https://zindagiblog.com/ zindagiblog.com
जिंदगी जीने के लिए ...
शेयर मार्केट का जोखिम कैसे कम करें ?

शेयर मार्केट का जोखिम कैसे कम करें ? – How to reduce stock market risk ? In Hindi

शेयर मार्केट का जोखिम कैसे कम करें ? – How to reduce stock market risk ? In Hindi.

                                                                                                       बॉम्बे (मुंबई) शहर हादसों का शहर है । यहां रोज-रोज की भागदौड़ में होता है कोई न कोई हादसा….। ये तीन  पंक्तियाँ  मुंबई शहर के लिए बहुत ही सटीक साबित होती है । यही हाल कुछ शेयर बाजार का भी है, ये शेयर बाज़ार है, यहां कभी भी किसी वजह से कोई हादसा हो सकता है । ठीक इसी गीत के बोलों की तरह शेयर मार्केट भी काम करती है । शेयर बाजार में जितना अधिक मुनाफा है उतना अधिक रिस्क भी है । इसलिए आम आदमी अपनी मेहनत की कमाई को शेयर मार्केट में लगाने से डरता है और वह  बचत के अन्य रास्ते तलाश करता है। यह ठीक भी है क्योकि बिना सही जानकारी के किसी काम में हाथ डालना बिलकुल उचित नहीं है और जहां मामला रूपये पैसे से जुड़ा हो वहां तो बिलकुल भी नहीं , लेकिन एक प्रचलित कहावत है न जहां रिस्क नहीं वहां इश्क नहीं । हम अपने एक पिछले ब्लॉग में शेयर क्या है और कैसे शेयर मार्किट में निवेश करें ? – What is a stock and how to invest in a  share market? पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाल चुके हैं, आज हम जानते हैं कि शेयर मार्केट का जोखिम कैसे कम करें ? – How to reduce stock market risk ? In Hindi.

 

जोखिम

शेयर मार्केट का जोखिम –

                                              भारतीय शेयर मार्केट भी विश्व की अन्य शेयर मार्केटों की तरह ही हमेशा से उतार चढ़ाव भरा है है । जिससे निवेशकों का निवेश किया हुआ रुपया डूबने का खतरा रहता है । वर्तमान में भी शेयर बाजार अनिश्चित भरा है । इसी के चलते आज शेयर बाज़ार और निवेशकार बुरे परिणामों को भुगत रहे हैं ।  कभी कभी फाइनेंशियल क्राइसिस, क्राइसिस ऑफ कॉन्फिडेंस में बदल जाती  है । इस संकट से कब और कैसे निकला जाए? इस तरह के सवाल लोगों के मन में उठने लगते हैं, लेकिन इसका जवाब शायद किसी के पास नहीं है । इसी वजह से पूर्व में भारत में पैदा हुई विकट परिस्थितियों में  लोगों द्वारा किया हुआ निवेश लुप्त हो गया था , इस असमंजस की  स्थ्ति में  निवेशकारों का यकीन बाज़ार से उठ जाता है  । उनके मन में रुपयों का निवेश कहां करें?, रुपयों के निवेश का आयोजन किस तरह किया जाए? जैसे कई सवाल उठने लगते हैं ।

शेयर मार्केट के जोखिम को कम कैसे करें  –

                                                                          वर्तमान में मंदी के इस दौर में  भी  निवेशकों में, मुद्रास्फीति की अधिक दर के सामने कैसे सुरक्षित रहें ? शेयर बाज़ार के हादसों के बीच और अनिश्चितता में कब तक और कितना जोखिम लेना है ? इस तरह की कुशंकाएं पैदा होने लगी हैं। विश्व प्रसिद्ध इंवेस्टमेंट गुरु और एक वक्त संपत्ति में बिल गेट्स को पीछे छोड़ने वाले वॉरेन बुफेट की एक बात दिमाग में रखें, जो एकदम सटीक साबित होती है। बुफेट कहते हैं, ‘कल बाज़ार बंद हो जाएगा और फिर सीधे ही पांच साल बाद खुलेगा । इस बात को ध्यान में रखते हुए शेयर खरीदें ।” खैर, शेयर बाज़ार की इस उथल-पुथल वाली स्थिति से बचने के लिए क्या-क्या किया जा सकता है, इस बात पर गौर करते हैं ।

