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जिंदगी जीने के लिए ...
Financial management

Financial management – वित्तीय प्रबंधन के सिद्धांत

पूरी दुनिया के विकसित देशों में वित्तीय नियोजन (Financial management) की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। विदेशों में वित्तीय नियोजन शुल्क सेवा है जिसमें निवेशकों को एक सत्र के लिए 100 यू.एस. डॉलर और पूरे वित्त नियोजन के लिए 1000 यूएस. डॉलर तक की राशि खर्च करनी पड़ती है। जिंदगी में अगर कुछ स्थायी है तो वह बदलाव है। समय बदलता रहता है। लोग बदलते रहते हैं, इसलिए जिंदगी भी बदलती रहती है। आप यह अपेक्षा रखते है कि जिंदगी जैसी आज है उससे बेहतर कल हो। कल के लिए आप उम्मीद करते है कि आपकी सारी अपेक्षाएं और सपने पूरे हों, लेकिन क्या होगा अगर जिंदगी खराब मोड़ ले ले? या फिर कोई दुर्घटना घट जाए? शायद वक्त आ गया है कि आप अपने निवेश की योजनाओं की दिशा बदलें….

वित्तीय नियोजन (Financial management) एक खास परिस्थिति आधारित अनुरूपण है जिसमें आपकी जिंदगी भर की वित्तीय जरूरतों को ध्यान में रखा जाता है और आपकी व्यक्तिगत निवेश नीति तैयार की जाती है ताकि आपकी जरूरतें पूरी हो सकें। इसके मुख्य चरण हैं –

✅ आपकी वर्तमान वित्तीय स्थिति को पहचानना, आपके लक्ष्यों की सूची बनाना व प्राथमिकताएं तय करना, एक मजबूत निवेश योजना बनाना, ताकि आप अपने लक्ष्यों को पा सकें।
✅नियोजन पर नज़र रखना ताकि अगर जरूरत हो तो सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें।

वित्तीय नियोजन क्यों आवश्यक है  ?

वित्तीय नियोजन का आधार यह है कि हर एक व्यक्ति की अपनी व्यक्तिगत, वित्तीय जरूरतें होती हैं, जो कि जिंदगी के विभिन्न स्तरों पर सामने आती हैं (शादी करना, सम्पत्तियां जैसे वाहन, घर आदि खरीदना या अपने बच्चों की पढ़ाई या उनकी शादी)। वित्तीय नियोजन की सहायता से आप इन सबके लिए स्वयं को समय रहते तैयार कर सकते हैं। आपकी बहुत सारी जरूरतें, सपने और इच्छाएं हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, शायद आपका सपना हो

✅ एक नई कार खरीदने का, एक सपनों का घर खरीदने का, अपने बच्चों को बेहतरीन शिक्षा के अवसर प्रदान करने का, अपने बच्चों की शानदार शादी करने का।

✅ सेवानिवृत्त होने के बाद अच्छा समय गुजारने का।

लेकिन आसमान छूती कीमतों और बढ़ती मुद्रास्फीति की दुनिया में कितने लोग हैं, जो इन सपनों को हकीकत में बदल सकते हैं? यदि सही नियोजन किया जाए तो आप अपने सीमित स्रोतों को पूरी तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। वित्तीय नियोजन (Financial management)आपको एक बड़ी तस्वीर देखने और कम अवधि या ज्यादा अवधि के उद्देश्यों को समय पर पूरा करने के लिए निवेश करने में मदद करता है। क्योंकि सपने देखना हर एक का हक है। सपनों को पूरा करना आसान हो जाता है जब आप एक ऐसी योजना पर काम करते हैं जो

✅ भरोसेमंद और हकीकत के करीब हो

✅ स्वयं सिद्ध हो

वित्तीय नियोजन कार्यक्रम उन सभी व्यक्तियों की जिंदगी में फर्क ला सकता है, जो एक तनावरहित, वित्तीय रूप से सुरक्षित जीवन जीना चाहते हैं। हममें से ज्यादातर लोग अपनी आधी से ज्यादा जिंदगी काम करने और पैसा बचाने में बिता देते हैं क्योंकि पैसा महत्वपूर्ण है। हालांकि महत्वपूर्ण यह है कि हममें से ज्यादातर लोग अपनी पसीने की कमाई को ज्यादा असरदार ढंग से काम आने की दिशा में योजनाएं बनाने पर बिल्कुल समय खर्च नहीं करते, जबकि यह बहुत जरूरी है। वित्तीय प्रबंधन (Financial management) आप निम्न प्रकार से स्वयं ही कर सकते हैं –

