ज्यादा मीठा खाने की आदत को कैसे छोड़ें ?
How to quit the habit of eating too much Sweets?
शादी हो, पार्टी हो या कोई अन्य खुशी का मौका हो, मीठा जरूरी है। बच्चों की भी फेवरेट डिश चॉकलेट बन गयी है। धार्मिक स्थलों में भी मीठे का प्रशाद वितरित किया जाता है। मीठा हमारे जीवन में पूरी तरह से रच बस चूका है ।अगर ये कहें कि मीठे के बिना हमारा जीवन अधूरा सा लगता है ये कहना गलत नहीं होगा आज हम ज्यादा मीठा खाने की आदत को कैसे छोड़ें ?- How to quit the habit of eating too much Sweets? पर चर्चा करते हैं।
ज्यादा मीठा खाने से होने वाले नुक्सान –
वैसे तो मीठा भी अन्य तत्वों कि तरह शरीर के लिए जरूरी है, लेकिन जैसे किसी भी चीज का अधिक मात्रा में सेवन करना हमारे शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है ठीक वैसे ही अत्यधिक मीठे का सेवन करना हानिकारक होता है । हमें मीठा खाना चाहिए लेकिन समुचित मात्रा में । शोध साबित करते है कि मीठे की भूख द्वारा उत्पन्न होने वाले रोगों में से अंतिम मोटापा है। जयादा मीठा दांतो को नुकसान पहुंचता है, ये शरीर के लिए भी हानिकारक होता है, ज्यादा मीठे के सेवन से शरीर में चर्बी बढ़ती है जिससे वजन बढ़ता है और ये कई बीमारियों को शरीर में पनपने में मदद करता है। इतना ही नहीं आपको ऐसा महसूस होता है, कि आप मीठे के कीड़े हैं और खुद को उसे खाने की लत से बचा नहीं पा रहे हैं। शोध साबित करते हैं कि मीठे की भूख द्वारा उत्पन्न होने वाले रोगों में से अंतिम मोटापा है। यहां तक कि अत्यधिक मीठा (इसके द्वारा उत्पन्न अम्लीय प्रभाव के कारण) खाने वालो मे कैंसर की संभावनाएं ज्यादा होती है। मीठे की लत अल्कोहल की लत के पहले की स्थिति हो सकती है। आइये जानते हैं कि ज्यादा मीठा खाने की आदत को कैसे छोड़ें ?- How to quit the habit of eating too much Sweets?
मीठा खाने का मन क्यों होता है ? –
मीठा खाने से खुद को न रोक पाने की समस्या केवल इच्छा शक्ति की नहीं बल्कि दिमाग में होने वाली विकृत प्रक्रिया का नतीजा है। यह प्रक्रिया शक्ति शाली स्राव लेप्टिन के साथ मिलकर ओबिसिटी हॉर्मोन के रूप में तब्दील हो जाती है। इस पर रिसर्च अभी भी काफी बाकी है, लेकिन ऐसा पाया गया है कि बहुत कम या बहुत ज्यादा लेप्टिन भूख सकेतो और भोजन के प्रति आकर्षण में गड बडिया पैदा करता है। वसा कोशिकाएं लेप्टिन का स्राव करती हैं जो हमारी स्वाद कलिकाओं को प्रभावित करता है । कुछ लोगो में निम्न लेप्टिन मीठे की भूख को बढ़ाता है, जबकि कुछ लोगो मे लेप्टिन का बढ़ा हुआ स्तर यह दर्शाता है कि उनका शरीर मीठी चीजों की लत का उच्च स्तर पर आदी हो चुका है। यह विरोधाभासी शोध यह साबित करता है कि दिमाग की स्वाद कलिकाओं के सांचे में विकृति सारी क्षति की जिम्मेदार है और सीधे आपके खाने के तरीकों को प्रभावित करती है।
मीठे की लत से व्यायाम से निपटें –
