आधुनिक जीवन में बीमा के अनेक फायदे हैं Benefits of Insurance policy – (बीमा के फायदे ) जानने से पहले इस लेख में हम बीमा के बारे में विस्तार से जानते हैं :-
बीमा का अर्थ
बीमा का परिभाषिक अर्थ है नुकसान होने की स्थिति में क्षतिपूर्ति का वादा, जिसका भुगतान उन लोगों या कंपनियों को किया जाता है, जो भविष्य की अनिश्चितताओं के डर से इंश्योरेंस कंपनियों को प्रीपेमेंट करती हैं। इस परिभाषा से स्पष्ट है कि नुकसान होने की स्थिति में क्षतिपूर्ति ही बीमा है। हालांकि यह परिभाषा केवल बीमा करा चुके व्यक्ति के नजरिये से दी गई है। जोखिम प्रबंधन की दृष्टि से बीमा को समझने के लिए इस कहानी पर ध्यान दीजिए।
चीन के पहाड़ी इलाके में परिवारों की एक बस्ती थी। हर साल गर्मियों में, पुरुष सदस्य पहाड़ियों से नीचे सूखी नदियों को पार करके मैदानी इलाकों में जाते थे। वे वहां कुछ महीने रुक कर खेती करते थे। मानसून के बाद, वे अपनी फसल काटते और उसे लेकर वापस पहाड़ियों पर अपने घरों को लौट आते। लौटते समय उन्हें तेजी से बहती नदियों को पार करना पड़ता था। हर किसान अपनी फसल को लकड़ियों के बेड़े पर रख देता था और नदी पार करता था। हर बार उनमें से कुछ बेड़े नदी में बह जाते थे और किसान अपनी पूरी फसल से हाथ धो बैठते थे। फसल खोने वाले किसान के परिवार को उस पूरे साल भोजन के लिए भी संघर्ष करना पड़ता था। तब उस बस्ती के कुछ बुद्धिमान लोगों ने ध्यान दिया कि हर साल लगभग 10 प्रतिशत किसान अपनी फसल खो देते हैं। अगले साल जब वे वापस आ रहे थे तो उन लोगों ने निश्चय किया कि हर किसान अपनी फसल सभी बेड़ों पर बराबर बांटकर रखेगा। तय किया गया कि अगर कुल 10 किसान हैं तो हर किसान अपनी फसल का 10 प्रतिशत, कुल 10 बेडों में से हर एक पर रखेगा। अतः अगर एक बेड़ा बह जाता है, तो सभी किसानों को उनकी 10 प्रतिशत फसल का नुकसान होगा, लेकिन किसी एक किसान को उसकी सारी फसल को खोना नहीं पड़ेगा। नुकसान और जोखिम को इस तरह बांट लेना ही बीमा की अवधारणा है ।
आइये आगे हम जानते हैं बीमा के फायदे Benefits of Insurance पालिसी :–
बीमा, जोखिम का प्रबंधन
श्रीमान शाह की कहानी बताती है कि बिना समुचित जोखिम प्रबंधन के आपका सारा अर्थ प्रबंधन बेकार हो सकता है। श्रीमान शाह एक बुद्धिमान व्यापारी थे। आर्थिक मामलों में उनकी निपुणता का लोहा साथ के व्यापारी, मित्र और रिश्तेदार तक मानते थे। उन्होंने अपने रिटायरमेंट के लिए समझ दारी से निवेश किया था। निवेश समय के साथ बढ़ते गए, इससे उनके कर की बचत हुई और उनका पैसा मुद्रास्फीति से भी बचा रहा। कुल मिलाकर उन्होंने अपने रिटायरमेंट के लिए योजनाबद्ध तरीके से तैयारी की थी। दुर्भाग्य से वे गंभीर रूप से बीमार पड़ गए, लेकिन उन्होंने कोई स्वास्थ्य बीमा नहीं कराया था। ऐसे में उन्हें अपने इलाज पर खर्च करने के लिए अपने निवेशों से पैसा निकालना पड़ा। यह एक बेहतरीन पूंजी निवेश, लेकिन खराब जोखिम प्रबंधन योजना का उदाहरण है। Benefits of Insurance policy
जोखिम की सम्भावनाएं