1- अपने घर की नीतियों की समीक्षा करें

वित्तीय नियोजन/प्रबन्धन  (Financial management) निवेश से शुरू नहीं होता बल्कि अपने सम्पूर्ण वित्तीय ढांचे की समीक्षा से शुरू होता है। इससे पहले कि आप एक निवेश लांचे को बनाने की शुरुआत करें, आपको इन विषयों पर ध्यान देना होगा

अपनी सेहत, जिंदगी और स्वास्थ्य का बीमा करवाएं : आपको अपने वित्तीय निवेश की शुरुआत अपने परिवार की वर्तमान जीवनशैली को दुर्घटनाओं और उन खचों से बचाने में करनी चाहिए जिन पर आपका नियंत्रण नहीं है।

अपने उच्च दरों वाले ऋण का भुगतान करें : एक रुपए की बचत एक रुपए की आय है। समय पर अपने क्रेडिट कार्ड बिलों का भुगतान ब्याज के रूप में दिए जाने वाले आपके उतने रुपयों की बचत करेगा, जितने कि आपको अपने निवेश से मिल सकते हैं। यही बात आपके ऋण पर भी लागू होती है जो कि पांच प्रतिशत प्रतिवर्ष (सभी प्रकार के टैक्स फायदे व्यवस्थित करने के बाद) से अधिक की दर पर लिया गया हो, इसलिए अपना निवेश पोर्टफोलियो बनाने से पहले अपने उच्च दरों वाले ऋण को चुकाने में निवेश करें।

मुश्किल परिस्थितियों के लिए पैसे अलग रखें : कुछ पैसा कम अवधि के लिए निवेश करें, जो अनपेक्षित जरूरतों और मुश्किल परिस्थितियों के समय आपके काम आ पाए।

एक बचत योजना बनाएं : आय – खर्च = बचत इस समीकरण के लिए किसी मौके का इंतजार मत कीजिए बल्कि एक बचत योजना बनाइए। अपनी बचत योजना के अन्तर्गत आप जितना नियमित रूप से बचा सकते हैं, इस उद्देश्य के साथ बचाएं कि आपको अपनी वार्षिक आय का कम से कम 15 प्रतिशत तक बचाना है। आपकी वित्तीय जरूरतों के चलते आप थोड़ा कम या ज्यादा बचा सकते हैं। जब तक आप कुछ बचा रहे हैं तब तक इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि आप कितना बचा रहे हैं।

2 – लक्ष्य के हिसाब से तैयारी करें

जितना आप सोचते हैं, निवेश योजना (Financial management) उससे कहीं अधिक आसान है और आपकी कल्पना से भी ज्यादा फायदेमंद है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितनी उम्र के हैं या कितने अमीर हैं या फिर आपका पोर्टफोलियो कितना छोटा या बड़ा है । समझदारी का सही समय अभी है और यह भी ध्यान रखें कि अपनी सम्पत्ति को तेजी से बढ़ाने के लिए यह कतई जरूरी नहीं कि आप वित्तीय विशेषज्ञ ही हों। इसके लिए  आप :-

✅ अपने वित्तीय लक्ष्य पहचानें : अपने वित्तीय लक्ष्यों को सही रूप से पहचानना, शुरुआत का सबसे अच्छा तरीका है। आपके लक्ष्य क्या हैं ? आप किस लिए बचत कर रहे हैं ? घर खरीदने के लिए ? अपने बच्चे की पढ़ाई के लिए ? अपने बच्चे की शादी के लिए ? एक नई कार खरीदने के लिए ? वर्ल्ड-टूर पर जाने के लिए ? अपने रिटायरमेंट के लिए ? ढंग से आकलन करें, समय सीमा और पैसा दोनों को ध्यान में रखें।