शारीरिक कारणों को देखते हुए भोजन और मीठे की भूख को कम करना इस समस्या से निपटने में मददगार हो सकता है। पूरी प्रक्रिया को कारगर बनाने का सबसे बेहतरीन तरीका है, व्यायाम । व्यायाम, लेप्टिन स्राव के परिवर्तन में मदद करता है। भारी व्यायाम करने वालों में यह चीनी की जरूरत को कम करता है। यह स्वाद कलिकाओं पर काफी हद तक असर डालता है। यह मीठे और नमकीन स्वाद की पहचान को बढ़ाता है और व्यक्ति को स्वाद के प्रति प्रतिक्रिया करने में सक्षम बनाता है। कई बार व्यायाम के तुरंत बाद चॉकलेट खाना काफी मीठा लगता है। इसके अलावा व्यायाम लेष्टिन के स्तर को कम भी करता है। रिसर्च में जिन लोगों में खून में लेप्टिन के बढ़े हुए स्तर थे, उनमें मीठे की भूख ज्यादा थी, व्यायाम ने मीठे खाने की लत को कम किया था।
व्यायाम न करने से अच्छा है, कोई भी व्यायाम करें। बार-बार भूख लगना, कुछ न कुछ खाने की इच्छा करना और बहुत ज्यादा मीठे खाने की लत से निपटने के लिए योग अच्छा विकल्प है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इसका प्रभाव वसा के संग्रहण पर ही नहीं होता बल्कि दिमाग के रसायनों पर भी होता है। यह दबाव बिंदुओं पर काम करते हुए लिफेटिक ड्रेनेज सिस्टम और वसा के संग्रहणकर्ता यकृत में सुधार लाता है। यह न सिर्फ मुख्य कंकाल मांसपेशियों पर काम करता है, बल्कि उनके चारों ओर उपलब्ध मांसपेशीय तंतुओं पर भी काम करता है, जो कि उपापचय दर को बढ़ा देता है। इससे जब आप आराम कर रहे होते हैं तब भी वसा की खपत होती है, लेकिन इसका सबसे अच्छा प्रभाव संतृप्त संकेतों पर पड़ता है। दूसरे व्यायामों जैसे तैरना और दौड़ना पर्याप्त क्रिया के बावजूद भूख के स्तर को नाटकीय ढंग से तुरंत बढ़ा देते हैं, इसलिए योग करने का बेहतरीन तरीका ध्यान है, यह आत्मशक्ति को बढ़ाता है ताकि आप नुकसान दायक खाने की इच्छा से लड़ने के लिए सशस्त्र हों जाएँ ।
मीठा छोड़ने के यौगिक भोजन टिप्स –
- अगर आप बहुत ज्यादा मीठा खाते हैं तो कभी भी अपने आपको पूरी तरह मीठा छोड़ने के लिए बाध्य न करें। इसकी कम मात्रा लेना आपके भीतर के बच्चे को संतुष्ट करेगा और फिर आपकी वयस्क तर्कशक्ति की आवाज को भी सुनेगा। वर्ना आपके अंदर का बच्चा उसमें कहीं ज्यादा लिप्त हो जाएगा, अंदर ही अंदर घुटेगा और फिर उस घुटन को मिटाने के लिए कहीं अधिक मीठा खाएगा।
- स्वीटनर्स से बचें। अगर आप मीठे की हूक को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं तो इनकी कोई जरूरत नहीं है। अप्राकृतिक मीठा स्वाद मीठे की प्राकृतिक खासियत को खत्म करता है। जितना कम मीठा आप खाएंगे उतनी ही आपकी जुबान मीठे के प्रति संवेदनशील होगी। इसका अर्थ है कि आपको अपनी मीठे की लत को संतुष्ट करने के लिए कम मात्रा की जरूरत होगी।
- अगर आप मीठे में हुए 75 प्रतिशत (रिसर्च के अनुसार ज्यादातर मीठी रेसिपी इस मात्रा को आसानी से कम कर सकती हैं, वह भी स्वाद को बरकरार रखते हुए) कमी कर लेते हैं तो आपकी स्वाद कलिकाएं संवदेनशील हो जाती हैं और ज्यादातर खानों में मौजूद प्राकृतिक मीठे को पसंद करने लगती हैं।
