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Presentation of speech in Hindi

Presentation of speech in Hindi – भाषण की प्रस्तुति को बेहतर करने वाले गैजेट

गर आप अच्छा बोल तो लेते हैं लेकिन आपकी प्रस्तुति लोगों को खींच नहीं पाती है । आपके पास बहुत से अच्छे और अद्भुत आइडिया हैं जो लोगों का जीवन बदल सकते हैं लेकिन कहीं कोई ऐसी कमी है जो आपके संदेश को असरदार नहीं बनने देती । रिसर्च कहती है किसी भी कम्युनिकेशन के प्रभावशाली होने में मौखिक बातचीत 33 प्रतिशत योगदान देती है बाकी की 67 प्रतिशत भूमिका सुनने की होती है। इस 33 प्रतिशत को तभी सुना जाएगा जब आप कुछ दमदार बोलेंगे। आधुनिक तकनीक की मदद से तैयार किया एक असरदार प्रजेंटेशन लोगों पर अमिट छाप छोड़ सकता है। बात जब Presentation of speech in Hindi  की होती है या भाषण की प्रस्तुति को बेहतर करने वाले गैजेट की बात होती है तो आगे जानिए कुछ काम के गजेट व तकनीकें जो आपके भाषण के प्रजेंटेशन को बनाएंगी सबसे अलग और खास !

संदेश देने के लिए  टेक्नीक

कम समय में प्रभावशाली संदेश देने के लिए प्रेजेंटेशन के लिए कई साधन अपनाए जाते हैं। इन्हें सपोर्टिंग टेक्नीक कहा जाता है। जो बेहद असर कारी होते हैं और ये आपके श्रोताओं की संख्या को भी बढ़ा सकते हैं। इनमे से प्रमुख कुछ ये हैं :-

स्लाइड एंड ट्रांसपरेंसी

फोटो और डेटा भाषण के बेहतर प्रजेंटेशन में प्रभावशाली असर छोड़ती है। इसमें सबसे ज्यादा काम आने वाली तकनीक स्टोरी बोर्ड तकनीक है। जिससे विषयों में क्रमबद्धता और वक्ता का प्रवाह बना रहता है। हमेशा ख्याल रखें काम में ली जाने वाली सभी स्लाइडे डिजाइन में एक जैसी हों। हर स्लाइड पर एक टाइटल नंबर लगा लें। संदेश हमेशा स्लाइड के बीच में हो। शब्दों के साथ इमेज और ग्राफिक्स का इस्तेमाल करें। संदेश की भाषा का फोंट ऐसा हो, जो आसानी से पढ़ा जा सके। ज्यादा कलात्मक रूप देने के लिए उसके साथ छेड़छाड़ न करें।

वीडियो और ऑडियो

दिखाएं भी और सुनाएं वैज्ञानिक रूप से भी यह प्रमाणित हो चुका है कि हमारा दिमाग विजुअल्स को लंबे समय तक सुरक्षित रखता है और उन्हें जल्दी याद कर लेता है। हम जो कुछ भी आंखों से देखते हैं उस पर ज्यादा विश्वास करते हैं। इसलिए प्रजेंटेशन के समय वीडियो का प्रयोग जादुई रूप से कारगर होता है। मान लीजिए आप अपने श्रोताओं को किसी पक्षी की आवाज की खूबियां बताना चाहते हैं। इसके लिए आप ऑडियो का इस्तेमाल करें तो आपको शब्दों की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।

प्रोजेक्टर

प्रोजेक्टर भी प्रेजेंटेशन के दौरान काफी मददगार साबित होता है। एक व्यवस्थित प्रस्तुति के लिए पाइंटर का उपयोग करें। प्रोजक्टर के बेहद करीब न खड़े हों। ऐसा करने से आप प्रोजेक्टर बीम और स्क्रीन के बीच रुकावट बन सकते हैं। फ्लॉपी या कांपेक्ट डिस्क अच्छी क्वालिटी की होनी चाहिए। आपको उपकरण से संबंधित आवश्यक तकनीकी की जानकारी भी होनी चाहिए।

