ती करण को इस्तेमाल नहीं किया जाता था। एक बात को लेकर सभी इतिहास कार सहमत हैं कि बार और शराब खाने में सर्वपर्थम टिप देने की शुरुआत हुई जहां ग्राहक शराब पेश करने वाले को उसकी अच्छी सेवा के लिए अपनी तरफ से इनाम के रूप में ड्रिंक खरीद कर देते थे। अमेरिका में सिविल वॉर से पहले टिप देने की प्रथा आम नहीं थी और उसके बाद भी इस अवधारणा का हमेशा विरोध ही होता रहा। अमेरिका की एंटी टिपिंग सोसाइटी ने 1905 से 1919 तक इस प्रथा को गैर कानूनी घोषित करने में सफलता पाई।

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