  •  शेयर बाजार की चाल को समझना बहुत मुश्किल है, इसीलिए छोटी अवधि या माध्यम  में निवेश के बजाय लंबी अवधि में ही निवेश करें ।
  • सिर्फ फंडामेंटल्स की दृष्टि से मजबूत कंपनियों के शेयर को ही चुनें, जो अपने दम पर मंदी में भी टिक सकें ।
  • जिन  कंपनियों के शेयर कम दामों में मिलते है तो थोड़े-थोड़े करके ले लें । जब बाजार ठंडा हो तब भी लें और भी ठंडा हो सकता है । ऐसा सोचकर ही निवेश की रचना करें ।
  • म्यूचुअल फंड के एसआईपी (सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान) में निवेश करने का नियम बना लो । कम  से कम परिवार में दो एसआईपी या घर के सभी सदस्यों के नाम एक एसआईपी जरूर रखें। यह लंबी अवधि वाला प्लान हर महीने छोटी राशि से शुरू होता है और लंबे समय के बाद बड़ी राशि देता है, इसमें जोखिम भी कम रहता है ।
  • बीमे के लाभ के साथ पूंजी वृद्धि का अवसर देने वाली युलिप (यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान) भी लें. इससे आपको टैक्स में राहत मिलेगी ।
  • बाज़ार की मौजूदा परिस्थिति को देखते डे ट्रेडिंग या सट्टे को टालें ।
  • वैसे भी शेयर बाज़ार में कभी भी 100 प्रतिशत का निवेश नहीं करना चाहिए । शेयर में सिर्फ 15 से 25 प्रतिशत ही निवेश करें। 25 प्रतिशत म्यूचुअल फंड के ग्रोथ प्लान में निवेश करें । 15 प्रतिशत म्यूचुअल फंड की डेट योजनाओं में और बैलेंस फंड में निवेश करें । इसके साथ ही थोड़ी बहुत राशि बैंक की एफडी, लघु बचत में भी निवेश करें । एसआईपी को तो रहने दे ।, क्योंकि मंदी के समय बहुत लाभ देती है ।
  • 10 से 15 प्रतिशत निवेश सोने में जरूर करें । सारे निवेश सोने में न करते हुए थोड़े बहुत हर महीने गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) में यानी कि शेयर बाज़ार में मिलने वाले पेपर गोल्ड में भी निवेश करें ।
  • वैश्विक मंदी लंबी चल सकती है इस तरह की आशंका जताई जा रही है । अगर  ऐसा हुआ तो शेयर बाज़ार को संभल सकने  में थोड़ा समय लग सकता है । वहीं दूसरी  ओर आर्थिक समस्या, रीयल स्टेट में मंदी जैसे कई मुद्दे बेरोजगारी को बढ़ावा दे रहे हैं । बेकारी  में आपराधिक प्रवृत्तियां बढ़ सकती हैं । नियोक्ता की ओर से कर्मचारियों का शोषण  बढ़ेगा । तनख्वाह में बढ़ोतरी नहीं होगी और नए काम मिलने में मुश्किल होगी , इसलिए ऐसे समय में हरेक इंसान को  बिना जरूरी खर्चे टालने चाहिए ।
  • थोड़ा सा निवेश प्रॉपर्टी में परंतु देखभाल कर और लंबी अवधि के लिए करें ।
  • शेयर बाजार का काम अब तो डॉलर में भी हो सकता है। अगर आपके व्यापार में करंसी रिस्क को लेकर किसी तरह की रुकावट हो रही है तो शेयर बाज़ार में करंसी फ्यूचर्स के जरिए उस रिस्क का हेजिंग हो सकता है ।
  • विदेशी इक्विटी में निवेश करने से अच्छा है म्यूचुअल फंड की योजना में निवेश कर सकते हैं । इन शॉर्ट, ऐसेट का बंटवारा सही रूप से करें ।  सारी राशि को एक ही ऐसेट या एक ही बाज़ार में निवेश करने की भूल न करें । ठीक इसी तरह अधिक राशि का एक ही सेक्टर  या बाज़ार में निवेश नहीं करना चाहिए । रिस्क को अलग अलग संसाधनों में बांट देना चाहिए ।
  • ऐसे दौर में इक्विटी से निकलकर लोन चुका देना चाहिए । जिससे इक्विटी में दाम कम होने और लोन के ब्याज से मुक्ति मिल सके ।
  • किसी अफवाह या मुश्किल में आकर शेयर को बेचे नहीं । अगर उसे आप संभालकर रखने में सक्षम हैं तो रखें, क्योंकि अच्छे शेयरों के दाम फिर से बढ़ेंगे । परंतु पेनी स्टोक्स या कमजोर शेयर ले लिए हैं तो लॉस के लिए तैयार हो जाओ ।
  • किसी भी तरह के ‘टिप्स’ के चक्कर में न पड़ें और सिर्फ ब्लू चीप कंपनियों में ही निवेश करें । अगर अभी मंदी के दौर में आपने कुछ खोया है तो मंदी ही आपको कम दाम में ब्लू चीप शेयर खरीदने का मौका देती हैं । परंतु शेयर सस्ते या कम दाम में मिल रहे हैं तो इसका मतलब यह नही कि वह सही होगा ।
  • खासतौर पर ऐसा निवेश न करें, जिसमें पूंजी के साथ मुआवजा भी जोखिम में आ जाए । हाल के दौर को देखते हुए मुआवजा भले ही कम मिले, लेकिन पूंजी सुरक्षित रहनी चाहिए । ऐसा अभिगम बहुत जरूरी है।
  • उद्देश्य को स्पष्ट रखकर ही निवेश करना चाहिए । शेयर बाज़ार की मौजूदा परिस्थिति में कम दामों के अवसर के साथ जोखिम और अनिश्चितताएं भी पैदा हो गई हैं । दूसरों की देखादेखी न करते हुए अपनी समझ और बजट के मुताबिक निवेश करें । सिर्फ अच्छी कंपनियों में और फंडों में ही निवेश बेहतर होगा ।।

ये भी पढ़ें –

छत पर गार्डनिंग कैसे करें ? – How to do terrace gardening in Hindi ?

ईएम आई क्या होती है ? What is EMI  ?

शेयर क्या है और कैसे शेयर मार्किट में निवेश करें ? – What is a stock and how to invest in a share market?

फ़्लैट या मकान खरीदते वक्त रखे जाने वाली सावधानियां – Precautions to be kept while buying a flat or house –

घरों के प्रकार  Types of houses :-

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *