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​टाइम कैप्सूल क्या है?

​टाइम कैप्सूल क्या है? – Time Capsule in Hindi.

​टाइम कैप्सूल क्या है? – Time Capsule in Hindi.

 रा मंदिर में  जमीन में लगभग 200 फिट गहरा  एक टाइम कैप्सूल रखे जाने के बाद एक बार फिर से टाइम कैप्सूल चर्चा में है, टाइम कैप्सूल का मकसद यह है कि सालों बाद भी यदि कोई राम जन्म भूमि के बारे में जानना चाहे तो वो इसकी मदद से जान सकता है। आज हम टाइम कैप्सूल के बारे में जानने का प्रयास करते हैं,  कि टाइम कैप्सूल क्या है? – Time Capsule in Hindi.

टाइम कैप्सूल

टाइम कैप्सूल एक लोहे के कंटेनर की तरह होता है, जिसे विशेष प्रकार की सामग्री से बनाया जाता है । टाइम कैप्सूल हर प्रकार  के मौसम का सामना करने के लिए हमेशा सक्षम होता है, इसे  जमीन के अंदर काफी गहराई में दबा दिया जाता है। जमीन के अंदर काफी गहराई में होने के बावजूद भी टाइम कैप्सूल को हजारों वर्षों  तक न तो उसको कोई नुकसान पहुंचता है और न ही वह  किसी तरह से  सड़ता-गलता ही है । टाइम कैप्सूल एक विशेष प्रकार के तांबे (कॉपर) की धातु  से बनाया जाता है और इसकी लंबाई करीब तीन फुट या जरूरत के हिसाब से अलग – अलग हो सकती है। इस कॉपर की विशेषता यह होती है कि यह कैप्सूल हजारों  सालों तक खराब नही होता और हजारों सालों के बाद जब भी इस कैप्सूल को  जमीन से निकाला जाता है तो इसमें मौजूद सभी दस्तावेज व् डाटा पूरी तरह से सुरक्षित रहते हैं । टाइम कैप्सूल को अर्थ कैप्सूल भी कहते हैं । टाइम कैप्सूल क्या है?

टाइम कैप्सूल क्यों दबाया जाता है ? –

टाइम कैप्सूल को जमीन के अंदर दबाने  का मकसद किसी समाज, किसी काल या किसी देश के इतिहास को सुरक्षित रखना होता है । यह एक तरह से भविष्य की पीढ़ियों के लिए संदेश छोड़कर जाने या उन लोगों के साथ संवाद करने जैसा होता है। टाइम कैप्सूल से भविष्य की पीढ़ी को किसी खास युग, समाज, इतिहास  और देश के इतिहास के बारे में जानने में मदद मिलती है।

टाइम कैप्सूल का इतिहास –

ऐसा नहीं है की टाइम कैप्सूल पहली बार राम मंदिर में ही दबाया जा रहा है, इससे पहले भी कई जगह टाइम कैप्सूल दबाये जा चुके हैं या मिल चुके हैं । 30 नवंबर, 2017 को  स्पेन के बर्गोस में करीब 400 साल पुराना टाइम कैप्सूल मिला था । यह कैप्सूल यीशू मसीह के मूर्ति के रूप में था। मूर्ति के अंदर एक दस्तावेज रखा गया  था, जिसके अंदर  1777 के आसपास की आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक प्रकार की सूचना दर्ज थी। फिलहाल इसे ही सबसे पुराना टाइम कैप्सूल माना जाता है। इसके बाद फिलहाल ऐसा कोई टाइम कैप्सूल नहीं मिला है जो इससे पुराना हो ।