जोखिम दो तरह के होते हैं, जिनका प्रबंधन हमें करना होता है –
1. संदिग्ध/निवेश जोखिम
संदिग्ध/निवेश जोखिम होने पर तीन प्रकार की संभावनाएं होती हैं – लाभ, हानि या यथास्थिति बने रहने की। अगर हम स्टॉक मार्केट में निवेश करें तो हमें या तो लाभ होगा या हानि। तीसरी संभावना यह है कि हमें उतना ही धन वापस मिले, जितना हमने स्टॉक खरीदने में खर्च किया है यानी पूंजी उतनी ही बनी रहती है।
2. शुद्ध जोखिम
निवेश में हानि से बचाव के लिए कोई औपचारिक बीमा उपलब्ध नहीं है। शुद्ध जोखिम के मामले में केवल दो संभावनाएं होती हैं – यथास्थिति या हानि । अगर हमारे पास एक ऑफिस परिसर है, तो यह या तो आग से क्षतिग्रस्त हो सकता है या जैसा है वैसा ही बना रह सकता है, इसका मतलब या तो हानि होने की संभावना है या यथास्थिति बने रहने की। इस तरह के शुद्ध जोखिम की स्थिति के लिए औपचारिक बीमा योजना उपलब्ध है। शुद्ध जोखिम भी तीन तरह का होता है – व्यक्तिगत जोखिम, संपत्ति का जोखिम और उत्तरदायित्व का जोखिम।
आय अर्जित करने की क्षमता प्रभावित होने की स्थिति को व्यक्तिगत जोखिम के रूप में परिभाषित किया जाता है। उदाहरण के लिए – बीमारी, शारीरिक विकलांगता या मृत्यु। संपत्ति के जोखिम से अर्थ है संपत्ति का नुकसान या उसकी हानि। उदाहरण के लिए आग, चोरी, युद्ध, आतंकवाद, बाढ़ आदि। उत्तरदायित्व का जोखिम किसी डॉक्टर लापरवाही, आपके ड्राइवर की गलती से हुई दुघर्टना या घर में काम कर रहे नौकर को बिजली का झटका लग जाने का नतीजा होता है जिसमें तीसरे पक्ष को नुकसान हो सकता है। यह उस तीसरे व्यक्ति के लिए आपका उत्तरदायित्व तय करता है। जोखिम का आकलन करते समय ये तीन नियम दिमाग में रखने चाहिए :- Benefits of Insurance policy
1. जितना नुकसान आप झेल सकते हैं, उससे अधिक जोखिम मत लीजिए
जोखिम के असर को ध्यान में रखिए। अगर असर खतरनाक या असहनीय है तो जोखिम का बीमा करना आवश्यक है। उदाहरण के लिए, घर के कमाऊ सदस्य की मृत्यु घर के बाकी सदस्यों के वित्तीय स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। यह वह नुकसान है जिसका जोखिम परिवार नहीं ले सकता, इसलिए घर के कमाऊ सदस्य के जीवन का बीमा कराना महत्वपूर्ण है।
2. जोखिम के होने की संभावनाओं को ध्यान में रखिए
अगर जोखिम की संभावना बहुत ज्यादा है तो बीमा इसका समाधान नहीं होगा। उदाहरण के लिए, अगर आपका घर भूकंप प्रधान क्षेत्र में है तो घर का बीमा करवाना समाधान नहीं है क्योंकि बीमा कंपनी बहुत ज्यादा प्रीमियम लगाएगी। इस मामले में घर बदलना एक ऐसा विकल्प है जिस पर विचार करना चाहिए।
3. थोड़े के लिए ज्यादा जोखिम न उठाएं
अगर होने वाले नुकसान से बीमा कराने का खर्च बहुत कम है तभी बीमा कराने की सलाह दी जाती है।
जोखिम काम करने की तकनीकें
जोखिम तय करने के बाद जोखिम कम करने की दो तकनीकें हैं। जोखिम नियंत्रण और जोखिम के समय के लिए अर्थ प्रबंधन।
जोखिम नियंत्रण
जोखिम प्रबंधन के दो तरीके हैं। जोखिम दो तरीकों से नियंत्रित किया जा सकता है।
1- जोखिम से बचना
