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घुटने के दर्द के कारण और उपाय

घुटने के दर्द के कारण और उपाय – घुटनों के दर्द के लिए घरेलू उपचार

मारा घुटना हमारे शरीर का बोझ उठाने वाला सबसे महत्वपूर्ण जोड़ होने के साथ ही सबसे नाजुक संरचना भी है। इसके अलावा घुटने का  जोड़ शरीर के सर्वाधिक सक्रिय जोड़ों में से एक जोड़  होता  है। आज कल व्यस्त जीवन में और खराब हो चुकी दिनचर्या में घुटनों की बीमारी या दर्द बहुत बढ़ गया है । आज कल बहुत कम उम्र में ही अधिकत्तर लोगों के घुटनों के जोड़ दर्द करने लगते हैं। घुटनों के दर्द के कारण कई लोगों की टाँगे टेडी हो जाती हैं जिससे उन्हें चलने फिरने में बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में हम फिर घुटने के दर्द को नजरअंदाज़ कैसे क्र सकते  हैं। इसलिए आज हम इस आर्टिकल में घुटने के दर्द के कारण और उपाय  और घुटनों के दर्द के लिए घरेलू उपचार के बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं ।

 घुटनों का दर्द (Knee pain)

भारत जैसे देश  में घुटने के दर्द (Knee pain) के बारे में उतनी ही लापरवाही से बात की जाती है जैसे कि मामूली सिर दर्द की, जबकि वास्तविकता यह है कि घुटनों के दर्द से पीड़ित व्यक्ति के जीवन की गतिविधियां स्वतः ही सीमित हो जाती है। इस दर्द को हल्का आंकना जीवन में तकलीफ बढ़ा सकता है और कभी-कभी यह दर्द इतना गंभीर हो सकता है कि आपको लंबे समय तक आराम भी करना पड़ सकता है । यह दर्द हममें से बहुत से लोगों की गति को मंद कर सकता है जो जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दौड़ में लगातार भाग रहे हैं।

घुटनों के दर्द के कारण

घुटनों के दर्द के अनगिनत कारण होते हैं। किसी भी दर्द को समझने के लिए हमें अपने शरीर की बायो-इंजीनीयरिंग को परखना और समझना होता है । घुटना हमारे शरीर का बोझ उठाने वाले महत्वपूर्ण जोड़ों में से एक जोड़ होता है। नितम्बों और अन्य मुख्य जोड़ों की संरचना से अलग यह बेहद नाजुक संरचना होती है। दिन के वक्त जब हम सक्रिय होते हैं, शरीर के बाकी सभी जोड़ों में यह जोड़ सबसे ज्यादा सक्रिय रहता है। घुटनों के दर्द के मुख्य कारण निम्न लिखित हो सकते हैं –

घुटनों का दुरुपयोग

घुटनों का दर्पयोग हे घुटनों के  दर्द का प्राथमिक कारण होता है। सप्ताहांत में एक बार दौड़ना, गलत मुद्रा में बहुत ज्यादा पैदल चलना, साइकिल चलाना, ट्रेडमिल का गलत उपयोग या फिर व्यायाम की दृष्टि से सीढ़ियां चढ़ना, ये सभी घुटनों को क्षति पहुंचाने के लिए जिम्मेदार रहते हैं।

गलत आहार

गलत आहार भी घुटनों के दर्द की  एक वजह हो सकती है। अत्यधिक मसालेदार, तैलीय भोजन, रेडमीट का अधिक सेवन शरीर में यूरिक एसिड की भर मार कर देता  है। इसके साथ ही बींस, मटर, कुछ विशेष प्रकार की मछलियों (सारडाइन्स और एंछोवीज), लीवर और मदिरा के सेवन से भी यूरिक एसिड उत्पन्न होता है, जिससे जोड़ों में दर्द की स्थिति या गठिया रोग जन्म लेता है जिससे घुटनों में दर्द होता है।