✅ अपने जोखिमों को समझें : हममें से हर एक की जोखिम उठाने की एक निश्चित क्षमता होती है (व्यक्तिगत आय और सम्पत्ति के स्तर के आधार पर) और जोखिम को सहने की क्षमता भी भिन्न होती है (हमारी व्यक्तिगत मनोवृत्ति के आधार पर)। इससे पहले कि आप अपने निवेश की योजना बनाएं अपने जोखिमों को समझना बहुत जरूरी है ताकि अपने निवेश पोर्टफोलियो में जोखिमों से अधिकतम फायदा उठाया जा सके।

अपनी सम्पत्ति का विनियोजन करें : हममें से अधिकांश लोग, जो लाभ हम कमाना चाहते हैं, उसी के आधार पर निवेश संबंधित फैसले करने की प्रवृत्ति रखते हैं। हालांकि लाभ हमारा अंतिम लक्ष्य है, पर यह हमारे पोर्टफोलियो को बनाते समय शुरुआती बिन्दु नही होना चाहिए। अगर लाभ ही आपके निवेशीय फैसलों का पाराषक आधार है तो आप अपने वित्तीय स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं। आप शायद अपनी वित्तीय या मनोवैज्ञानिक क्षमता से अधिक जोखिम उठा रहे हैं या फिर अपनी क्षमता से अपेक्षाकृत कम जोखिम मानकर ऊंचे लाभ के चक्कर में हार रहे हैं। अलग-अलग सम्पत्ति के स्तर वाले लोगों में जोखिम उठाने के स्तर भी अलग-अलग होते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि आप अपना पोर्टफोलियो इस प्रकार से बनाएं कि जोखिम न केवल आपके व्यक्तिगत जोखिम से मिलता-जुलता हो बल्कि आपकी तरलता की आवश्यकता भी पूरी हो सके।

3- कल की प्रतीक्षा न करें

जितनी जल्दी आप शुरुआत करेंगे आपका पैसा उतनी जल्दी आपके लिए काम करना शुरू करेगा, इसलिए आज ही योजनाएं बनाना शुरू कर दीजिए। देर से निवेश करने से भी बुरी स्थिति है निवेश ही न करना। इसके लिए आप :-

अपने फायदों में संयोजन की शक्ति का इस्तेमाल करें : जल्दी निवेश शुरू करने का एक कारण है संयोजन की शक्ति। जितनी जल्दी आप निवेश शुरू करेंगे, उतना बेहतर होगा क्योंकि हर दिन जब आपने निवेश किया है, वह दिन है जब आपका पैसा है आपके लिए काम कर रहा है।

✅ अपने निवेश को अपनी नकद जरूरतों से जोड़ें : अगर आपको अगले साल घर खरीदने के लिए नकद डाउन पेमेंट देना हो या फिर बच्चे के कॉलेज की फीस देनी हो तो कम अवधि और कम जोखिम वाली योजना में निवेश कीजिए। जैसे लिक्विड/गिल्ट/मनी मार्केट फंड्स या बैंक की सावधि जमा या टॉप रैंकिंग वाली कम्पनी डिपॉजिट्स या फिक्स्ड इनकम इन्वेस्टमेंट विकल्प आदि। साथ ही कम अवधि की निवेश योजना में केवल उतना ही पैसा लगाइए जितना कम अवधि में आपको चाहिए। वह पैसा, जिसकी आपको कम से कम तीन साल तक जरूरत नहीं है, या बेहतर होगा कि अगर कहें कि पांच साल तक नहीं है, तो म्यूचुअल फंड की इक्विटी प्लान के बारे में सोचें।

अपने निवेश के गुणों का आकलन करें : अपने निवेशों के लिए सही पूंजी प्रबंधक का चुनाव निवेश प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आप अपना पैसा खुद संभाल सकते हैं, अगर आपके पास आवश्यक तकनीकी ज्ञान, प्रवृत्ति, समय और स्वभाव है या फिर म्यूचुअल फंड के माध्यम से निवेश कर सकते हैं या फिर व्यावसायिक वित्तीय सलाहकारों के माध्यम से निवेश कर सकते हैं। यदि आपने अपना वित्तीय नियोजन सही क्रम में चुना है तो आप आधी लड़ाई जीत गए हैं ।।

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