अगर एक पिता अपने बेटे की मोटर साइकिल चलाने की आदतों से चिंतित हैं तो वे अपने बेटे को मोटर साइकिल चलाने से रोक सकते हैं। यह किसी भी दुर्घटना के जोखिम से बचना सुनिश्चित करता है।
2- जोखिम को कम करना
अगर मोटर साइकिल चलाना पूरी तरह नहीं रोका जा सकता तो पिता यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि उनका बेटा हेलमेट पहने और गति पर नियंत्रण करे। यह दुर्घटना के जोखिम को कम कर देगा।
जोखिम के समय के लिए अर्थ प्रबंधन
जोखिम के समय पर अर्थ प्रबंधन की तकनीक के अन्तर्गत, अगर जोखिम नियंत्रित नहीं किया जा सकता हो तो जोखिम होने की दशा में इसका बीमा कराना ही समझ दारी है। वित्तीय नुकसान को ठीक करने के लिए एक तय प्रक्रिया होती है। जोखिम के समय अर्थ प्रबंधन के दो तरीके हैं :-
1- जोखिम अवरोधन
अगर वित्तीय नुकसान ज्यादा गंभीर नहीं हो और इसके घटित होने की संभावना अधिक हो तो बेहतर होगा कि जोखिम अवरोधन किया जाए। उदाहरण के लिए, एक कंपनी जो अपने कर्मचारियों को चिकित्सा लाभ देती है, यह तय कर सकती है कि वह साधारण बीमारी जैसे खांसी-जुकाम के लिए बीमा विकल्प नहीं लेगी। कंपनी स्वयं अपने कर्मचारियों के इलाज का खर्च वहन कर सकती है। Benefits of Insurance policy
2- जोखिम हस्तांतरण
यही कंपनी उन बीमारियों के लिए बीमा करवा सकती है जिनके इलाज का खर्च ज्यादा हो। किसी कर्मचारी को कोई बड़ी बीमारी होने पर, बीमा कंपनी उसके इलाज का पुनर्भुगतान करेगी। इस परिदृश्य में, कंपनी अपने वित्तीय जोखिम को एक बीमा कंपनी को हस्तांतरित कर रही है। अगर जोखिम प्रबंधन तकनीकों का ध्यान नहीं रखा जाए और उनका नियमित रूप से निरीक्षण नहीं किया जाए तो इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि किसी व्यक्ति ने कितनी बड़ी सम्पत्ति बना रखी है, क्योंकि एक अनचाही घटना इस संपत्ति को धूल में मिला सकती है। किसी भी सम्पत्ति बनाने वाली गतिविधि का मुख्य स्तम्भ जोखिम प्रबंधन ही होना चाहिए ।
बीमा का इतिहास
ग्रीक व यूनानी सभ्यता में 600 ईसा पूर्व बेनीवोलेट सोसायटीज के तहत हर परिवार को एक कार्ड दिया जाता था। परिवार के किसी सदस्य के दुर्घटनाग्रस्त होने पर सोसायटीज उस परिवार को एक निश्चित रकम प्रदान करती थी। मध्य काल में गिल्ड नामक प्रथा भी कुछ इसी तरह की सुविधा मुहैया करवाती थी। चीनी और बेबोलियन सभ्यता में ऐसा प्रचलन दूसरी या तीसरी सदी में पाया गया। यह सुरक्षा व्यापार में होने वाले जोखिमों से रक्षा करती थी। विभिन्न सभ्यताओं में सदियों से चले आ रहे इस चलन का उददेश्य भविष्य की दुर्घटनाओं से सुरक्षा देना था ताकि निश्चित होकर वर्तमान को जिया जा सके। जीवन बीमा इसी सुरक्षा का वादा है। Benefits of Insurance policy
बीमा के बारे में
❤️ राष्ट्रीयकरण (1955) से पहले अनेक बीमा कंपनियां महिलाओं का बीमा करने के लिए अतिरिक्त प्रीमियम लेती थीं या कुछ अवरोधक शर्ते लगाती थीं। बहरहाल, जीवन बीमा के राष्ट्रीयकरण के बाद से स्थितियां सुधरी हैं। वर्तमान में कामकाजी महिलाओं को पुरुषों के समतुल्य माना जाता है। दूसरे मामलों में निवारक शर्त लगाई जाती है। वह भी सिर्फ तब जब महिला की उम्र 30 साल तक हो और कराधान सीमा में आने लायक उसकी आमदनी न हो।
❤️ कीमैन बीमा व्यापारिक कंपनियों/कंपनी को अपने महत्वपूर्ण कर्मचारियों के असामयिक निधन से होने वाले वित्तीय नुकसान से बचाने के लिए किया जाता है।
❤️ पेंशन योजनाएं ही अकेली ऐसी योजनाएं हैं, जो आपके भविष्य के भीतर झांककर बुढ़ापे में आपकी आर्थिक मजबूती का अनुमान लगा सकती हैं। ये योजनाएं वरिष्ठ नागरिकों और उन लोगों के अनुकूल हैं, जो सुरक्षित भविष्य की योजना बना रहे हों ताकि जिंदगी की बेहतरीन चीजें छूट न जाएं।
❤️ ग्रुप इंश्योरेंस स्कीम लोगों के समूह के लिए जीवन बीमा सुरक्षा है। यह कर्मचारियों, संगठनों, समितियों के लिए अच्छी योजना है, जो कम कीमत पर समूह लाभ देती है।
❤️ कैंसर का इलाज बहुत महंगा है हालांकि बीमा कंपनियां केवल कैंसर पॉलिसी के लिए नगण्य के बराबर प्रीमियम लेती हैं, इसलिए परिवार, जिनके साथ कैंसर की समस्या पीढ़ियों में रही है या ऐसी आदतें हैं जिनसे कैंसर होता है, उन्हें कैंसर की पॉलिसी लेनी चाहिए।
एल आईसी जीवन वर्षा पॉलिसी
यह सीमित अवधि के लिए एक गारंटीड एडीशन वाली एक मनी बैक पॉलिसी है। इस पॉलिसी में मैच्योरिटी (परिपक्वता) एवं मृत्यु पर गारंटीकृत लाभ के साथ-साथ अनूठी खूबियां भी है। ‘जीवन वर्षा’ 9 वर्ष एवं 12 वर्ष की अवधि के लिए एक धन वापसी (मनीबैक) योजना है जिसमें प्रीमियम भुगतान अवधि 9 वर्ष तक ही सीमित है। इस पॉलिसी में रु. 65/- मात्र प्रति वर्ष (प्रति हजार बीमाधन) 9 वर्ष की अवधि के लिए तथा रु. 70/- मात्र प्रतिवर्ष (प्रति हजार बीमा धन) 12 वर्ष की अवधि के लिए आकर्षक गारंटीड एडीशन के भुगतान का प्रावधान है। पहली बार किसी भी धन वापसी (मनीबैक) योजना में हर तीन वर्षों में विद्यमानता हितलाभ (सर्वाइवल बेनिफिट) के भुगतान की सुविधा इस योजना में दी गई है। अर्थात् 9 वर्ष की अवधि में तीसरे, छठे तथा नवें वर्ष और 12 वर्ष की अवधि में तीसरे, छठे व नवें तथा बारहवें वर्ष में धन वापसी उपलब्ध होगा। कोई भी व्यक्ति, जो 15 वर्ष की आयु को पूरी कर चुका हो, इस पॉलिसी को खरीद सकता है ताकि प्रथम जीवित हितलाभ (सर्वाइवल बेनिफिट) केवल उसके वयस्क होने पर ही देय हो। परिपक्वता आयु (मैच्योरिटी) की अधिकतम सीमा 75 वर्ष की आयु रखी गई है। यह एक नियमित प्रीमियम योजना है जिसमें प्रीमियम वार्षिक/अर्द्धवार्षिक/त्रैमासिक एवं मासिक (केवल ईसीएस द्वारा) अदा किए जा सकते हैं। मासिक (ईसीएस) द्वारा भुगतान विधि अपनाने पर न्यूनतम बीमा धन रु.75000/- तथा अन्य विधियों के लिए रु.50000/- होगा। अधिकतम बीमा धन की कोई सीमा नहीं है। यह पॉलिसी उन लोगों के लिए एक आदर्श पॉलिसी है जो भविष्य में विभिन्न अन्तराल पर आने वाली अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ-साथ अपने धन पर एक निश्चित एवं संतोषजनक प्रतिफल की गारंटी चाहते हैं ।।
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