ऑस्टीयो आर्थराइटिस

घुटनों के जोड़ों को अत्यधिक क्षति पहुंचने से ऑस्टीयो आर्थराइटिस हो सकता है। इन जोड़ों का अत्यधिक या गलत उपयोग भी इसका मुख्य कारण है।

आनुवंशिक तत्व व जीवन शैली

घुटनों के दर्द के अन्य कारणों के अतिरिक्त  आनुवंशिक तत्व, जीवन शैली से संबंधित आदतें भी इन्हीं कारणों में शामिल है।

यूमेटॉइड आर्थराइटिस यानी संधि शोथ

घुटनों में यूमेटॉइड आर्थराइटिस यानी संधि शोथ, सूजन उत्पन्न करने वाली कष्ट कारक स्थिति है। चिकित्सा जगत आज भी इसके होने की वजह को लेकर अनिश्चय की स्थिति में है। यह स्व प्रतिरक्षी रोग के रूप में जाना जाता है, जिसमें कि शरीर सुरक्षा की गलत फहमी के कारण अपना नुकसान करने लगता है। यह अपने ही ऊतकों पर वार करता है, जिससे अत्यधिक व पीड़ा दायक नुकसान होता है। योग में सभी स्व प्रतिरक्षी रोगों को मनो वैज्ञानिक विकार के संकेत के रूप में देखा जाता है। यानी ये वे रोग हैं, जो हमारे सोचने के ढंग के कारण पैदा होते हैं। शरीर को स्वस्थ करने के साथ-साथ इनकी भी मरम्मत होना जरूरी हो जाता है।                                                  (घुटने के दर्द के कारण और उपाय)

घुटनों के दर्द के उपाय अथवा घरेलू उपचार 

घुटनों के दर्द से हम नीचे वर्णित में से सभी या कुछ उपायों को अपना कर घुटनों के दर्द को कम कर सकते है :-

  • नियमित ध्यान से शरीर को सुधार के लिए प्रोत्साहित करना से घुटनों के  दर्द में उपचार का सबसे महत्वपूर्ण कारक है। ऐसा माना जाता है कि जब हम ध्यानमग्न होते हैं हमारे दिमाग और शरीर का पुनर्योवन परानुकंपी (रीजुविनेटिंग पैरासिम्पथैटिक) नाड़ी तंत्र सक्रिय हो जाता है, जिससे शरीर के स्वस्थ्य होने की प्रक्रिया तेज हो जाती है।
  • घुटनों के आसपास की मांसपेशियों को ताकतवर बनाकर उन पर पड़ने वाले भार को कम किया जा सकता है। व्यायाम के माध्यम से नितम्ब, रान और पिंडलियों की मांसपेशियों को बेहतर कार्य के लिए प्रेरित किया जा सकता है। यहां पैरों की मांसपेशियों के खिंचाव से संबंधित सभी मुद्राए बहुत सहायक होती हैं।
  • इस परेशानी में दो प्रकार के व्यायामों की सलाह दी जाती है , प्रतिरोधक प्रशिक्षण और सममितीय व्यायाम। प्रतिरोधक प्रशिक्षण का अर्थ है यौगिक आसनों का गुरुत्वाकर्षण के खिलाफ अभ्यास। उदाहरण, अर्ध शलभासन। सममितीय व्यायाम, योगा में किसी भी मांसपेशी को खींचकर पांच सैकंड तक उसी अवस्था में रखने की प्रक्रिया है। उदाहरण, गूल्फ नमन आसन।
  • अपने आहार में स्वास्थ्यवर्धक भोजन को शामिल करना एक और बुद्धिमानी भरा कदम है। शरीर को स्वस्थ रहने के लिए 44 पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। हममें से ज्यादातर कुछ खास भोजन लेना पसंद करते हैं, इससे हमारे शरीर को सीमित पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। सेहतमंदी और अक्लमंदी की दृष्टि से अलग-अलग समूहों के और विभिन्न रंगों का भोजन करना आदर्श स्थिति है। इससे सुधार प्रक्रिया तेज होगी।
  • ऐसे भोजन से बचना महत्वपूर्ण है जो जलन उत्पन्न करते हैं। यह व्यक्तिगत जागरुकता पर निर्भर करता है जिसके लिए अपने खाने-पीने को लेकर संवेदनशील होना आवश्यक है। सफेद चीनी, रिफाइंड चीजें और नकारात्मक पोषण से बचिए क्योंकि ये आपके आहार में महत्वपूर्ण पोषक तत्वों को नष्ट कर देते हैं। साथ ही ये स्वयं के उपपाचन के लिए मूल्यवान पोषक तत्वों का उपयोग कर लेते हैं। यही वजह है कि इनके सेवन को सीमित या पूरी तरह बंद कर दिया जाना चाहिए।  अपने भोजन में सुधारात्मक तत्वों को शामिल करें, जैसे विटामिन सी (गहरी हरी सब्जियां) और एंटी ऑक्सीडेंट्स जो लाल रंग की सब्जियों और फलों से मिलते हैं।
  • रोजमर्रा के कार्यों में रोग को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों से बचाव और सेहत प्रदान करने वाली गतिविधियों को देना भी काफी महत्वपूर्ण है। घुटनों के दर्द में, आलथी-पालथी मारकर बैठने या घुटनों को मोड़कर बैठने और ऐसे योगासनों से बचना चाहिए, जिनमें घुटनों को मोड़ने की जरूरत होती है।

