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सफलता का राज

सफलता का राज – कामयाब होने के टोटके –

सफलता का राज – कामयाब होने के टोटके –

सफलता की कोई निश्चित परिभाषा नहीं होती है, क्यूंकि सफलता बहुत ही व्यक्तिगत मामला होता है। हर व्यक्ति स्वंय के लिए सफलता की परिभाषा खुद ही गढ़ता है, तरासता है । हर व्यक्ति में ऐसा कुछ जरूर होता है अगर वो व्यक्ति अगर अपना 100% दे तो वह सफल जरूर होता है । आपने एक कहावत तो सुनी ही होगी कि “खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा भी तुझसे खुद पूछे के बता ऐ बंदे तेरी रज़ा क्या है ?” तो आइये आज हम जानते हैं कि इंसान की  सफलता का राज – क्या है और  कामयाब होने के टोटके कौन कौन से हैं ।

अपना-अपना दृष्टिकोण –

एक बार तीन मित्रों ने एक मैराथन दौड़ में हिस्सा लिया। दो घंटे तक चली मैराथन दौड़ को तीनों दोस्तों ने पूरा किया पर उनमें से कोई जीता नहीं। दौड़ खत्म होने पर तीनों दोस्त गले मिले और बड़ी देर तक अपनी खुशी जाहिर करते रहे। मैराथन विजेता ने उन्हें देखा और उनके व्यवहार से बड़ा आश्चर्यचकित हुआ। अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए उसने तीनों मित्रों से बात करने का मन बनाया।

उसने पहले व्यक्ति से पूछा,,”क्या आप मैराथन जीत गए ?”  पहला  वयक्ति बोला ”नहीं, मैंने मैराथन पूरी कर ली जबकि मैं कभी एक किलोमीटर से ज्यादा चला भी नहीं ।”  विजेता ने दूसरे व्यक्ति से अपना सवाल दोहराया । दूसरा वयक्ति  सवाल सुनकर हंसा और बोला, ”करीब बीस लोगों ने दौड़ मुझसे पहले पूरी की परंतु पिछली मैराथन में तो मैं दौड़ भी पूरी नहीं कर पाया था।”  विजेता ने वही सवाल तीसरे व्यक्ति, जो कुछ बुजुर्ग थे, उनसे भी  दोहराया। तीसरा वयक्ति  शांत होकर बोला  ”दो महीने पहले मुझे हृदयाघात हुआ, लगा अब मैं चल भी नहीं पाऊंगा किंतु अब मैं स्वस्थ हूं। यह मुझे आज की दौड़ ने जाहिर किया।” यानी तीनों ही अपनी निगाह में विजेता थे। सफलता के रंग, सफलता का स्वाद, सफलता के अर्थ हम सबके लिए जुदा हैं, परंतु हमारे दृष्टिकोण हमारे व्यवहार के कुछ ऐसे पहलू हैं जो हमारी सफलता सुनिश्चित कर देते हैं। आइए उन पहलुओं पर बात करते है । सफलता का राज

सफलता के सूत्र –

सफलता के सूत्र निम्नलिखित हैं :-

हमेशा बढ़ी सोच रखो –

हम में से अधिकतर लोग  अपना गोल बहुत ही छोटा सेट  करते हैं और उस छोटे गोल को ही प्राप्त कर के  खुश हो जाते हैं , जबकि कुछ  लोग बहुत बड़ा गोल पाने की कोशिश  करते हैं,  लेकिन उसे  हासिल नहीं कर पाते हैं , इसलिये आप जब भी अपना गोल सेट करें तो  काफी सोच समझ कर ही गोल को सेट  करें और जब भी सोचे बढ़ा सोचें ।

अपने जीवन में संतुलन लाएं  –

हमारे जीवन में निरंतर कई तरह की समस्याएँ चलती रहती हैं, कभी पारिवारिक समस्या और कभी व्यवसायिक, कभी शांति और कभी  कलह की समस्या ऐसी बहुत सी दैनिक समस्याएं होती हैं । हम हमेशा  किसी भी समस्या को सुलझाने  में निपुण नहीं हो सकते लेकिन इसे हम कैसे हैंडल  करते हैं, यह हमारी सफलता को सुनिश्चित करता  है ।

अपने पसंद के कार्य को करें-

अगर कोई काम आपकी रूचि के अनुसार या पसंद के अनुसार  का  होता है, तो आप उसमे अपना 100 % देने की कोशिश करते  हैं। शरू शरू में  यदि आपको अपने काम के  बदले  कुछ भी नहीं मिलता है, और आप अपना काम अच्छे से करते  रहते हैं , तो समझिये कि आप सफलता के मार्ग पर अग्रसर हैं और बहुत ही जल्दी अप्प सफल होने वाले है ।

कर्मठ बनिये  –

कुछ लोग ऐसे भी  होते हैं , जो अपना गोल  तो बढ़ा  सेट कर लेते  हैं ,लेकिन अपने गोल के  अनुरूप मेहनत नहीं करते ,जिससे वे कदाचित सफल नहीं हो पाते हैं। आपको  सफल होने के लिए अपने गोल के हिसाब से मेहनत करनी पड़ेगी ।

असफलता से डरो मत –

एक प्रसिद्ध कहावत है , कि “असफलता का मतलब है कि सफलता का प्रयास पूरे मन से नहीं किया गया है।” हमें ये सोचना चाहिए की असफलता ने हमें किसी काम को दुबारा शुरू करने  का एक मौका और दिया है इसलिए  हमें अपने  उसी काम को फिर से और भी अच्छे तरीके व पूरी लगन से करना चाहिए ।

सफलता का दृढ संकलप करो –

जब भी आप यह निश्चय कर लेंगे , कि चाहे कुछ भी हो जाये , चाहे कितनी  भी मेहनत करनी  पड़े , हमें हर हालत में  अपना लक्ष्य हाशिल  करना ही है तो यह संकल्प हमें सफलता की और ले जायेगा, आपको  इस संकल्प को निरंतर बनाये रखना पड़ेगा ।

नए विचारों एवं नयी योजनाओं को अपनाने से घबराएँ नहीं –

हम कभी कभी अपने में बदलाव नहीं लाना चाहते हैं इसलिए नए विचारों और नयी योजनाओं को अपनाने में डरते रहते हैं, याद रखिये  नए विचार नयी क्रांति को जन्म देते हैं और नए विचार तथा  नयी योजनायें सफलता की धुरी कहलाते  हैं। सफलता का राज

विवादों से बचें –

आपके दैनिक जीवन में हर रोज कई तरह के लोग आते हैं, जिनके विचार भिन्न भिन्न हो सकते हैं। आपके सफल होने के लिए यह बहुत आवश्यक होता है कि आप लोगों के साथ कैसे डीलिंग करते हैं। किसी तरह का वाद विवाद आपके सफलता के रास्ते में  रोड़ा साबित हो सकता है , इसलिए हमेशा विवादों से बच कर रहें ।

निराशा की भावना से दूर रहें –

जीवन में कभी- कभी हम जब सफलता की राह पर अग्रसर हो रहें  होते हैं तभी कुछ निराशा जनक चीज़े हमारे सामने आ जाती  हैं, और हम अपने लक्ष्य के रास्ते से भटक कर निराशा की भावना में बह जाते हैं , अगर हम इन निराशा जनक बातों पर ध्यान न देकर सिर्फ अपने लक्ष्य के बारे में सोचते  रहें और उस पर ही अपना धयान केंद्रित रखे  तो हमें सफलता ज़रूर मिलेगी ।

अपनी सोच हमेशा सकारात्मक रखें –

जो व्यक्ति अपनी सोच और अपनी मानसिक दशा को हमेशा सकारात्मक रखते  हैं , उन्हे  सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। जैसे ही हम नकारात्मक सोचने लगते हैं , तभी हम अपने लक्ष्य  से भटक जाते हैं । इसलिए अपनी सोच हमेशा ही सकारत्मक  रखें ।

अपनी सफल होने की क्षमता पर विश्वास रखें –

आप अपने मन में यह विश्वास ज़रूर रखें  कि सफल होने के लिए मैंने जो सपना देखा है मैं उसे पूरा कर सकता हूँ । अपने सफल होने की क्षमता पर विश्वास करके ही आप सफलता की सीडी चढ़ सकते हैं।