- मीठे व्यंजनों की बजाय फल खाएं क्योंकि इनमें प्राकृतिक मिठास होती है। प्राकृतिक मीठे व्यंजन जैसे वसा रहित योगर्ट में मिले हुए फल खाएं।
- चूंकि मीठा हमेशा ललचाता है, इसलिए इसे घर में इकट्ठा न करें। सूखे मेवों को भी अत्यधिक मात्रा में न खाएं (मिठाईवाले जो शुगरलेस स्वीट बेचते हैं, उसमें अधिकांश सूखे मेवे होते हैं) क्योंकि उनमें शर्करा की मात्रा अधिक होती है।
मीठा छोड़ने के कुछ अन्य टिप्स –
- जब भी आपकाे कभी कुछ मीठा खाने की तलब लगे तो अधिक मात्रा में मीठा खाने की बजाय बस एक निवाला या एक चम्मच ही खाएं। इससे आपकी मीठे की तलब भी शांत हो जाएगी और ज्यादा शुगर मिलने से होने वाले नुकसान से भी बच जाएंगे।
- आप मीठी चीजों के बजाय अन्य स्वस्थ विकल्प को भी चुनें जैसे कि फल औेर जूस । पेय पदार्थों या व्यंजनों में आप चीनी की जगह शहद या गुड़ का प्रयोग करें। फलों में केला, सेब, अनार, चीकू और संतरा, ले सकते हैं।
- जब भी आपको मीठा खाने की तलब लगे तो आप कुछ हेल्दी खा सकते हैं । प्रोटीन युक्त पदार्थ जैसे कि मांस, मछली और अंडा खाने से आपकी भूख भी काम होगी ।
- कुछ शोधों में ये भी पाया गया है कि कुछ लोगों को मीठे की तलब होने पर गर्म पानी से नहाने से उन्हें राहत मिलती है। कम से कम 5 से 10 मिनट तक आपको गन गुने पानी से नहाना चाहिए।
- पैदल चलने ( वाक ) से भी मीठे की लत को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
- कुछ लोगों को डिहाइड्रेशन की वजह से मीठे की इच्छा होती है इसलिए जब भी आपका कुछ मीठा खाने का मन करे तो आप एक गिलास पानी पी सकते हैं ।
- अच्छी नींद लेना भी स्वस्थ रहने के लिए बहुत जरूरी होता है। इससे aap अनावश्यक क्रेविंग से बच पाएंगे ।
- आप ज्यादा तनाव लेने से बचें। कुछ चीजें, काम या जगहें मीठे की लत को बढ़ा सकती हैं। आप ऐसी चीजों से दूर रहने की कोशिश करें।
मीठे की लत को छोड़ने के लिए योग – भुजंगिनी मुद्रा (कोबरा श्वसन) –
भुजंगिनी मुद्रा (कोबरा श्वसन) एक यौगिक तरीका है जो कि दिमाग के संतृप्त संकेतों के साथ काम करता है। इसे करने के लिए ध्यान मुद्रा में रिलेक्स होकर बैठें । मुंह से सीधे सांस को पेट में ले जाएं, इस तरह निगलें कि मानों आप हवा को पी रहे हों। फिर इसे वेग के साथ बाहर निकालें। अगर आप वेग के साथ इसे बाहर नहीं निकाल पाते तो हवा नियमित नलियों से बाहर निकल आएगी। जब आप असमय भूख महसूस करें तो इसे 3 से 5 बार करें। यह योग क्रिया अब सवाल उठता है कि यह कैसे काम करत्ता है , भुजंगिनी मुद्रा (कोबरा श्वसन) दिमाग के संतृप्त संकेतों को धोखा देता है। जो बताते हैं कि उसे आहार की जरूरत है। यह पाचन तंत्र को सुचारु बनाता है और अपचन को दूर करने में मदद करता है । भुजंगिनी मुद्रा (कोबरा श्वसन) सीखने के लिए आप ये वीडीओ देख सकते हैं । सौजन्य से (Geethanjali Yoga चैनल)
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