 फ्लिपचार्ट

यह 2’x4′ या 3’x5′ की एक शीट होती है। जिसे प्रजेंटेशन से पहले तैयार किया जा सकता है और हाथों-हाथ भी बनाया जा सकता है। इसे इस्तेमाल करने का एक रोचक तरीका है। अगर आप श्रोताओं में एक सस्पेंस जगाना चाहते हैं तो फ्लिपचार्ट का मुंह अपनी ओर रखिए। जब आप इसे दिखाना चाहें तब इसे श्रोताओं की ओर घुमा दें। यदि श्रोताओं को अपना संदेश अधिक प्रभावशाली तरीके से देना है तो फ्लिपचार्ट को शुरुआत से अंत तक लगा रहने दें।                                      (Presentation of speech in Hindi)

माइक्रोफोन

एक यादगार प्रस्तुति के लिए जरूरी है प्रभावशाली बॉडी लैंग्वेज। इसके लिए एक अच्छे और उपयुक्त माइक्रोफोन की मदद से आपके दोनों हाथ खाली रहेंगे और आप अपनी बातचीत में उनका खुलकर इस्तेमाल कर पाएंगे। प्रजेंटेशन में ज्यादातर तीन प्रकार के माइक्रोफोन काम में लिए जाते हैं। स्टैंड वाले माइक्रोफोन पर वक्ता को एक ही जगह से जुड़े रहना पड़ता है। कॉर्डलेस माइक्रोफोन में वक्ता का एक हाथ तो व्यस्त रहता है लेकिन वह अपने शारीरिक हाव भावों के लिए फ्री रहता है। तीसरा, कॉलर माइक्रोफोन जिसमें आप पूरी तरह फ्री रहते हैं और यह आपको प्रोफेशनल लुक भी देता है लेकिन इसमें आपको कुछ तकनीकी बातों का ख्याल भी रखना पड़ता है।                 (Presentation of speech in Hindi)

श्रोताओं को भी करें शामिल

अगर आप चाहते हैं कि लोग आपको लंबे समय तक याद रखें तो आपको उनसे जुड़ना होगा। इसके लिए आप अपने प्रजेंटेशन में उन्हें भी शामिल कीजिए। बीच-बीच में पूछे जाने वाले प्रश्नों के अलावा आप उनसे उनके अनुभव पूछ सकते हैं। उनकी राय मांग सकते हैं ताकि वे भी बातचीत में शामिल हों। याद रखें कि लोगों को पहचान बेहद पसंद होती है। अगर आप बीच-बीच में पूछे, आप में मौजूद कितने लोग डॉक्टर हैं? या फिर आप में किन लोगों को अमुक पुरस्कार मिल चुका है? तो उन्हें खुशी होगी और बाकी के श्रोताओं में भी उनकी पहचान बनाएगी। इस तरह की घटनाएं लोगों को लंबे समय तक याद रहती हैं साथ ही वे प्रेरित भी होते हैं। आप अपने तर्कों के पक्ष या विपक्ष में उनसे हाथ खड़े करवा सकते हैं

श्रोताओं को शाबाशी दें

अपने श्रोताओं पर खास ध्यान दें और जो लोग शुरू से रुचि ले रहे हो उन्हें प्रोत्साहित करना न भूलें। इसके लिए स्टेज पर एक बड़ी कुर्सी रख दें। जहां वर्कशाप में हिस्सा लेने एक्टिव श्रोताओं को बिठाएं और उन्हें सेमिनार या वर्कशॉप का खास व्यक्ति घोषित करें। जिससे उनमें उत्साह बना रहेगा और आप भी एक अच्छे प्रजेंटेटर की गिनती में शामिल हो जाएंगे।

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