सदा कड़ी मेहनत की इच्छा बनाये रखें –

आपको सफल होने के लिए  एक सामान्य आदमी से कहीं ज्यादा काम करना होता है, तभी आप टॉप पायदान पर पहुँच सकते हैं । याद रखें मेहनत ही सफलता की कुंजी होती है।

अपने मन की सुनिए और उसी की बात मानें –

जब कभी भी हम कोई काम करते हैं, तब हम अपने आप से बातें करते हैं । हमें हमेशा अपने मन की सुनकर ही कोई फैसला करें, ये याद रखें “सुनिए सब की करिये मन की” । जो लोग अपने दिल की सुनकर फैसला करते हैं वो हमेशा सफल होते हैं ।

आलोचना से न घबराएं –

आलोचना एक निर्णय होता है जो अच्छे और बुरे को जांचने के बाद किया जाना चाहिए परंतु ज्यादातर लोगों के लिए यह एक शौक जैसा है, आदत है । आलोचना जायज और सकारात्मक हो सकती है हम व्यक्ति की नहीं, उसकी किसी आदत की आलोचना करें। हम अक्सर निंदा करते समय व्यक्ति को ही सिरे से खारिज कर देते हैं। आलोचना तब नाजायज हो जाती है जब वह संदर्भ से हट जाए या बात को बढ़ावा दे जैसे कि कुछ लड़कों के चोरी करते पकड़े जाने पर यह कहना कि सभी किशोर नैतिक रूप से मूल्यहीन हैं। हमारी आलोचना नकारात्मक होती है यानी वह चुभन और कड़वाहट देती है। आलोचक अपनी भावनाएं बयान कर खुद तो हल्का हो जाता है पर जिसकी आलोचना करता है, उसे भारी बना देता है। आलोचना सदैव बुरी नहीं होती पर उसका तरीका अक्सर गलत होता है। जब भी आप किसी की  आलोचना करें तो इस बात का ध्यान रखें ।  और जब भी कोई आपकी आलोचना करे तो घबराएं कतई नहीं  याद  रखिये “निंदक नेरे राखिये।”

अपनी तुलना किसी से न करके स्वंय से तुलना करें –

यह वह दौर है जब हम अपनी शक्ल, अक्ल, बैंक बैलेंस, मोबाइल हैंडसेट तक की तुलना करते पाए जाते हैं। मांबाप बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से करते हैं कि दूसरे बच्चे हमेशा ज्यादा शालीन, मेहनती, जिज्ञासु प्रतीत होते हैं । जरा सोचिए, अगर आपके बच्चे भी आपकी तुलना अपने दोस्तों के मम्मी-पापा से करने लगे तो फिर आप क्या करेंगे ? हम तुलना इसलिए करते हैं ताकि सर्वश्रेष्ठ को चुन सकें। कुछ खरीदते समय, इंटरव्यू के दौरान सर्वश्रेष्ठ चुनने के लिए कमियों और खूबियों की तुलना की जा सकती है पर हमारे व्यक्तित्व, हमारी जिंदगी की तुलना किसी और से करना बेईमानी है।  इसलिए सफल होने के लिए अपनी तुलना किसी और से न कर के स्वंय अपने से ही करें इससे आप हीं भावना व् डिप्रेसन से भी  बच पाएंगे ।

क्रिस्टिन ओटो ने एक ओलम्पिक में छह स्वर्ण पदक जीते थे। जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने राज की बात बताई। उसने कहा ”मैं स्कूल में हर रोज सात घंटे, कॉलेज में दस  घंटे और किसी भी मुकाबले से पहले चौदह  घंटे अभ्यास करती रही हूं ।” उसने खुद की तुलना खुद से कर, सुधार किया और चैंपियन बनी । चैंपियन कभी अपना मुकाबला किसी और से नहीं करता। वह अपने ही रिकॉर्ड को सुधारता रहता है।

लोगों की  परवाह न करें –

हम सब लोग इस ‘लोग क्या कहेंगे’ के चक्कर में पड़े रहते हैं। हमें बचपन में बड़े याद दिलाते हैं कि ‘लोग क्या कहेंगे।’ जवानी में हमारी सामाजिक स्थिति हमें बारबार याद दिलाती है कि लोग क्या कहेंगे।’ बुढ़ापे में हम सोचते हैं ‘हमारे बच्चे क्या कहेंगे ।’ जो लोग अपना दिमाग इस्तेमाल नहीं कर सकते वो इस बीमारी के शिकार हो जाते हैं कि ‘लोग क्या कहेंगे।’