भारत में टाइम कैप्सूल – 

भारत में भी कई बार ऐसे मौके आये हैं जब  टाइम कैप्सूल विभिन्न स्थानों पर रखे गए हों । इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री रहते व नरेंद्र मोदी  के गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान इन नेताओं पर अपना डाटा टाइम कैप्सूल में रखकर जमीन में दबा देने  के आरोप लगाए गए थे । आईआईटी कानपुर ने भी अपने स्वर्ण जयंती कार्यक्रम के दौरान आईआईटी ने पिछले 50 साल के इतिहास को सहेज कर  रखने के लिए टाइम कैप्सूल का निर्माण करवा कर राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के द्वारा  फरवरी 2010 में जमीन के नीचे रखवाया था। इस टाइम कैप्सूल में आईआईटी में अब तक के सभी रिसर्च, अनुसंधान, शिक्षकों, छात्रों एवं फैकल्टी के बारे में सारी जानकारी भविष्य के लिए सुरक्षित रखी गई थी ताकि अगर कभी  दुनिया तबाह भी हो जाए तो आईआईटी कानपुर का इतिहास भविष्य के गर्त में सुरक्षित रह सके । इसके अलावा कानपुर के ही चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्व विद्यालय ने भी टाइम कैप्सूल रखवाया  गया था । जिसमें भी कृषि विश्वविद्यालय के इतिहास से संबंधित अनेक  तरह की जानकारियों को सहेज कर जमीन के नीचे सुरक्षित रूप से रखा  गया था ।

अर्थ कैप्सूल (इलेक्ट्रानिक टाइम कैप्सूल )

अब हम  अपना डाटा भविष्य के लिए सुरक्षित रख कर अपनी आने वाली पीढ़ी को अपनी कीमती विरासत के बारे में  नसीहत दे सकते हैं, वह भी मात्र एक डॉलर अदा करके ! अर्थ कैप्सूल नें भविष्य की पीढ़ी को संदेश देने की इस नई तकनीक की शुरुआत की है। हाल में शुरू हुए इस इलेक्ट्रॉनिक टाइम कैप्सूल व में भविष्य के लिए संदेश दर्ज किए जा सकते हैं। दरअसल अर्थ कैप्सूल एक ऐसा छोटा सा उपकरण है, जिसमें म्यूज़िक, इमेज से लेकर डॉक्यूमेंट रख कर  अपलोड किए जा सकते हैं और दुनिया के 150 से अधिक शहरों में संदेश को सुरक्षित रख सकते हैं। अर्थ कैप्सूल कंपनी ने भारत में हैदराबाद, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बेंगलूर शहरों को चुना है, जहां कैप्सूल को भावी पीढ़ी के लिए संजोया जा सकता है। इस कैप्सूल को समुद्र या झील में सुरक्षित रखने का विकल्प भी मौजूद है। इसके लिए दुनिया भर में 44 जगहों को चुना गया है।

अर्थ कैप्सूल में संदेश सुरक्षित रखने कि कीमत –

अर्थ कैप्सूल में संदेश सुरक्षित करने की कीमत बहुत कम है और कोई भी व्यक्ति मात्र 2 डॉलर कम्पनी को देकर अपना डाटा भविष्य के लिए  सुरक्षित रख सकता है। एक  मेगाबाइट की निश्चित क्षमता के बाद यदि संदेश में कुछ और जोड़ना हो तो प्रत्येक अतिरिक्त मेगाबाइट के लिए एक अतरिक्त डॉलर का भुगतान करना होगा । अर्थ कैप्सूल कंपनी के संस्थापकों के मुताबिक हालांकि इस तरह के संदेश के प्रभाव या उपयोगिता के परिणाम की प्रक्रिया काफी लंबी है। फिर भी अर्थ कैप्सूल के उपभोक्ताओं की संख्या हर दो दिन में दुगुनी हो रही है। हालांकि अभी परिणाम मिलना अपेक्षित है, लेकिन फिर भी अर्थ कैप्सूल बहुत सस्ती कीमत पर संदेश को अमर बना देता  है । टाइम कैप्सूल क्या है?

