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जिंदगी जीने के लिए ...
Wilma Rudolph

Wilma Rudolph – दुनिया की सर्वश्रेष्ठ धावक

सितम्बर 1960 की वह सातवीं तारीख थी। रोम के ओलिम्पियाड स्टेडियम में दर्शक खचाखच भरे हुए थे। दुनिया की सर्वश्रेष्ठ धावक तय करने वाले इस क्षण का गवाह बनने के उत्सुक उन दर्शकों के अलावा हजारों लोग बाहर भी जमा थे। इन लोगों में सबसे ज्यादा उत्सुक तो अमेरिका के लोग थे, क्योंकि वहां की […]

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अपना अपना सच

अपना अपना सच – सच्चिदानंद का अर्थ क्या है ?

सत्य सभी सीमाओं और संकीर्णताओं को तोड़कर निर्बन्ध बहता है और सभी विरोधाभासों को अपने में समाहित कर लेता है। यह सत्य का स्वरूप है, सत्य की चेतना है, सत्य का आनंद है। यह सत्य की सार्वभौमिकता है। दुनिया में महापरूषों ने सत्य को अपने अपने तरीके से परिभाषित किया है आगे हम जानते हैं

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सत्य की खोज महात्मा गांधी

सत्य की खोज महात्मा गांधी – महात्मा गांधी की नजरों में सत्य

सत्य सभी सीमाओं और संकीर्णताओं को तोड़कर निर्बन्ध बहता है और सभी विरोधाभासों को अपने में समाहित कर लेता है । यह सत्य का स्वरूप है, सत्य की चेतना है, सत्य का आनंद है। यह सत्य की सार्वभौमिकता है। सत्य की परिभाषा बड़ी व्यापक है अन्य महापरूषों कि तरह महात्मा गाँधी ने भी सत्य के

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महात्मा बुध्द का सत्य का मार्ग

महात्मा बुध्द का सत्य का मार्ग – बुध्द की नजरों में सत्य

महात्मा बुद्ध कहते हैं, “सत्य का आग्रह भूलकर नहीं करना चाहिए। सत्य तो अनाग्रह से पैदा होता है।” वे आगे कहते हैं कि “असत्य को पकड़ने की हमारी आदत इतनी जड़ है कि अगर हम कभी एक असत्य को छोड़ते भी हैं तो तत्क्षण हम दूसरे को पकड़ लेते हैं। या अगर कभी भूल-चूक से

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सत्य के कितने सिद्धांत हैं

सत्य के कितने सिद्धांत हैं – सच को परखने के सिद्धांत

कोई घटना या विचार सत्य है ? या असत्य ? या अगर वह सत्य भी है तो उसकी वजहें क्या हैं, इन पर दार्शनिक अपने तरीके से विचार करते रहे हैं इस लेख में हम जानते हैं कि दार्शनिक लोगों के अनुसार सत्य के कितने सिद्धांत हैं और  सच को परखने के सिद्धांत कौन कौन

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  सत्य को कैसे स्वीकार करें

सत्य को कैसे स्वीकार करें – सत्य क्या है झूठ क्या है ?

हम जीवन भर दूसरों के सत्य और अपने असत्य खोजने में लगे रहते हैं इस लेख में हम जानते हैं कि सत्य को कैसे स्वीकार करें  और  सत्य क्या है झूठ क्या है ? अपना अपना सत्य सत्य के बारे में कहा गया है कि यह न तुम्हारा होता है, न मेरा। सत्य वही है

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कभी झूठ भी अच्छा होता है

कभी झूठ भी अच्छा होता है – झूठ बोलना सही है या गलत ?

झूठ बोलना अक्सर खराब माना जाता है। हालांकि यह सच नहीं है। सच की तरह ही झूठ भी हमारे जीवन का जरूरी हिस्सा है और कई बार यह सच से भी बढ़कर काम करता है। अक्सर जटिल बीमारियों में लोग डॉक्टर को बंधाई गई झूठी उम्मीद के सहारे लंबा जीवन गुजार जाते हैं। कभी रिश्तों

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सर्दी में लगाने वाले पौधे

सर्दी में लगाने वाले पौधे – नवंबर में बगीचे की तैयारी कैसे करें ?

शर्दियों के आने से पहले हमें अपने बगीचे की संभाल अच्छी तरह से करनी चाहिए इस लेख में हम जानते हैं कि सर्दी में लगाने वाले पौधे कौन कौन से हैं और  नवंबर में बगीचे की तैयारी कैसे करें ? :- शर्दियों से पहले पौधों कि देखभाल 1- गुलाब के लिए प्रति लीटर पानी में

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मां और बेटी का रिश्ता 

मां और बेटी का रिश्ता – मां की परछाई है बेटी

एक  बहुत प्रचलित और पुरानी कहावत है कि  “बेटी मां की परछाई होती है और बाप का गरूर” लेकिन आज इस लेख में हम बात करेंगे माँ और बेटी के रिश्ते के बारे में,  इस लेख में हम आगे जानेंगे कि मां और बेटी का रिश्ता कैसा होना चाहिए और मां की परछाई है बेटी

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 भूख न लगने के कारण और उपाय

भूख न लगने के कारण और उपाय – भूख बढाने के आयुर्वेदिक उपचार

भोजन में रुचि नहीं होना या खाना खाने का मन नहीं होना ही अरुचि है। इसे अरोचक भी कहा गया है। अरुचि मुख्य रूप से रसज रोग है। अतः रस धातु में किसी भी तरह को विकृति या रसवह स्रोतस में किसी भी तरह की रुकावट होने से अरोचक रोग उत्पन्न होता है। भूख लगी

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