घुटनों के दर्द से राहत के लिए योगासन

योग घुटनों के दर्द में राहत पहुंचाने में इसलिए मदद गार होता है इसमें उपरोक्त कारकों को ध्यान में रखा जाता है। साथ ही ध्यान रखें कि सभी मुद्राओं में पैरों को सही प्रकार से सीध में रखना  अत्यंत महत्वपूर्ण है। अधूरे मन से या जानकारी के बिना  योगाभ्यास से लाभ नहीं मिलता बल्कि नुक्सान ही होता है। योग में पैरों का खिंचाव उपचार की दिशा में पहला  कदम होता है। इन आसनों में शीर्षासन, सर्वांगासन, सुप्त पदांगुष्ठासन, पर्वतासन, अर्ध चंद्रासन, जानू शीर्षासन और पश्चिमोत्नासन हैं प्रमुख होते है ।

घुटने के दर्द के कारण और उपाय

अनन्त आसन

इस आसन को करने के लिए अपनी बाईं तरफ लेट जाएं। अपने शरीर को एक सीध में लाएं। हाथ को मोड़ कर उस पर अपना सिर रखें । सांस अंदर लें। अब सांस छोड़ते हुए अपना दायां पैर ऊपर उठाएं। अपने हाथ से पैर को पकड़ें। अगर आप घुटनों के दर्द से ग्रस्त हैं तो हो सकता है कि आपको पैर थोड़ा मोड़ना पड़े। सामान्य रूप से सांस लें, कुछ सैकंड इसी मुद्रा में रहें और फिर सांस छोड़ दें। इसे पांच बार दोहराएं। अब यही मुद्रा दूसरी तरफ भी करें।                                                      (घुटने के दर्द के कारण और उपाय)

अनंत आसन से लाभ

अनंत आसन संपूर्ण पैर को ताकत देने के साथ यह घुटनों के आसपास की मुख्य मांसपेशियों को मजबूत बनाकर उन्हें सहारा देने में बढ़ोतरी करता है। इससे उपपाचन में भी वृद्धि होती है। यह आसन मूड एलिवेटर है और स्व प्रतिरक्षी रोग संबंधी समस्याओं से ग्रस्त लोगों के लिए फायदेमंद होता है। जननांगों और उत्सर्जन प्रणाली की कई समस्याओं के निवारण में भी यह मददगार है।

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