लोगों को चीजें सुरक्षित रखना अच्छा लगता है। रेसलर व उनके दो अन्य सहयोगियों ने इस योजना पर कार्य किया । काफी शोध के बाद उन्हें लगा कि आज के युग में संदेश एकत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका इंटरनेट है , इसीलिए अर्थ कैप्सूल के दूसरे सदस्य और इलेक्ट्रॉनिक्स विशेषज्ञ एश्ले रिड्स्बर्ग ने कंपनी की वेबसाइट को अर्थ कैप्सूल तकनीकी से जोड़ दिया । यह पूर्ण रूप से डिजिटल स्टोरेज टेक्नोलॉजी है। जो लंबे समय तक संदेश को सुरक्षित रखेगी अंत में कैप्सूल वैक्यूमपैक्ड एल्यूमिनियम के सील्ड कैनिस्ट (कनस्तर ) में डाला जाएगा क्योंकि एल्यूमिनियम में ऑक्सीडेशन और कॅरोशन को रोकने की क्षमता होती है ।

अर्थ कैप्सूल में कैसे रख सकते हैं डाटा सुरक्षित –

अर्थ कैप्सूल में संदेश दर्ज करने के लिए अर्थ कैप्सूल कंपनी की वेबसाइट www.earthcapsule.com पर लॉग ऑन करना होगा । कम्पनी द्वारा संदेश को सुरक्षा पूर्वक उच्च घनत्व वाले (हाई-डेनसिटी रॉम) मेटल डिस्क में एकत्रित किया जाता है। यह मेटल डिस्क केवल माइक्रोप्रिंटेड सूचनाओं को एकत्रित करती है, जिन्हें मैग्नीफाइंग ग्लास से देखा जा सकता है। यह तकनीकी आज के संदर्भ में ‘सुपरमाइक्रोफिशे’ की तरह लो-टेक है। हालांकि मेटल डिस्क होने के कारण उनका भौतिक अर्ध-जीवन 1,000 से भी अधिक सालों तक संदेश संरक्षित रखने में सक्षम है। यह डिस्क आए दिन तकनीकी परिवर्तनों के कारण उत्पन्न होने वाली अनुपयोगिता की स्थिति से भी परे है और भविष्य में पुनः जानकारी प्राप्त करने के लिए सर्वोत्तम क्षमता रखती है ।

अर्थ कैप्सूल कम्पनी कि भविष्य कि योजना –

कई शहरों के कई संगठन से कंपनी अनुबंध करने की कोशिश कर रही है। कंपनी ऐतिहासिक संस्थाओं, वाणिज्य दूतावास, सिटी हॉल्स और अन्य समूहों से आधारभूत ढांचा स्थापित करने के लिए संपर्क कर रही है। कंपनी के बोर्ड ऑफ ट्रस्टी इस प्रोजेक्ट में शामिल लोगों पर नजर रखेगी। ये अधिकृत लोग पचास वर्ष तक के लिए सूचना को बंद कर देंगे और इस अवधि के पूरा होने पर उसे खोल देंगे ।

यह प्रणाली इस्तेमाल करने वाले लोगों में उनके संदेश की सुरक्षा और भविष्य को सुनिश्चित करेगी । साथ ही किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किसी का संदेश समय से पहले नहीं पढ़ा जा सकेगा, पूरी व्यवस्था इस तरह से बनाई गई है कि एक बार संदेश कैप्सूल के लेखागार में डाल दिया गया तो वह संदेश स्वयं अर्थ कैप्सूल कंपनी या किसी तीसरे व्यक्ति को भी देखने के लिए उपलब्ध नहीं होगा । यहां तक कि स्वयं संदेश लिखने वाला व्यक्ति भी उसमें किसी भी तरह का संशोधन नहीं कर सकता । कम्पनी के जिम्मेदार लोग कहते हैं कि यह प्रयास कितना सफल रहेगा ये भविष्य तय करेगा, इस विषय पर वे खुद स्वीकार करते हैं कि अर्थ कैप्सूल के उद्देश्य को लेकर लोगों की अवधारणा अभी स्पष्ट नहीं है ।।

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