एक प्रोफेसर की पत्नी किसी बच्चों के स्कूल में अध्यापिका बनना चाहती थीं, लेकिन उनकी हिम्मत नहीं पड़ी। उनके पति मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष थे। उन्होंने मना कर दिया। उनका कहना था। लोग क्या कहेंगे ? भाषण देते समय लोग अक्सर सोचते हैं लोग क्या कहेंगे। बोलने से पहले, बोलते समय और बाद में भी वह यही सोचते रहते हैं लोग उनके बारे में क्या सोचेंगे।  वह न भी सोचे तो लोग अपने व्यवहार से उसे ऐसा सोचने पर मजबूर कर देते हैं। दरअसल, जब आप दूसरे व्यक्ति के राय के बारे में सोचते हैं तभी वो यह सोच रहा होता है कि आप उसके बारे में क्या राय रखते हैं, इसलिए इस बात की परवाह करने की क्या जरूरत है कि ‘लोग क्या कहेंगे।’ सफलता के लिए आप हमेशा वही करें जो आपको ठीक लगे ।

सफलता के बारे में सफल व्यक्तियों के शब्द –

हम आपके हौंसले को बढ़ाने के लिए अपने जीवन में कुछ सफल व्यक्तियों के सफलता के बारे में कहे शब्दों को रख रहे हैं :-

  • “आप कभी भी किसी लक्ष्य को निर्धारित करने या एक नया सपना देखने के लिए बहुत बूढ़े नहीं होते हैं ” – सी.एस.लुईस
  • ” आप निर्धारित लक्ष्य के बिना  जीवन के किसी भी क्षेत्र में कभी भी सफल नहीं हो सकते हैं , यदि आपको  मंजिल का ही पता नहीं होगा तो आप  रास्ता कैसे तय कर पाएंगे ? स्पष्ट लक्ष्य के अभाव में आप अंजान रास्तों पर यूं ही भटकते रहेंगे, अतः क़ामयाबी पाने के लिए सबसे पहले आप अपना लक्ष्य निर्धारित कीजिये और फिर पूरी ईमानदारी और मेहनत के साथ उसे हासिल करने में जुट जाइए।” – अज्ञात
  • “मुट्ठी भर संकल्प वान लोग जिनकी अपने लक्ष्य में पक्की आस्था होती  है, वह लोग इतिहास की धारा को भी  बदल सकते हैं।”– महात्मा गांधी
  • ” जो कठिनाइयों में भी अपने लक्ष्यों का पीछा करते रहते हैं , और वो हमेशा  विपत्तियों को भी अवसरों में बदल देते हैं ।” – धीरूभाई अंबानी
  •  “कोई भी लक्ष्य चाहे जितना बड़ा हो मनुष्य के साहस से बड़ा नहीं हो सकता , हारता वही होता है जो कभी लड़ता नहीं है ।” – अज्ञात
  •  “लक्ष्य न होने के साथ एक समस्या यह भी होती  है कि आप अपना सारा  जीवन मैदान में ऊपर नीचे दौड़ते रहने के बाद भी कोई जीत हासिल नहीं कर प् रहे होते हैं । – अज्ञात
  • “अपने मिशन में क़ामयाब होने के लिए आपको हमेशा अपने लक्ष्य के प्रति एक चित्त और  निष्ठा वान होना  पड़ेगा।” – अज्ञात
  • “लक्ष्यों के बारे में सबसे महत्वपूर्ण चीज़ होती है लक्ष्यों का होना।” – जेफ्री ऍफ ऐबर्ट
  • ” आप अपने लक्ष्य को इतनी गहराई से चाहें, कि आप  उसके लिए अपना सब कुछ दांव पर लगाने के लिए हमेशा ही तैयार रहें  , तो आपका जीतना सुनिश्‍चित होता  है।” – नेपोलियन हिल
  • ” जिनके स्पष्ट और लिखित लक्ष्य  होते हैं, वे कम समय में ही इतनी सफलता प्राप्त कर लेते हैं जितनी  बिना ऐसे लक्ष्यों वाले ऐसी सफलता के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं ।” – ब्रायन ट्रेसी                                                        सफलता का राज

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